किसान आंदोलन को लेकर बसपा में फूट..

मायावती की बहुजन समाज पार्टी में इस वक्त गुटबाजी साफ दिखाई दे रही है 2022 के चुनाव से पहले बसपा कई भागों में बैठी हुई दिखाई दे रही है विशेष सूत्रों की मानें तो किसान आंदोलन को लेकर बसपा के अंदर कई मतभेद दिखाई दे रहे हैं फिलहाल बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करके किसानों का समर्थन तो दिया है मगर मायावती के कई नेताओं का कहना है कि बसपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं को किसानों के साथ खड़े होने से ऊपर से रोका जा रहा है

बसपा के कई नेताओं ने यह आरोप लगाकर मायावती की पार्टी से इस्तीफा दे दिया है आपको बता दें कि कई जगहों से ऐसी खबर आ रही है कि मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी के अंदर केवल जिला अध्यक्ष को छोड़कर पूरे जिले के कार्यकर्ता ही पार्टी छोड़कर चले जा रहे हैं

2022 के चुनाव से पहले जिस तरीके से मायावती के सामने राजनीतिक संकट उनके संगठन में ही दिखाई दे रहा है इससे कहीं ना कहीं साफ है कि मायावती की पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं है या तो कोआर्डिनेशन की कमी है या तो विचारधारा में कोई परिवर्तन हुआ है जिसकी वजह से मायावती के पार्टी के अंदर के पुराने कार्यकर्ता भी कई सालों से मायावती के साथ जुड़े हुए हैं और मायावती को कई बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बना चुके हैं वह मायावती की बहुजन समाज पार्टी को छोड़कर अन्य दलों में मिल रहे हैं

इसके साथ मायावती के कई नेताओं ने मायावती के ऊपर ही आरोप लगा दिया है कि मायावती दलितों की बात नहीं कर रही है दलितों का भला नहीं चाहती वह केवल अपना लाभ देख रही है इस तरीके से मायावती के साथ रहे पुराने नेताओं का आरोप सामने आ रहा है तो कहीं ना कहीं यह सवाल बड़ा है कि आखिर 2022 तक बसपा कितना बचेगी और कितना रहेगी ?

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