पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने तेजस्वी यादव पर कसा तंज- कहा कि “उनको दिल्ली बहुत पसंद है, इसलिए वे मेरे साथ चलें राजयसभा

पटना – किसान संगठनों ने आज भारत बंद कर कृषि बिल के खिलाफ जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की.वहीं बिहार में किसानों के भारत बंद को भारतीय जनता पार्टी ने ‘विपक्ष का फ्लॉप शो’ बताया है.बीजेपी ने आरोप लगाया कि भारत बंद के नाम पर विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर गुंडागर्दी की,जिससे आम आदमी को काफी परेशानी झेलनी पड़ी.वहीं बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने तेजस्वी पर तंज कसते हुए कहा कि “उनको दिल्ली बहुत पसंद है, इसलिए वे मेरे साथ राज्यसभा चलें.”
अभिनंदन समारोह में बोलते हुए सूबे के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि “बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बिहार बंद का आह्वान कर खुद दिल्ली निकल गए. राहुल गांधी को भी विदेश बहुत पसंद हैं. बिहार चुनाव के दौरान वह शिमला चले गए थे.” उन्होंने कहा कि “अगर तेजस्वी को दिल्ली घूमना इतना ही पसंद है तो उन्हें मेरे साथ राज्यसभा चलना चाहिए. मैं भी राज्यसभा चला गया.”आपको बता दें कि मंगलवार को भारत बंद के दौरान तेजस्वी यादव कहीं नजर नहीं आएं. हालांकि कृषि बिल के विरोध में भारत बंद पर राजद ने तेजस्वी यादव के फोटो के साथ बिहार सरकार को निशाने पर लिया. तेजस्वी खुद इसके समर्थन में सड़क पर नहीं उतरे, लेकिन सोशल मीडिया पर उनकी पार्टी काफी एक्टिव दिखी.
उधर स्वास्थ्य व पथ निर्माण मंत्री मंगल पांडेय ने कृषि कानून के खिलाफ भारत बंद को विपक्ष का फ्लॉप शो करार दिया. बंद के नाम पर गुंडागर्दी करने का आरोप लगते हुए उन्होंने कहा कि भारत बंद के दौरान आम आदमी को काफी परेशानी झेलनी पड़ी.दुकानों को जबरदस्ती बंद कराने का प्रयास किया गया. फुटपाथ पर सामान बेचकर कर गुजर-बसर करनेवाले गरीबों के सामान फेंक दिए गए. ऑटो चालकों के साथ मारपीट कर धमकाया गया.
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने भारत बंद को विपक्षी दलों का ‘फ्लॉप शो’ करार देते हुए कहा कि बिहार के किसानों और आम जनता ने बंद को पूरी तरह खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि सूबे की जनता अब विपक्ष के बहकावे में आने वाली नहीं है. विपक्षी पार्टियों ने किसानों की आड़ में सरकार के खिलाफ हंगामा कर अपना हित साधने की कोशिश की लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली. आम जनों के साथ-साथ किसानों ने भी बन्द को पूरी तरह विफल कर दिया. किसान अपने खेतों में काम करते रहे और वाहनों का परिचालन सामान्य रहा.

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