पाक ने कबूली मुंबई आतंकी हमले के दोषियों को पनाह देने की बात, भारत ने कहा कार्रवाई करे
नई दिल्ली। मुंबई आतंकी हमले की 12वीं बरसी के पहले पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी ने यह कूबल किया है कि हमले से जुड़े कई आतंकवादी पाकिस्तान में पनाह लिए हुए हैं। संघीय एजेंसी ने अपनी मोस्ट वांटेड लिस्ट में इन आतंकियों का नाम शामिल किया है लेकिन इसमें मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता लश्कर-ए-तैयेबा के सरगना हाफिज सईद का नाम नदारद है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसपर कड़ी आपत्ती व्यक्त की है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को साप्ताहिक पत्रकारवार्ता में कहा कि मंत्रालय का ध्यान पाकिस्तान की संघीय एजेंसी की ‘मोस्ट वांटेड’ लोगों की सूची की ओर गया है जिसमें संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी संगठन लश्कर से जुड़े कुछ लोगों का नाम शामिल है। सूची में मुंबई आतंकी हमले में शामिल आतंकियों को ले जाने वाली नौकाओं के नाविकों का भी जिक्र है, जिन्होंने हमले को अंजाम दिया था।
विदेश मंत्रालय ने आश्चर्च व्यक्त किया कि सूची में मुख्य साजिशकर्ता (हाफिज सईद) का नाम नहीं है। प्रवक्ता ने कहा कि यह एक सच्चाई है कि 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकवादी हमले की साजिश की योजना पाकिस्तान में तैयार की गई और वहीं से इसका संचालन हुआ। पाकिस्तानी एजेंसी की सूची से जाहिर है कि पाकिस्तान को मुंबई आतंकवादी हमले के साजिशकर्ताओं और हमले के ताने-बाने के बारे में सभी सूचनाएं और सबूत हासिल हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान को टाल-मटोल और सच्चाई से मुकरने की बजाए मुंबई आतंकी हमले के दोषियों को दंडित कराने के अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्व को पूरा करे। इस हमले में मारे गए लोगों में 15 देशों के निर्दोष नागरिक शामिल थे। इन देशों ने भी पाकिस्तान से मांग की है कि हमले के दोषियों को जल्द-जल्द दंडित किया जाए।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि पाकिस्तान सच्चाई से वाकिफ होने के बावजूद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है। पड़ोसी देश को आतंकी हमले के बारे में सूचनायें एवं सबूत हासिल हैं, भारत ने भी पर्याप्त सबूत मुहैया कराए हैं।
वहीं पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय से जुड़े एक व्यक्ति की हत्या को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि यह घटना पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की दुखद स्थिति दर्शाती है। समय के साथ पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय को धर्म के पालन करने देने के दायरे को सीमित किया जा रहा है। अल्पसंख्यकों के हालत लगातार खराब बने हुए हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि भारत पाकिस्तान सरकार के साथ अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा और भलाई के मुद्दे को लगातार उठाता आ रहा है।