अलकायदा अभी भी तालिबान के संपर्क में: यू एन अधिकारी
काबुल। अमेरिका से अलकायदा के साथ सारे रिश्ते तोड़ने का वादा करने के बावजूद तालिबान ने अलकायदा के नेता अयमन अल-जवाहिरी से अपने सम्बन्ध मजबूत किये हैं। हालांकि तालिबान ने इस दावे को सिरे से नकार दिया और कहा कि कुछ खुफिया तंत्र शांति पहल में बाधा पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
मीडिया सूत्रों के अनुसार अमेरिका के साथ शांति समझौते के समय भी तालिबान लगातार अलकायदा के नेता अयमन अल-जवाहिरी के संपर्क में था। यूनाइटेड नेशन मॉनिटरिंग टीम फॉर अलकायदा, दएस एंड तालिबान के समन्वयक एडमंड फिटन ब्राउन के अनुसार अभी भी अफगानिस्तान में कई वरीय व्यक्तित्व के साथ ही कई सशस्त्र कार्यकर्ता मौजूद है।
इसी बीच यूएस के स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव ने यूएस इंस्टिट्यूट ऑफ पीस के साथ बातचीत में कहा कि ईरान चाहता है कि अमेरिका अफगान युद्ध में उलझा रहे, इसलिए वह शांति वार्ता को समर्थन नहीं दे रहा है। मेरे हिसाब से ईरान के बारे में कुछ कहना मुश्किल है क्योंकि वहां एक ईरान नहीं बल्कि दो ईरान है। एक विदेश मंत्रालय वाला ईरान है जो कि अच्छी बातें करता है और ऐसे विचार और बयान जारी करता है जोकि शांति समझौते के पक्ष में हो वहीं दूसरी तरफ एक और इरान है जो चाहता है कि अमेरिका अफगानिस्तान में युद्ध में उलझा रहे।
हालांकि स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव ने शांति वार्ता में पाकिस्तान के प्रयासों के सराहना की लेकिन भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एशिया सोसाइटी के द्वारा आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में चेताया कि पाकिस्तान में आतंकवाद लगातार मौजूद है और यह वहां की सरकार भी जानती है। इसलिए पाकिस्तान के साथ सामान्य रिश्ते बनाना बहुत कठिन है। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान ने भारत और अफगानिस्तान के बीच संपर्क को बाधित कर दिया है और जब तक हम इस मुद्दे को हल नहीं कर लेते हैं तब तक हमारा इस अद्वितीय साथी के साथ सामान्य रिश्ते स्थापित करना बहुत मुश्किल है।