यूपीपीएससीः कम्प्यूटर टाइपिंग परीक्षा में मंगल फॉन्ट शामिल करने की मांग
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग यूपीपीएससी की कम्प्यूटर सहायक 2019 भर्ती की कम्प्यूटर टाइपिंग परीक्षा में क्रुतिदेव फॉन्ट के साथ ही हिंदी मंगल फॉन्ट को समाहित करने या उसकी वैकल्पिकता प्रदान करने की मांग अभ्यर्थियों की ओर से लोकसेवा आयोग के सचिव जगदीश और परीक्षा नियंत्रक अरविंद कुमार मिश्रा से की गई है।
कम्प्यूटर सहायक परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थी राहुल कपूर ने मांग करते हुए उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग पर मनमानी का आरोप लगाया है। टाइप परीक्षा में हिंदी मंगल फॉन्ट शामिल न किये जाने से आयोग की कार्यप्रणाली और मंशा पर प्रश्न उठने लगे हैं।
राहुल कपूर का कहना है कि आयोग में कम्पनी राज स्थापित हो गया है। आयोग परीक्षाओं को लेकर हमेशा विवादों में रहा है। कभी उत्तर कुंजी का विवाद तो कभी अन्य राज्यों के छात्रों की नियुक्ति का विवाद तो कभी पेपर आउट विवाद और भ्रष्टाचार के मामले सामने आते रहते हैं। ताजा विवाद कम्प्यूटर सहायक 2019 भर्ती परीक्षा के कम्प्यूटर टाइपिंग टेस्ट के लिये जारी नोटिस को लेकर सामने आया है। जिसमें कम्प्यूटर हिन्दी टाइपिंग टेस्ट सिर्फ क्रुतिदेव फॉन्ट में लेने का माध्यम आयोग की ओर से दिया गया है। जबकि टाइपिंग टेस्ट क्रुतिदेव फॉन्ट के साथ हिंदी मंगल फॉन्ट में भी विकल्प के तौर पर होना चाहिए। वह भी तब जब कम्प्यूटर टाइपिंग परीक्षा में भारत सरकार द्वारा विकसित तथा लगभग सभी कम्प्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम और तकनीकि भाषा में ज्यादा संगत होने वाली हिन्दी मंगल फॉन्ट को समाहित और वैकल्पिकता नहीं देना आयोग का गलत निर्णय है।
पूर्व में की गई गलती की वजह से कम्प्यूटर ऑपरेटर 2019 भर्ती की कम्प्यूटर टाइपिंग परीक्षा में मंगल फॉन्ट मुद्दे पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में राहुल कपूर बनाम उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का मामला लंबित है। यही नहीं परीक्षार्थियों की भारी मांग के बावजूद इसे पुनः कठोरता पूर्वक अनसुना कर दिया गया। राहुल कपूर का आरोप है कि आयोग तानाशाही पर आमादा है। यह भी कहा जा रहा है कि उक्त परीक्षा आयोग के गलत निर्णय के आधार पर 23 अगस्त को करायी गयी। प्रयागराज और लखनऊ के कुल 54 केंद्रों में आयोजित परीक्षा में मात्र 33 फीसदी परीक्षार्थियों की ही उपस्थिति हो पाई थी। जबकि 67 प्रतिशत लोग परीक्षा में आयोग की जल्दबाजी के चलते नहीं शामिल हो पाए थे। उस समय प्रवेश पत्र में बड़ी खामी उजागर हुई थी। जिसका खुलासा अभ्यर्थी राहुल कपूर की ओर से किया गया था।
राहुल कपूर का कहना है कि प्रतियोगी परीक्षार्थियों के भविष्य के साथ आयोग लगातार खिलवाड़ कर रहा है। इस तरह बीच में किसी भर्ती परीक्षा का नियम बदलना या नया नियम बनाना न्यायोचित नहीं है। जबकि यह सभी को ज्ञात है कि मंगल फॉन्ट कम्प्यूटर जगत के सभी प्लेटफार्म ऑपरेटिंग सिस्टम और ऑनलाइन तथा ऑफलाइन हर जगह प्रयोग में आता है। हिन्दी का यह मंगल फॉन्ट ज्यादा वैज्ञानिकी और तकनीकी रूप से सफल व प्रायोगिक भी है।
परीक्षार्थियों की मांग है कि कम्प्यूटर सहायक 2019 कम्प्यूटर टाइपिंग परीक्षा में क्रुतिदेव फॉन्ट के साथ हिन्दी मंगल फॉन्ट को समाहित या वैकल्पिकता प्रदान किया जाए। इस बारे में आयोग के सचिव जगदीश से फोन पर बात करना चाहा तो वार्ता नहीं हो सकी।