अनूपपुर : मैंने कौन सी गलती की, क्या जनता के लिए सोचना पाप है – कमलनाथ
अनूपपुर। शिवराज सिंह सरकार सिर्फ घोषणा करने वाली सरकार है। घर बैठे सौदेबाजी से सरकार बना ली। मैं तो उन्हें हमेशा कहता हूं भाजपा के 15 साल और कांग्रेस की 15 माह का हिसाब मंच पर आमने सामने हो जाए। बाबा साहेब अम्बेडकर और जवाहरलाल नेहरू ने संविधान दिया, विश्व में सबसे बड़ा लोकतंत्र दिया, लेकिन हाल के दिनों में कुछ नेताओं ने इसे कलंकित कर दिया। राजनीति अब बिकाऊ हो गई। रोजगार, उद्योग, कृषि की हालत बदहाल हो गई। किसान परेशान है, युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रत्येक साल 2 लाख युवाओं को रोजगार का वादा करते हैं, लेकिन निजीकरण की बात करते हैं। जबकि कांग्रेस और इंदिरागांधी कोयला क्षेत्र को राष्ट्रीयकरण करती है, ताकि मजदूरों का खून और पसीना कोयला क्षेत्र में लगा है उसे सुरक्षित रखा जा सके।
यह बातें प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ बुधवार को अनूपपुर में आयोजित आमसभा को सम्बोधित करते हुए कहीं। लगभग 40 मिनट के सम्बोधन में सबसे पहले उन्होंने कार्यकर्ताओं का आभार जताते हुए भारी बारिश के बावजूद मंच स्थल पहुंचने पर धन्यवाद ज्ञापित किया।
उन्होंने कहा कि हालात यह कि रेलवे, बिजली, कोयला के साथ अब कृषि क्षेत्र की मंडी के निजीकरण की तैयारी है। उनकी सोच में ही निजीकरण करना है, जहां मौका मिले उद्योगपतियों के हाथ में थमा दो। नौजवान कैसे सुरक्षित रहे, ये वर्तमान समय की चुनौती है। अतिथि शिक्षकों की ओर इशारा करते हुए कहा आप तो अपना बैनर लेकर चले थे, हम तो रोजगार की बात करते थे और यह भाजपा रोजगार से इनकी छंटनी की बात सोचती है। निवेश तब आता है जब उस क्षेत्र पर विश्वास हो। मप्र पर लोगों का विश्वास नहीं है। मप्र की पहचान अब माफिया, और मिलावट के रूप में होती है।
उन्होंने अपनी 15 माह की सरकार को गिराए जाने पर मायूसी से कहा, हमने कैसा सा पाप किया था, कौन सी गलती की थी। क्या जनता के लिए सोचना गलत है। 15 माह की सरकार रही,ढ़ाई माह आचार संहिता 1 माह लोकसभा चुनाव और सौदेबाजी में बीत गया, मात्र साढे 11 माह की सरकार रही। हमने शुद्ध का युद्ध चलाया, पेंशन बढ़ाया ताकि बुजुर्गो का पेंशन बढ़े, किसानों को आधी दर पर बिजली मिले, गरीबो के लिए बिजली सस्ती की 100 रुपये किया। बेरोजगारी के लिए रोजगार की युद्ध लडना आरम्भ किया। शायद यही पाप किया हमने। उन्होंने बिसाहूलाल सिंह पर तंज कसते हुए कहा- आदिवासी समाज बिकाउ नहीं होता, अगर बिकता है तो पूरा समाज कलंकित होता है। 3 नवम्बर को यह तम्बू, झंडे, और मंच नहीं रहेंगे, लेकिन रह जाएंगे नौजवान, माता, मजदूर जो एक तरफ बिकाऊ उम्मीदवार तो दूसरी ओर सीधा साधा कांग्रेस प्रत्याशी। यही उम्मीदवार मतदाताओं के बीच उनके दुखों में काम आएगा। अनूपपुर में एक नया इतिहास रचाएंगे और नौजवानों का भविष्य सुरक्षित बनाएंगे, मैं कमलनाथ इसकी जिम्मेदारी लेता हूं।