भोपाल : गुरुवार से हड़ताल पर जाएंगे प्रदेश के 3500 डॉक्टर्स
भोपाल। ऐसे समय में जबकि पूरा प्रदेश कोरोना संकट से जूझ रहा है, एक और मुसीबत दस्तक दे रही है। सागर की घटना को लेकर गुरुवार से प्रदेश के सभी 13 सरकारी मेडिकल कॉलेज के करीब 3500 डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे। अगर इस हड़ताल में जूनियर डॉक्टर भी शामिल होते हैं, तो हालात और खराब हो सकते हैं।
प्रदेश में डॉक्टर्स की हड़ताल से सबसे ज्यादा परेशानी अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों को होगी। इलाज ना मिलने की स्थिति में कोरोना मरीजों की हालत गंभीर हो सकती है। प्रदेश की राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल के आईसीयू में ही 126 कोरोना संक्रमित भर्ती हैं। इनमें से 28 गंभीर है 8 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। वेंटीलेटर पर रखे गए मरीजों को लगातार निगरानी की जरूरत होती है। ऐसे में हालात ऐसे में हड़ताल इन के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।
यह है मामला
डॉक्टर्स का यह विरोध सागर में हुई एक घटना के चलते हो रहा है। सागर मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर ने कोरोना की जांच के बाद लक्षणों के आधार पर मरीज को कोविड केयर सेंटर में एडमिट कर दिया। डॉक्टर के मुताबिक मरीज की स्थिति बिलकुल सामान्य थी। दूसरे अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मरीज की मौत हो गई। परिजनों की शिकायत पर कलेक्टर ने कॉलेज प्रबंधन से मामले की जांच करवाई। कॉलेज प्रबंधन ने रिपोर्ट में डॉक्टरी जांच को बिल्कुल सही बताया। उसके बाद कलेक्टर ने कॉलेज डीन की रिपोर्ट को ना मानते हुए मध्यप्रदेश मेडिकल काउंसिल से डॉक्टर का लाइसेंस निरस्त करने की अनुशंसा कर दी। कलेक्टर की कर्रवाई से पूरे प्रदेश के डॉक्टर नाराज हो गए है। मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन मध्यप्रदेश के सचिव डॉक्टर राकेश मालवीय का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी कॉलेज डीन की रिपोर्ट को गलत बता रहे हैं, ऐसे तो सभी 3500 डॉक्टरों के लाइसेंस सस्पेंड कर देना चाहिए।