कोरोना संक्रमण, विमान यात्रियों को सरकार ने दी राहत
गुवाहाटी। राज्य में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। असम में लगभग 30 हजार लोग कोरोना से संक्रमित होकर चिकित्सारत हैं। अब तक राज्य में 608 लोगों की इस महामारी की चपेट में आने से मौत हुई है। बावजूद पूरे देश की तुलना में असम में कोरोना की जांच की स्थिति काफी बेहतर है।
कोरोना से मरने वालों की तादात में असम पूरे भारत के अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम है। वहीं रोगियों के बेड को लेकर राज्य में किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं है। आईसीयू के बेड को लेकर भी राज्य में संतोषजनक स्थिति है। नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) की ओर से आशा कर्मियों ने राज्य में जन जागरण सप्ताह आरंभ किया है। आशा कर्मी विभिन्न इलाकों में लोगों को कोरोना के मद्देनजर जागरूक करने में जुटी हुई है। आगामी 28, 29 और 30 सितम्बर को एक लाख लोगों के कोरोना जांच का स्वास्थ्य विभाग में लक्ष्य निर्धारित किया है।
ये बातें शुक्रवार को राज्य के स्वास्थ्य आदि मामलों के मंत्री डॉ हिमंत विश्वशर्मा ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि विमान यात्रियों की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार ने कुछ नए कदम उठाए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हवाई अड्डे पर यात्रियों को काफी देर तक विभिन्न तरह के फार्म को भरने के लिए समय बीताना पड़ता था। इससे राहत देने के लिए राज्य सरकार ने विजिट असम डॉट ओआरजी नामक एक ऐप शुरू किया है। जिसके जरिए यात्री पहले ही अपना संपूर्ण डाटा उसमें अपडेट कर कर हवाई अड्डे पर दिखा सकते हैं। जिससे उनका समय बचेगा।
ज्ञात हो कि पहले हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों को 10 दिनों के लिए गृह एकांतवास में रहना अनिवार्य था। जबकि नए नियम के अनुसार अब 24 घंटे के अंदर इस पाबंदी से निजात मिल जाएगी। बशर्ते इसके लिए शर्त यह है कि यात्री को अपना आरटीपीसीआर जांच करवानी होगी। इसके लिए यात्री को तत्काल 22 सौ रुपए अदा कर अपनी जांच करवा सकते हैं। अगर तत्काल जांच नहीं हो पाती है तो यात्री को जांच रिपोर्ट आने तक गृह एकांतवास में रहना होगा।
डॉ. विश्वशर्मा ने कहा कि असम में कोरोना होने के पश्चात स्वस्थ होने वाले एक लाख 35 हजार लोगों को ट्रेन या विमान से यात्रा करने पर किसी भी तरह की कोई जांच करवाने की आवश्यकता नहीं होगी। हालांकि, इसके लिए एक निर्दिष्ट समय सीमा रहेगी।