भारत सरकार के खिलाफ रेलवे कर्मचारियों का पांच दिवसीय आंदोलन आज से शुरु
कानपुर। नार्थ सेंट्रल रेलवे मेन्स यूनियन कानपुर की मुख्य शाखा में सोमवार को रेलवे कर्मचारियों ने पांच दिवसीय विरोध प्रदर्शन के जरिये भारत सरकार द्वारा प्राइवेट कम्पनियों के हाथों सौंपने के प्रति अपना रोष जताया है।
कानपुर की मुख्य नार्थ सेंट्रल रेलवे मेन्स यूनियन की शाखा में इक्कट्ठे होकर रेलवे विभाग में कार्यरत कर्मचारियों ने रेलवे को बेचने के विरोध में आज से अपना पांच दिवसीय प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
कर्मचारियों का कहना कि भारत सरकार हमसे हमारी की रोजी-रोटी छीनने में लगी हुई है और ये हम हरगिज नहीं होने देंगे। क्योंकि रेलवे प्राइवेट कंपनियों और निजी हाथों में आ जाने से हम कर्मचारियों के जीवन पर बहुत बड़ा आघात होगा, जिससे रोजगार खत्म होने का संकट आ जाएगा।
रेलवे यूनियन के शाखा मंत्री बनवारी लाल चौरसिया ने बताया कि देश में ये पहली सरकार है जो कि भारत के अर्थव्यवस्था को अलग-अलग तरीके से प्राइवेट कम्पनियों के हाथों में सौंपकर लोगों का रोजगार छीनने में लगी है। इसके विरोध में हम रेलवे यूनियन के पदाधिकारियों संग पूरे देश में इसका विरोध कर रहे हैं।
रेलवे यूनियन अध्यक्ष संजय कुमार का कहना है कि कोरोना से देश की अर्थव्यवस्था पहले से चरमरा गई है। रेलवे में लोगों का सफर बमुश्किल हो रहा है, जिससे रेलवे घाटे में है। उस पर सरकार रेलवे विभाग को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में है। जिसका हम सब आज इकट्ठा होकर सारे रेलवे कर्मी व पदाधिकारी विरोध कर रह रहे हैं। जो कि 19 सितम्बर तक चलेगा। इस प्रदर्शन के दौरान बनवारी लाल(शाखा मंत्री), संजय कुमार (अध्यक्ष), अजय सागर यादव (का.अध्यक्ष), केडी यादव, मुरारी लाल मीणा आदि मौजूद रहे।