साढ़े पांच घंटे आपरेशन चलाकर बचाई 15 की जान, जानिए कैसे हैं गोरखपुर के नए कप्तान
गोरखपुर। जिले के नए एसएसपी जोगेंद्र कुमार बनाए गए हैं। राजस्थान के बाड़मेर निवासी जोगेंद्र वर्ष 2007 बैच के आईपीएस अफसर हैं। वर्ष 2012 के अप्रैल माह में मऊ जिले के चिरैयाकोट में दो बदमाशों से पुलिस की मुठभेड़ हुई थी। इस दौरान करीब साढ़े पांच घंटे का आपरेशन चलाकर तत्कालीन एसपी जोगेंद्र ने दो बच्चों सहित 15 लोगों की जान बचाई थी। एसपी के मौके पर पहुंचने के पहले शहर कोतवाल गोविन्द सिंह बदमाशों की गोली से शहीद हो गए थे। मामला यह था कि एक मकान में घुसे बदमाशों ने मकान मालिक की हत्या कर दी। बदमाशों की सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची तो दो बच्चों को बंधक बनाकर पुलिस पर गोलियां चलाने लगे। तब एसपी जोगेंद्र के नेतृत्व में करीब साढ़े पांच घंटे तक मुठभेड़ चली जिसमें गाजीपुर जखनिया निवासी धीरज सिंह और गोरखपुर के विकास मारे गए। इस अभियान में पुलिस ने दो बच्चों सहित कुल 15 लोगों की जान बचाई। लेकिन शहर कोतवाल को खोने का गम भी रहा।
टीचर से बने आईपीएस अफसर
2007 बैच के आईपीएस अधिकारी जोगेन्द्र कुमार मूल रूप से राजस्थान के बारमेड़ जिले के निवासी हैं। ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद राजस्थान यूनिवर्सिटी से पालीटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा किया। उनके पिता श्रीराम पूनियां एक स्कूल में टीचर थे। उनकी मां गौरी देवी चाहतीं थी कि बेटा पुलिस की नौकरी में जाए। वर्ष 2001 तक वह बच्चों को पढ़ाते रहे। वर्ष 2004 में उन्होंने एसीटीओ की नौकरी कर ली। लेकिन उनके मन में मां के सपने हिलोरे लेते रहे।
2007 में भारतीय पुलिस सेवा में आए जोगेंद्र
वर्ष 2006 में जोगेंद्र पुलिस की परीक्षा में बैठे। वर्ष 2007 में उनको बैच मिला। जोगेंद्र की छवि तेज— तर्रार पुलिस अधिकारी के रूप में है। अयोध्या में पोस्टिंग के दौरान उन्होंने कई घटनाओं का पर्दाफाश किया। मऊ में एसपी के पद पर तैनात 18 अप्रैल 2012 को 15 हजार के ईनामी बदमाश धीरज सिंह और विकास सिंह को मार गिराया था। इस आपरेशन में दो बच्चों सहित कुल 15 लोगों की जान बची थी। वर्तमान आगरा के एसपी जीआरपी के रूप में कार्यरत जोगेंद्र को प्रदेश सरकार ने रविवार की शाम गोरखपुर जिले की कमान सौंपी। दो दिनों के भीतर उनके गोरखपुर पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की करेंगे कोशिश
गोरखपुर के नए एसएसपी ने कहा है कि वो जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे। शासन के निर्देश का पालन करते हुए अपराधियों संग सख्ती बरतेंगे।कानून-व्यवस्था को चुस्त- दुरूस्त रखते हुए लोगों को सुरक्षा का अहसास कराना है। पीड़ित की समस्या का समाधान पुलिस का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। इस काम को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ किया जाएगा।