ब्रीद-2: बोल बच्चन…
– ए॰ एम॰ कुणाल
ब्रीद का दूसरा सीज़न रिलीज़ हो गया। इसके साथ ही अभिषेक बच्चन ने अपना डिजिटल डेब्यू भी कर लिया। मयंक शर्मा इस बार साइको थ्रिलर वेब सीरीज़ लेकर आए हैं। पहले सीज़न से थोड़ा हटकर कहानी एक ऐसे दंपति के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसकी बेटी का अपहरण हो जाता है। अपहरणकर्ता फिरौती के बजाय लड़की के पिता अभिषेक बच्चन से हत्या करवाता है। अमित साध अपहरणकर्ता के चेहरे से नक़ाब उतारते, उससे पहले ही निर्देशक और कहानीकार मयंक शर्मा मर्डर मिस्ट्री का सस्पेंस पांचवे एपिसोड के अंत में खोल देते है, जब अपहरणकर्ता का राज खुल जाता है।
“ब्रीद : इनटू द शैडो” अभिषेक बच्चन के साथ नित्या मेनन का भी डिजिटल डेब्यू है। अभिषेक एक मनोचिकित्सक की भूमिका में हैं। जबकि नित्या मेनन ने सेफ़ का किरदार निभाया है।अभिषेक को स्प्लिट पर्सनालिटी का शिकार दिखाया गया है। वह अपने अंदर के अच्छा और बुरा आदमी के साथ दोहरी ज़िंदगी जीते है। जैसा कि हर बार होता है सीरीज़ के अंत में अच्छे इंसान की जीत होती है। आख़िरी एपिसोड में अभिषेक ने स्प्लिट पर्सनालिटी के किरदार को जिस तरह से पेश किया है, वह कमाल का है।
“ब्रीद : इनटू द शैडो” की कहानी: अविनाश सभरवाल (अभिषेक बच्चन) दिल्ली में अपनी पत्नी आभा सभरवाल (नित्या मेनन) और बेटी सिया (इवाना कौर) के साथ रहता है. वह एक मनोचिकित्सक है और दिल्ली पुलिस के लिए काम करता है। सीरीज़ की कहानी दो किडनैप से शुरू होती है। मेडिकल की पढ़ाई कर रही एक छात्रा गायत्री मिश्रा (रेशम श्रीवर्धनकर) और अविनाश की 6 साल की बेटी सिया का किडनैप हो जाता है। लाख कोशिशों के बावजूद पुलिस उनका पता नहीं लगा पाती है। अचानक नौ महीने बाद किडनैपर का एक कॉल आता है जिसके बाद कहानी में ट्विस्ट आता है। किडनैपर बताता है कि उसकी बच्ची सही सलामत है लेकिन उसे जिंदा रखने के लिए सबरवाल परिवार को एक हत्या करनी होगी। उनकी बेटी सिया जुविनाइयल डायबटिज़ का शिकार है। ऐसे में उसे रोज इन्सुलिन की जरूरती पड़ती है। अभिनाश पुलिस की मदद लेना चाहता है पर उसकी पत्नी आभा उसे समझाती है कि किडनैपर की बात मानने के अलावा कोई च्वॉइस नहीं है। किडनैपर उनके बेटी के बदले एक शख्स का मर्डर करने के लिए कहता है पर ये सिलसिला एक मर्डर तक ही नहीं रुकता है। इस बीच इंस्पेक्टर कबीर सावंत (अमित साध) का मुंबई से दिल्ली ट्रांसफ़र हो जाता है।
अविनाश चूंकि पुलिस विभाग के लिए मनोचिकित्सक का काम करता है। इसलिए वह इस केस से खुद को जोड़ लेता है। इंस्पेक्टर कबीर (अमित साध) के हर एक कदम की जानकारी उसे पहले से रहती है। वह पुलिस के साथ रह कर मर्डर का सबूत मिटाता रहता है।
फ्लेश बैक में अविनाश के बचपन की कहानी साथ-साथ चलती है।बचपन में एक बस अक्सिडेंट में वह अपने मां-बाप को खो देता है। उसके बाद नैनीताल के एक बोर्डिंग स्कूल में उसकी परवरिश होती है। जहाँ पता चलता है कि वह एक स्प्लिट पर्सनालिटी का शिकार है। नैनीताल में उसे प्यार करने वाला एक टीचर कृष्ण मूर्ति (निज़ालगल रवि) मिलता है, जो उसके लिए पिता,गुरु और भगवान सब कुछ हैं। बोर्डिंग स्कूल से मेडिकल की पढ़ाई तक दो-तीन ऐसी घटना होती है, जो अविनाश के अंदर के रावण अर्थात “जे” को गुनाह की राह पर ले जाता है। जिसका ख़ामियाज़ा अभिनाश और उसकी पत्नी आभा को भुगतना पड़ता है।अंत में सभरवाल फ़ैमिली इंस्पेक्टर कबीर सावंत के मदद से इस दलदल से कैसे निकलते है, ये देखना दिलचस्प होगा।
अविनाश के स्प्लिट पर्सनालिटी के किरदार को अभिषेक बच्चन ने काफी अच्छे से निभाया है। एक तरफ़ एक पिता है, जो अपनी पत्नी और बेटी से बहुत प्यार करता है। उनकी सलामती के लिए कुछ भी कर सकता है। दूसरी तरफ़ उसके अंदर का रावण “जे” का किरदार है, जिसका दिल एक छोटी बच्ची के लिए भी नहीं पसीजता है। दोनों ही किरदार को अभिषेक ने बखूबी से किया है। लम्बें अंतराल के बाद अभिषेक बच्चन को एक दमदार रोल में देखकर दर्शकों को मज़ा आएगा।
अविनाश की पत्नी आभा के किरदार में नित्या मेनन ने काफी बढ़िया काम किया है। अपनी बेटी के लिए एक सेफ़ से कातिल तक बन जाने के सफ़र में वे पुलिस के साथ-साथ दर्शकों का सहानुभूति लेने में सफल रही है। मंगल फ़िल्म की एक सीधी-साधी नित्या मेनन को एक कातिल की भूमिका में देखना वाक़ई में काफ़ी दिलचस्प है। वह रोती भी है और रुलाती भी है। नित्या को इस वेब सीरीज से काफ़ी फ़ायदा होगा। मयंक ने उनके अंदर के कलाकार को उभारने का काफ़ी मौक़ा दिया है।
अमित साध ब्रीद-2 के अपने पुराने किरदार इंस्पेक्टर कबीर सावंत की भूमिका में हैं। उनकी इंट्री को शानदार तरीक़े से फ़िल्माया गया है।पार्ट वन के मुक़ाबले पार्ट टू में उनका रोल कम है पर जितने भी देर स्क्रीन पर रहे, दूसरे सारे किरदारों पर भारी पड़े है। इस बार अमित के फ़ैन को इंस्पेक्टर कबीर सावंत के दिमाग़ के साथ-साथ मसल पावर भी देखने को मिलेगा।
इन तीनों के अलावा साउथ के कलाकार निज़ालगल रवि ने स्कूल टीचर अभिषेक बच्चन के गुरु कृष्ण मूर्ति की भूमिका में अपना छाप छोड़ने में सफल रहे है। ये सीरीज़ उनके केरियर के लिए टर्निंग पोईंट हो सकता है।
ब्रीद इंटू द शैडो का निर्देशन और कहानी मयंक शर्मा की है। कहानी की शुरुआत थोड़ी ढीली है लेकिन हर एपिसोड एक ट्विस्ट के साथ ख़त्म होता है। जिसके कारण अगले एपिसोड को देखने की लालसा बनी रहती है।मयंक आपको इस सीरीज के जरिए समय-समय पर झटके देते नज़र आयेंगे। जिससे आपकी दिलचस्पी सीरीज़ के प्रति कम नहीं होगी। अभिषेक बच्चन, नित्या मेनन और अमित साध जैसे मंझे हुए कलाकार के सामने बाल कलाकार सिया (इवाना कौर) के किरदार पर मयंक ने भरोसा जता कर इस सीरीज़ को एक फ़ुल पैकेज बनाने में सफल रहे है।
ब्रीथ टू का बैकग्राउंड म्यूजिक और सिनेमेटोग्राफ़ी काफी बेहतरीन है। बैकग्राउंड म्यूज़िक और लाइट सस्पेंस का माहौल क्रिएट करते है।ख़ासकर “जे” के किरदार को डरावना बनाने की भरपूर कोशिश की गई है।
प्राइम वीडियो ने ब्रीद नाम से एक बेहतरीन वेब सीरीज बनाई थी। आर माधवन और अमित साध के बीच का चूहा-बिल्ली का खेल लोगों को काफ़ी पसंद आया था। इस बार भी कहानी सेम है। एक पिता अपनी संतान की जान बचाने के लिए दूसरों की जान लेता है पर इस बार उसका साथ उसकी पत्नी देती है। पिछली बार की तरह इस बार भी पुलिस महकमे के पास करने को कुछ ज़्यादा नहीं है। क़ातिल पुलिस के साथ रहता है पर उनको पता नहीं चलता है।
वेब सीरीज़ की सबके ख़ास बात है कि यह आपको बोर नहीं करती है।हालाँकि पांचवे एपिसोड के बाद कहानी काफ़ी स्लो हो जाती है और किडनैपर का राज भी दर्शकों के सामने खुल जाता है। उसके बावजूद मयंक 12 एपिसोड तक कहानी खिंच पाने में सफल रहे है। 45 मिनट के 12 एपिसोड के बावजूद निर्देशक और लेखक मयंक शर्मा दर्शकों को अंत तक बांधे रखते है।
कलाकार: अभिषेक ए बच्चन, अमित साध, नित्या मेनन, ऋषिकेश जोशी, सैयामी खेर, श्रुति बापना, रेशम श्रीवर्धनकर, श्रद्धा कौल प्लाबिता बोरठाकुर, निज़ालगल रवि.
निर्देशक: मयंक शर्मा
ओटीटी: प्राइम वीडियो