सुशील मोदी का लालू यादव पर हमला करना पड़ा भारी, आरजेडी ने सुशील मोदी को घेर की अभद्र टिपण्णी
सुशील मोदी ने लालू यादव के खिलाफ ट्वीट किया तो तेजस्वी यादव ने सुशील मोदी को कड़ा जवाब दिया। जिसके बाद दोनों एक दूसरे से सोशल मीडिया पर ही भिड़ गए। बता दें कि बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के खिलाफ ट्वीट किया था की लालू प्रसाद यादव ये भूल गए कि उन्होंने राबड़ी देवी की कबाड़ सरकार को कांग्रेस के जुगाड़ से चलाया था। बिहार जैसे गरीब राज्य पर विशाल मंत्रिपरिषद थोपा।
सुशील मोदी ने आगे लिखा था कि इस पर जनता का जो पैसा खर्च हुआ, उससे कई अस्पताल खुल सकते थे। क्या आरजेडी बिहार पर कबाड़ सरकार थोपने के लिए माफी नहीं मांगेगी? जिसके बाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इसका जवाब भी दिया। तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आदरणीय लालू जी ने 15 वर्ष पहले उस दौर का बेहतरीन हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर सौंपा था, लेकिन आपने और नीतीश कुमार ने 15 वर्ष में उसका सत्यानाश कर दिया।
तेजस्वी यादव ने आगे लिखा कि आप यह बताएं कि 15 वर्ष राज भोगने के बावजूद आपके शासन में अब भी बिहार के अस्पतालों में ‘रुई और सुई’ के अलावा और कोई मेडिकल उपकरण उपलब्ध क्यों नहीं है?
इतना ही नहीं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी ने भी सुशील मोदी पर हमला किया उन्होंने ट्विट कर कहा कि “मेवालाल उर्फ़ सृजन चोर इ बताओ, 15 वर्ष के सीएम नीतीश कुमार भतीजी के बीमार होने पर बिहार के बड़े-बड़े अस्पताल IGIMS, NMCH, PMCH में इलाज क्यों नहीं कराते? आपका पीए बीमार है और वो आपकी पैरवी पर निजी अस्पताल में क्यों इलाज करवा रहा है? आपकी बकवास से बिहार का भला नहीं होगा।”
इसके बाद आरजेडी के टि्वटर हैंडल से भी ट्वीट कर कहा गया कि “आपके राजस्थानी परदादा ने आपके राजस्थानी दादा और दादा ने आपके बाप को पैदा किया और आपके बाप ने आपको? अपने बाप से पूछना उन्होंने ऐसे नालायक जीव को बिहार को लूटने और बदनाम करने के लिए राजस्थान से बिहार क्यों भेजा? ट्वीट में आगे लिखा गया कि राजस्थान को आपके पुरखों ने बर्बाद किया और बिहार को आप करना चाहते हैं।”
लालू प्रसाद ने क्यों नहीं बनाये अस्पताल… pic.twitter.com/CqmOeAjt5W
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) July 25, 2020
बता दें कि सुशील मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा कि बिहार सरकार ने कोरोना को हराने के लिए 8,538 करोड़ रुपये खर्च कर मृत्यु दर को 0.7 फीसदी पर रोक लिया है। वहीं, मोदी ने आगे लिखा, “12 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में केवल 220 नागरिकों को ही नहीं बचाया जा सका।”