खुलासा : 71 केस के बाद भी गैंगस्टर विकास दुबे टॉप 10 अपराधियों की लिस्ट में भी नहीं था
कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों को शहीद करने वाला गैंगस्टर विकास दुबे फरार है। लगातार पुलिस मोस्ट वांटेड गैंगस्टर विकास दुबे को ढूंढने की कोशिश कर रही है। हालांकि अब तक 23 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है लेकिन विकास दुबे पकड़ से बाहर है। ऐसे नहीं एक हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है कि इस सब के बावजूद भी विकास दुबे जिला तो दूर थाने का भी टॉप 10 क्रिमिनल नहीं था। यही नहीं पुलिस ने अब तक उसके गैंग को भी स्वीकार नहीं किया था। खुलासे में पता लग रहा है कि विकास दुबे ने सियासत से लेकर पुलिस विभाग में कितनी गहरी पैठ बना रखी थी।
आखिर यही वजह है कि विकास दुबे के गुनाहों की लिस्ट दुनिया के सामने आई ही नहीं। वह बेरोकटोक अपने काम को अंजाम देता रहा। विकास दुबे के खिलाफ फिरौती और रंगदारी जैसे 71 मुकदमों दर्ज हैं बावजूद इसके वह टॉप 10 क्रिमिनल कि लिस्ट में नहीं था। खबरों के अनुसार कानपुर के एसएसपी दिनेश पी ने कहा है कि धारा 307 के आरोपी को पकड़ने के लिए सीओ बिल्हौर के नेतृत्व में एक टीम दबिश पर जा रही है। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि जिस आरोपी के घर दबिश के लिए पुलिस जा रही है वह कितना बड़ा बदमाश है। पर उसके खिलाफ कितने मुकदमे दर्ज हैं या वह जिले के टॉप 10 अधिकारियों में शामिल है या नहीं।
बता दें कि शनिवार शाम को भी राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जोन के एडीजी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में डीजीपी एचसी अवस्थी और एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार भी शामिल हुए थे। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पता चला कि कानपुर के टॉप 10 अपराधियों में विकास दुबे का नाम नहीं था। विकास दुबे का नाम चौबेपुर थाने के टॉप 10 अपराधियों में भी नहीं था।