लॉकडाउन में बर्बाद हुए आगरा के पेठा कारोबारी, गोदामों में सड़ा लाखों का माल
आगरा का पेठा वर्ल्ड फेमस है और इसकी डिमांड विश्व भर में रहती है लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते आगर के पेठे की मिठास तो गुम हो ही गयी है वहीं पेठे का कारोबार भी पूरी तरह से चौपट हो गया है। लॉकडाउन 5 की गाइड लाइन बाद से अनलॉक डाउन हुए बाजारों में रौनक भले ही धीरे धीरे लौट रही हो लेकिन पेठे की मंडी, नूरी दरवाजा अभी भी बंद है जिससे पेठा व्यापारी काफी परेशान है। पेठा व्यापारियों का कहना है कि कोरोना ने इस व्यापार की कमर तोड़ दी है। अन्य व्यापारों की तरह ही पेठे के व्यापार पर भी कोरोना का असर लंबे समय तक देखने को मिलेगा जिससे सभी पेठे के व्यापारी काफी चिंतित है।
पेठा व्यापारी सोनू अग्रवाल ने बताया कि लॉकडाउन के कारण पिछले ढाई महीनों में पेठे का पुराना माल और कच्चा माल खराब हो गया है। हर पेठा व्यापारी को नए सिरे से पेठा तैयार कराना होगा। कोरोना के कारण पेठा तैयार कराने में काफी चुनौतियां सामने आने वाली है और पेठा बनाने के दौरान काफी सावधानियां बरतनी होगी। पेठा व्यापारियों कहना है कि कोरोना को दृष्टिगत रखते हुए वो कोरोना की सभी गाइड लाइन का पालन करने के साथ पेठा तैयार कराने के दौरान हाइजीन का भी पूरा ध्यान रखेंगे लेकिन प्रशासन से बाजार खोलने की अनुमति का इंतजार है।
पेठा व्यापारी का कहना है कि पेठे का कारोबार विदेशी पर्यटकों पर भी काफी निर्भर करता है। आगरा भ्रमण करने वाले पर्यटक आगरे की इस मिठाई की मिठास को जरूर चखना चाहते है और अपने साथ भी ले जाते है लेकिन कोरोना के कारण पर्यटन उद्योग भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इससे उबरने में करीब एक से डेढ़ साल लग सकता है। यानी आगरा में सैलानियों की आवाजाही भी आने वाले दिनों में काफी कम रहेगी। इन स्थितियों से स्पष्ट है कि पेठे के कारोबार पर भी करीब साल भर तक मंदी छायी रहेगी। पेठा व्यापारियों का कहना है कि कोरोना के कारण विश्वभर में व्यापार पर बुरा असर पड़ा है जिसके कारण आर्थिक मंदी की संभावनाएं जताई जा रही है। ऐसे में लोग अपनी प्राथमिकता के आधार पर वस्तुओं को खरीदेंगे और पेठा लोगों की प्राथमिकता में नही आता है।
अजय यादव, आगरा