यूपी के क्वारंटीन सेंटरों पर कुत्तों का राज और मरीजों को रखा जा रहा है जंगलों में
भारत में कोरोनावायरस तबाही मचा रहा है। हर दिन कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। वहीं भारत में कोरोनावायरस के एक्टिव मामलों में भारत ने इटली जैसे देश को भी पीछे छोड़ दिया है। जी हां इटली जहां कोरोना वायरस ने बहुत ज्यादा तबाही मचाई थी। अब भारत कोरोना वायरस व्यक्ति मामलों में इटली से आगे बढ़ चुका है। हालांकि अगर मृत्यु दर की बात करें तो भारत में मृत्यु दर राहत भरी खबर है क्योंकि यहां हर 10 लाख लोगों में 2 लोगों की मृत्यु हो रही है। भारत में अस्पतालों में कोरोनावायरस संक्रमित लोगों के उपचार के लिए पूरा ध्यान रखा जा रहा है। वहीं उत्तर प्रदेश के सीतापुर और गोंडा में में एक अस्पताल की कुछ तस्वीरें वायरल हुई है। जिसने लोगों को अस्पताल की व्यवस्था पर चिंतित होने को मजबूर कर दिया है।
बता दें कि सीतापुर में कुछ लोगों को एक ऐसे क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया है कि यह बहुत हैरान कर देने वाला है। यह क्वॉरेंटाइन सेंटर नहीं बल्कि एक जंगल दिखता है। गौर करने वाली बात यह है कि यहां पर ना तो बिजली है, ना पानी है, ना हीं सोने की सही व्यवस्था है और ना ही साफ-सफाई है। यहां पर रह रहे लोगों को टॉर्च जलाकर खाना खाना पड़ता है। जंगल में इन लोगों का इलाज चल रहा है। यह जगह है यूपी का क्वॉरेंटाइन सेंटर जहां पर प्रवासी मजदूरों को क्वॉरेंटाइन करा गया है। जिसे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यूपी में आ रहे प्रवासी मजदूरों कि किस तरह से देखभाल की जा रही है।
वही उत्तर प्रदेश के गोंडा की बात करें तो यहां पर जो क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है वह चौंका देने वाला है। यहां के क्वॉरेंटाइन सेंटर में लोगों को क्वारांटीन तो किया गया है लेकिन इन लोगों के साथ-साथ यहां पर सड़क के कुत्तों का भी राज चल रहा है। इस क्वॉरेंटाइन सेंटर में मरीज का चेकअप करने के लिए डॉक्टर कितना राउंड पर आते हैं यह तो पता नहीं लेकिन हां गोंडा के इस क्वारांटीन सेंटर में कुत्ते हमेशा बिना किसी रोक-टोक के राउंड पर रहते हैं। यानी कि यूपी के इस क्वारांटीन सेंटर मीना तो कुत्तों की एंट्री पर पाबंदी है और ना ही इन कुत्तों को इस क्वॉरेंटाइन सेंटर से जाने की जल्दी। बाकी मरीजों का क्या उनका तो इलाज चल ही रहा है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि कई रिपोर्ट में यह कहा गया है कि इंसान से जानवर भी कोरोनावायरस कार हो सकते हैं। ऐसे में अगर इस क्वॉरेंटाइन सेंटर में भर्ती हुए किसी भी कोरोनावायरस मरीज से कोरोनावायरस फॉर रेंट इन सेंटर में बेधड़क घूम रहे हैं इन कुत्तों में पहुंच गया और इन कुत्तों ने क्वॉरेंटाइन सेंटर से बाहर अगर दूसरे लोगों को भी संक्रमित कर दिया तो फिर उसका जिम्मेदार कौन होगा ?
अभी तो इंसानी कोरोना की वैक्सीन को ढूढना मुश्किल हो रहा है ऐसे में अगर ऐसे जानवर भी कोरोना पोजिटिव हो गए तो ज़रा सोचिए प्रशासन ऐसे कोरोना वैक्सीन को कैसे ढ़ुढेगी और अगर नही ढ़ूढ पाती हैं तो कही ऐसा न हो की चीन जैसे हालात भारत मे भी बन जाए। जहां पर लोग अपने घरों के पालतू कुत्तों, स्ट्रीट डॉग्स और दूसरे जानवरों को बेरहमी से मार रहे थे। ऐसे में चीन जैसे हालात भारत में न बने इसके लिए जरूरी है कि यूपी सरकार इन क्वारंनटाइन सेंटर पर खास नजर रखे और क्वारंटाइन सेंटर में इस तरह की लापरवाही करने वाले स्टाफ पर सख्त से सख्त कार्यवाई करें। साथ ही वो अधिकारी जिन्होने प्रवासी मज़दूरों को क्वारंटीन के नाम पर जंगलों में छोड़ दिया हैं। उन्हे भी कही दूसरी जगह क्वारंटीन करें क्योकि इंसानों में फैले कोरोना वायरस से खतरा तो जंगली जानवरों को भी हैं। ऐसे में कोरोना वायरस से इंसान और जानवरों को सुरक्षित रखने के लिए जरुरी है कि प्रशासनिक महकमें के साथ साथ सूबे की सरकार भी सर्तक रहे और सचेत रहे।