मुजफ्फरनगर : गरीबों की राहत सामग्री में घोटाला करने वालो पर हुई कार्रवाई, दोषी तहसीलदार हुआ सस्पेंड, एडीएम छुट्टी पर
मुज़फ्फरनगर कोरोना वायरस नामक माहमारी ने इन दिनों पूरे विश्व में हाहाकार मचा रखा है, भारत मे लॉक डाउन पार्ट 3 चल रहा है जिसके चलते सभी लोग अपने घरों में रहने को मजबूर है, गरीब मजदूर मजलुमो लोगो के लिए सरकार ने खाने की सामग्री देकर राहत देने का काम किया था। मुज़फ्फरनगर में अधिकारियों ने गरीब मजलुमो के खाद्यान्न में ही घोटाला कर दिया, क्वारटाइन किये गए लोगो के लिए घटिया खाद्यान्न सामग्री भेजी गई थी औऱ संख्या के हिसाब से पूरी नही भेजी गई थी, इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब जनपद के नोडल अधिकारी के निरीक्षण के दौरान ये सब उजागर हुआ, नोडल अधिकारी ने तत्काल प्रभाव से प्राइवेट संस्था का टेंडर खत्म कर दिया और पूरी तरह उस फ्लोर मिल को सील करा दिया गया है, वही जिला अधिकारी ने इस मामले में प्रथमदृष्टया दोषी मानते हुए सदर तहसीलदार को सस्पेंड कर दिया है और एडीएम को तत्काल प्रभाव से छुट्टी पर भेज दिया गया है ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही इस लॉक डाउन के दौरान गरीब लोगों व क्वारटाइन किये गए लोगो के लिए खाद्यान्न सामग्री भेज रही हो लेकिन अभी भी कुछ सरकारी अफसर है कि वो सुधरने को तैयार ही नहीं है, इस समय जब पूरा विश्व कोरोना की महामारी से परेशान है तो वही सरकारी अफसर इसमें भी घोटाले का कोई मौका नहीं छोड़ रहे है, ऐसा ही शर्मनाक कारनामा मुजफ्फरनगर मे सामने आया है , जिसमे अपर जिलाधिकारी को छुट्टी पर भेज दिया गया है, जबकि तहसीलदार को सस्पेंड कर दिया गया है, जनपद के खतौली व चरथावल में क्वारंटीन सेंटरों पर गैरराज्यों से आये प्रवासी मजदूरों को दिए जाने वाले भोजन में बड़ा खेल सामने आया है, क्वारंटीन सेंटरों पर जो भोजन मजदूरों को दिया जा रहा था, उसकी गुणवत्ता खराब थी और साथ ही भरपेट भोजन भी नहीं दिया जा रहा था, शासन से भेजे गए नोडल अधिकारी आर.एन.यादव ने चरथावल के क्वारंटीन सेंटर का निरीक्षण किया, तो यह मामला पकड़ में आ गया और इसकी जांच कराई गई, तो पता चला कि जिस फर्म और फ्लोर मिल से खाद्यान सामग्री ली जा रही थी, उसका लाइसेंस ही फरवरी में समाप्त हो चुका था, इसके बाद फ्लोर मिल से सैंपल लेकर उसे सील कर दिया गया है, लेकिन फरवरी में लाइसेंस समाप्त होने के बाद भी जिला मुजफ्फरनगर प्रशासन ने टेंडर किस बेस पर अन्नपूर्णा मिल का पास कर दिया यह प्रशासन पर सवाल खड़ा करता है, आपको बता दे कि दो दिन पहले ही जिले में क्वारंटीन सेंटरों पर ठहरे मजदूरों को भोजन उपलब्ध कराने का ठेका 75 रुपये प्रति मजदूर प्रतिदिन का दे दिया गया, खतौली में सफेदा रोड पर स्थित अन्नपूर्णा फूड रोलर मिल को ये ठेका दे दिया गया, जिले में आए नोडल अधिकारी आर एन यादव चरथावल के क्वारंटीन सेंटर पहुंचे तो वहां मजदूरों ने ढाई बजे तक भोजन नहीं मिलने की शिकायत की, उसके बाद भी जो भोजन आया उसकी गुणवत्ता और क्वालिटी बेहद घटिया थी, मजदूरों ने बताया कि अब से पहले भरपेट भोजन मिल रहा था, बावजूद इसके दूसरी संस्था को अफसरों ने ठेका दे दिया और उसकी गुणवत्ता भी बहुत ख़राब है और समय पर भी नहीं आ रहा है।
नोट : खाना घोटाले मामले पर आर एन यादव विशेष सचिव नोडल अधिकारी मुजफ्फरनगर का कहना है कि चरथावल में मैंने जो निरीक्षण किया था, उसमें एक तो खाना विलम से दिया था, खाने में चावल की क्वालिटी बहुत खराब थी और पूरे लोगों को खाना लेकर नहीं आया था वो जो 70 लोग थे जिसमे 45 लोगो का खाना आया था, उन्होंने कहा था सेकंड शिफ्ट में हम खाना ले आएंगे पहला दिन उनका था, कार्रवाई जो खाने का टेंडर प्राइवेट संस्थान को दिया गया था उसको निरस्त कर दिया गया है अब कोरंटाइन सेंटर यानी कि विद्यालय में ही खाना बन रहा है, मुजफ्फरनगर के नोडल अधिकारी और विशेष सचिव को यह भी नहीं पता कि इस पूरे प्रकरण पर आगे क्या कार्रवाई की जाएगी उनके संज्ञान में कोई मामला कार्यवाई का नहीं है।