बुलंदशहर: शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा की शहादत की खबर से गांव में शोक की लहर, पैतृक गांव नारों से गूंज उठा
जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकियों के खिलाफ अभियान में कर्नल और मेजर समेत भारतीय सेना के पांच जवान शहीद हो गए। कश्मीर घाटी के हंदवाड़ा में चल रही इस मुठभेड़ में सेना द्वारा दो आतंकी मार गिराए। लेकिन इस दौरान दो सेना अधिकारी, सेना के दो जवान और जेके पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर शहीद हो गए। इन्हीं शहीदों में एक हैं कर्नल आशुतोष शर्मा जिन्हें 2019 में सेना मेडल से सम्मानित किया गया था, बुलंदशहर के मूल निवासी कर्नल आशुतोष शर्मा ने इस मुठभेड़ में देश के लिए अपने प्राण न्योछावर किए हैं। शहीद आशुतोष बुलंदशहर के इलना परवाना गांव के मूल निवासी हैं।
जबकि फ़िलहाल शहीद का परिवार राजस्थान-जयपुर में शिफ़्ट है। शहीद कर्नल ने बुलंदशहर नगर में स्थित डीएवी इंटर कॉलेज से ही इंटरमीडिएट तक पढ़ाई भी की थी।
शहीद के भाई चचेरे भाई सोनू पाठक ने बताया कि उनके बड़े भाई एक जांबाज़ इंसान थे, और वो हमेशा देश के लिए कुछ कर गुजरने की चाहत रखते थे। अपने भाई की शहादत पर उनको फख्र है। देश पर ऐसे और भी जाने न्योछावर अगर हो जय तो भी उनको फख्र होगा। बकौल सोनू शहीद कर्नल परिवार में जन्मे सभी बेटों को आर्मी जॉइन कराना चाहते थे और शहीद अपने सभी भाइयों को हमेशा वीर जवानों के बलिदानों के किस्से सुनाया करते थे। शहीद के भाई ने बताया कि कर्नल आशुतोष को बहादुरी के लिए पहले दो बार मैडल से नवाजा जा चुका है।
शहीद का परिवार चाहता है कि शहीद के पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव लाया जाए और यहीं शहीद को अंतिम विदाई दी जाए। जम्मू कश्मीर में शहीद हुए कर्नल का अंतिम संस्कार जयपुर में होगा,कोरोना के कारण शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा का पार्थिव शरीर जयपुर से बुलंदशहर उनके पैतृक गांव इलना परवाना नही आएगा,जयपुर में,शहीद कर्नल की पत्नी व पुत्री तमन्ना, माता सुधा शर्मा , बड़े भाई पीयूष शर्मा है बुलंदशहर जिला प्रशासन ने जयपुर जाने के लिये चचरे भाई को स्पेशल पास जारी किया है बुलंदशहर के इलना परवाना में रहता था शहीद आशुतोष शर्मा का परिवार लगभग पन्द्रह साल पहले माता पिता के साथ जयपुर में जा बसे थे,बुलंदशहर से शहीद कर्नल के परिजन जयपुर के लिए रवाना हुए हैं, वहीं कर्नल की शहादत की ख़बर से शहीद के गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। शहीद का पैतृक गांव नारों से गूंज उठा।