मुजफ्फरनगर : किसानों पर ओलावृष्टि की मार, भुखमरी की कगार पर किसान
मुजफ्फरनगर जनपद में अचानक मौसम ने करवट बदली और बिन मौसम धीमी बरसात में तेज सूखे ओलावृष्टि से किसानों की तैयार गेंहू की फसल ओलावृष्टि हो जाने से बर्बाद हो गई. उत्तराखंड से मिले यूपी के मुजफ्फरनगर जनपद के पुरकाजी, भोपा और मीरापुर इलाके में धीमी धीमी बरसात के साथ तेज ओलावृष्टि 10 मिनट तक इस तरह हुई कि किसानों की तैयार गेहूं की फसल का जो गेहूं का दाना होता है व गेहूं के बाल से जमीन पर गिर गया।
पिछले कुछ महीनों से लगातार रुक रुक कर ओलावृष्टि के साथ हो रही बारिश से किसानों के चेहरे पर मायूसी बनकर छाई हुई है। आज किसान अपनी फसल को लेकर बेहद ही मायूस है और लगातार ओलावृष्टि से हो रही किसानों के बड़े नुकसान को लेकर किसान भुखमरी की कगार पर भी खड़ा है। आपको बता दें 37 दिन के इस लॉकडाउन में अब तक किसानों पर पहली लॉकडाउन की आफत फूलों की खेती पर हुई किसानों ने अपने तैयार फूलों की खेती को अपने हाथों से ही नष्ट कर दिया, जिसके बाद अब रुक रुक कर पिछले कई महीनों से हो रही रिमझिम बरसात के साथ ओलावृष्टि ने किसानों की तैयार गेहूं की फसल पर पानी फेर दिया, भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने प्रदेश सरकार के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन पर भी किसानों पर हुई ओलावृष्टि की मार और फूलों की खेती को लेकर सवालिया निशान खड़े किए, टिकैत ने कहा अब तक प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में कोई अहम कदम लोग डाउन के दौरान नहीं उठाया है और यह आलम है कि आज प्रदेश भर में लॉकडाउन के दौरान किसानों को गन्ना भुगतान भी नहीं मिल रहा है, प्रदेश के मेलों पर कई करोड रूपये किसानों के बकाया है।
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने जानकारी देते हुए बताया है कि देखिए खास करके जो अभी टाइम चल रहा है जो अप्रैल और मई में जब गेहूं की कटाई हो जाती है गेहूं पूर्ण रूप से पक जाता है तो उसको टेंपरेचर करीब 40 डिग्री के आसपास उसको टेंपरेचर चाहिए जब भी गेहूं की थ्रेसिंह हो पाती है और अब ही टेंपरेचर उसी साहब से पढ़ा नहीं चलो लोग कच्चा पक्का काट रहे थे और जो ओलावृष्टि हुई है जो बारिश हो रही है इससे टेंपरेचर भी गिर रहा है और बारिश में बेहद ज्यादा नुकसान गेहूं पूर्ण रूप से 100 का 100 परसेंट गेहूं खत्म हो जाएगा अभी जिस तरीके की आज बारिश हुई है, आज ओलावृष्टि हुई तो इससे कुछ क्षेत्रों में खास करके अभी हमारा हरिद्वार वाली बेल्ट थी उसमें भी ओलावृष्टि हुई है और पहले भी वहां पर ज्यादा बारिश हुई है अपने जनपद मुजफ्फरनगर और सहारनपुर है, इसमें पूरे एक पट्टी में आज जो ओलावृष्टि हुई है। उससे बेहद ज्यादा नुकसान खड़ी फसल को नुकसान होगा जो पढ़ी हुई फसल है बारिश ज्यादा होने के कारण वह गेहूं बिजाई हो जाएगी कहूंगी वह पूर्ण रूप से जमुना शुरू हो जाएगा और उसे पूरा गेहूं खत्म हो जाएगा सिर्फ उसमें लास्ट में जाकर थोड़ा बहुत भूसा बचता है।
अगर मौसम नहीं खुलेगा तो किसान पूर्ण रूप से गेहूं का किसान बर्बाद होगा अभी मुआवजे की नहीं कोई बात प्रदेश सरकार से हुई है उत्तराखंड गवर्नमेंट ने जरूर बात करी है कि हम वहां का मुआवजे की हम बात करते हैं वहां पर सर्वे करवाते हैं अभी उनसे 15:20 मिनट पहले मेरी बातचीत हुई और उन्होंने जरूर यह बात कही लेकिन अभी उत्तर प्रदेश सरकार ने क्या हमारे यहां के जो अधिकारी हैं उस तरह की कोई बात अभी नहीं आई कि मुझे वाली बात और नुकसान कितना हुआ अभी सर्वे की भी बात नहीं हुई है, इस लॉकडाउन में किसान तो बर्बाद होगा ही इससे फ्रूट सिक्योरिटी की भी प्रॉब्लम आएगी और यह पूर्ण रूप से देश की हानि होगी अब जरूरत है, सरकार को किसानों को इस टाइम पर सहारा दे जिससे किसान अगले वाली फसल और इन फसलों को किसान बचा सके तो सरकार की जिम्मेदारी है कि किसानों को पूर्ण रूप से मदद करनी चाहिए किसानों की आज के टाइम में एक तो फूल का किसान है, वह पूर्ण रूप से लोग डाउन में पूरा बर्बाद हुआ जोग दूध का किसान है उसको पचास परसेंट के आसपास नुकसान है जो फल सब्जी का किसान है उसको भी बहुत जबरदस्त नुकसान है और जो गेहूं कुछ कटाई होकर मंडियों में जा रहा था वह कम रेट में बिक रहा है और 20 रुपये भी उस लीव भी उस किसान से वापसी लिए जा रहे हैं, तो किसानों को चारों तरफ से मारने का काम किया जा रहा है गन्ने का किसान जो है उसका भी भुगतान नहीं हो पा रहा है करीब 15000 करोड रुपए से ज्यादा उत्तर प्रदेश में ही बकाया है दूसरे प्रदेशों में भी बकाया है तो जो मार है कोरोना वायरस की मार है यह पूर्ण रूप से किसानों के ऊपर भी पड़ रही है पूरा देश का किसान बर्बादी के कागार पर है।