योगी के अस्पताल पर PPE किट का बड़ा खुलासा, न्यूज़ नशा कि पड़ताल में खुली पोल
- स्वास्थ्य विभाग की खुली पोल
- अस्पताल प्रशासन पर उठे सवाल
- डॉक्टर के वीडियो ने खड़ा किया हंगामा
- सीएमएस के.के.गुप्ता पर लापरवाही का आरोप
- सौ शैया अस्पताल का काला सच आया सामने
देश में इस समय कोरोनावायरस कहर बरपा रहा है। ऐसे में डॉक्टर सभी मरीजों को बचाने में लगे हैं। यह डॉक्टर दिन रात मेहनत कर कोरोनावायरस से सीधी जंग लड़ रहे हैं। ऐसे में क्या सरकार की तरफ से इन सब कुछ मिल रहा है? न्यूज़ नशा ने उत्तर प्रदेश के वृंदावन में एक स्टिंग किया है। इस स्टिंग के जरिए पता लगा कि वृंदावन के सौ शैया अस्पताल में सरकार द्वारा किस तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। इस अस्पताल में डॉक्टरों को PPE किट के लिए जूझना पड़ रहा है। न्यूज़ नशा ने स्टिंग ऑपरेशन कर एक वीडियो पोस्ट की है। जिस वीडियो में पता लगा कि इस अस्पताल में बहुत सी कमियां है।
बता दें कि डॉ दिलीप वृंदावन सौ शैया अस्पताल के इमरजेंसी विभाग के इंचार्ज हैं। ये डॉक्टर अस्पताल के सीएमएस डॉ केके गुप्ता पर सवालिया निशान खड़ा कर रहे हैं। इस वीडियो में अस्पताल का स्टाफ काफी गुस्से में है। सौ शैया अस्पताल के इस स्टाफ के गुस्से को देख कर पता लगता है कि मथुरा की सरकारी अस्पताल में कुछ तो गड़बड़ी है। अस्पताल के सीएमएस डॉ केके गुप्ता कुछ तो ऐसा कर रहे हैं जिसके चलते अस्पताल में न सिर्फ मरीज़ो की जान खतरे में है बल्कि डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की भी जान आफत में हैं। ऐसे में जब इस पूरी कहानी की पड़ताल की गई तो यूपी के स्वास्थ्य महकमें और मथुरा के सरकारी अस्पताल की जो हकीकत सामने आई उसने रोंगटे खड़े कर दिए। आइए आपको बताते हैं कि यह डॉक्टर आपस में बातचीत में क्या कह रहे हैं।
न्यूज़ नशा द्वारा किया गया स्टिंग ऑपरेशन
डॉक्टर:–मुद्दा ये है कि PPE किट के लिए ये बोल रहे है कि साहब कोई मरीज आएगा तो मिलेगी ….अब ये बताओ ..मरीज़…देखों बुरा मत मानना …..तुम किसी से टच होकर आए हो तो तुम्हारा रंग थोड़ी बदल गया….
साथी डॉक्टर कहते हैं- सही…… सही बात हैं सही बात हैं..
डॉक्टर- मै तो इस गुड फेथ में हूं ..अरे नही यार भई ज़हीर भाई …
‘रिपोर्टर:-सर आइसोलेशन रूम में तो सस्पेक्टेड ही है
चार्ज पड़े हुए हैं ..
डॉक्टर:-आइसोलेशन रुम में सस्पेक्टेड है पता है क्या होता है…… मरीज के इलाज में लापरवाही कैसे होती है… मैं बताता हूँ…कैसे होती हैं …..इससे कह दी एक बार तू चला जा …और एक घंटा बाद तू चला जइओं …जबकि उसके 4 राउंड होने चाहिए चारो बार एक स्टाफ एक डॉक्टर और एक वार्ड बॉय तीनो जाने चाहिए…12 पीपीई किट USE होनी चाहिए..और USE हो रही है तीन …एक बार तू चला जा भई देख आ…
रिपोर्टर -बिना पीपीई किट के…
डॉक्टर दिलीप……न..न..ना..पीपीई किट पहन के ..चार की जगह एक पीपीई किट से काम चला रहा हैं न एक चक्कर में ..अब ये जाएगा ये डॉक्टर की तरह से देख के नही आएगा ..और न वार्ड बॉय की तरह से काम करके आएगा..वार्ड बॉय जाएगा तो वो अपनी तरह से काम करके आएगा..भई सही है न…जैसे तुम्हारा अगर दिल्ली का कोई ब्यरो चीफ हो..भई वो अपने हिसाब से डील करेगा..तुम अपने हिसाब से करोगे …तुम किसी और अड़ोसी पड़ोसी को बोल दो वो अपने हिसाब से ले लाएगा..इसलिए मैने तुमसे कहा था कि वीडियो इनको बनाना सीखा दो..क्योकि हर किसी का अपना टेक्लिंग वे हैं ..
रिपोर्टर …..तो कल भी बता रहे है कि सीएमएस बिना किसी प्रोटेक्शन के वहां चले गए अंदर
डॉक्टर दिलीप….आप चले जाओ नो प्रॉब्लम …आप अपने साथ में किसी और स्टाफ को फोर्स क्यों कर रहे हो..
रिपोर्टर..कितने स्टाफ को लेकर गए थे ..
डॉक्टर …8 लोग थे 8 या 7…
रिपोर्टर ..जबरदस्ती स्टाफ को लेकर गए थे ….
डॉक्टर…वीडियो तो बनवाई पहले बड़ी उसमें…मैं …मैं डरता नहीं हूं किसी से..और जब वो मर गई तो फट गई …वीडियों डिलीट करवा दी..
रिपोर्टर..वीडियो डिलीट करवा दी भई ..
डॉक्टर..इन लोगो को धमकी दी हैं …कि अगर कही वीडियो और फोटो की किसी ने बात पहुंचाई ..तब इन लोगो ने कही है बॉस…हम क्या करें हम तो मरे बैठें हैं ..सामने बैठा वो जि़ंदा मरीज़ क्योकि उसने इसको इंफेक्ट कर दिया ..अब ये बैठा हुआ हैं ..अब हमें क्या मालूम
वार्डबॉय..ये फिर यहां से जाने के बाद डीएम के पास और गए हैं …सीधे मीटिंग में
डॉक्टर …ये चीज डीएम को पता चल गई न .. #*#*# देगा इसकी ..
वो जो पेपर में डीएम के साथ फोटो खिंचे है न… वो यहां से जाने के बाद खिंचा हैं ..
वार्ड बॉय..डीएम साहब के साथ जो फोटो हैं ..कल का ….वो यहां से जाने के बाद हैं ..यहां पेशेंटो से मिल कर जाने के बाद ..बिना पीपीई किट पहने
डॉक्टर …देखों एक काम तो किया जा सकता हैं ..यहां जो ..यहां जो फीवर वाले बैठें हैं न..वहां कि एक सीसीटीवी ले ली जाए..उसमें ये जो कपड़े पहने हुए हैं ..फिर मेरे कैमरे में भी इधर आते हुए फोटो हैं ..और डीएम के साथ ..फिर तोनो के फोटो और कपड़े सेम हुए
वार्ड बॉय…अंदर की आइसोलेशन वार्ड बॉस …अंदर की आइसोलेशन वार्ड की है सर..उसके आगे कैमरा हैं ..चालू है वो ..चालू है वो
डॉक्टर….धीरु तो मना कर रहा है..
वार्ड बॉय..झूठ बोल रहा हैं …धीरु तो चेला है उसका ..
अगर हो सीसीटीवी तो हम निकाल लेंगें ..
सीसीटीवी है भाई ..
चालू हैं ..
डाक्टर..अरे वो जो इमरजैंसी में इधर घुसते थे न..जो लेफ्ट में जो ऊपर कैमरा था ..वही तो हैं।
एक तरफ यूपी का स्वास्थ्य महकमा है जो कोरोना कंट्रोल को लेकर अपनी पीठ थपथपाने से नही थक रहा हैं और दूसरी तरफ मथुरा का सरकारी अस्पताल है जो कोरोना से मरीज़ो और डॉक्टरो की जान और जहान की पूरी हिफाज़त करने का दावा करते नही थक रहा है। लेकिन वृंदावन के सौ शैया सरकारी अस्पताल की इस मेडिकल स्टाफ की बाते और गुस्सा देख और सुन कर आपको यकीन हो गया होगा की आखिर कोरोना से निपटने के लिए और डाक्टरों की सुरक्षा के लिए पीपीई किट को लेकर प्रशासन और शासन के दावों की सच्चाई क्या है ।
आपको अंदाज़ा हो गया होगा कि सौ शैया अस्पताल में व्यवस्थाए कितनी दुरुस्त है और जिस तरह से सीएमएस के.के.गुप्ता बिना किसी प्रोटेक्शन के पेशेंट से मिल रहे है..और फिर उसके बाद डीएम और प्रशासनिक अमले से उससे आप खुद समझ जाइए कि आखिर सीएमएस के.के.गुप्ता किस किस की जान को खतरें में डाल रहे हैं। अब सवाल ये उठता है कि आखिरकार लापरवाह सीएमएस के.के.गुप्ता पर कार्यवाई कब होगी और कितनी सख्त होगी।
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