अखिलेश का बीजेपी पर वार, कहा “बीजेपी ने मजदूरों के साथ किया भेदभाव, कार्यकर्ता मुंह छुपाए बैठे हैं”
भारत में कोरोनावायरस तेजी से फैलता जा रहा है। मौत का आंकड़ा भी अब बढ़ने लगा है। वहीं जहां एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि हम साथ मिलकर इस घातक वायरस को हराएंगे। वहीं दूसरी तरफ लॉक डाउन होने की वजह से देश के गरीब तबके के लोग बेहद परेशान भी हैं। वही उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार पर अब सवाल उठने लगे हैं। योगी सरकार ने कोटा में रह रहे उत्तर प्रदेश के छात्र छात्राओं को वापस यूपी में बुला लिया है। जिसके बाद योगी सरकार पर बड़े सवाल उठने लगे हैं। कोटा से इन छात्र छात्राओं को को लाने के लिए 200 से भी ज्यादा बसें भेजी गई थी।
वहीं अब उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है उन्होंने कहा है कि जनता के आक्रोश के डर से भाजपा शर्मसार हो चुकी है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार भेदभाव कर रही है।
अब उप्र के हर गाँव-कस्बे में ये प्रश्न उठ रहा है कि दूसरे राज्यों में फँसे मजदूरों को वापस लाने के मामले में भाजपा सरकार भेदभाव क्यों कर रही है. जनता के आक्रोश के डर से भाजपा के शर्मसार कार्यकर्ता मुँह छिपाये बैठे हैं.
आज जनता समझ गयी है कि भाजपा गरीबों-कामगारों के साथ नहीं है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 19, 2020
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहां की,”अब उप्र के हर गाँव-कस्बे में ये प्रश्न उठ रहा है कि दूसरे राज्यों में फँसे मजदूरों को वापस लाने के मामले में भाजपा सरकार भेदभाव क्यों कर रही है। जनता के आक्रोश के डर से भाजपा के शर्मसार कार्यकर्ता मुँह छिपाये बैठे हैं। आज जनता समझ गयी है कि भाजपा गरीबों-कामगारों के साथ नहीं है।”
अखिलेश यादव का बयान उस समय सामने आया है जब योगी सरकार पर सवाल उठने लगे हैं। लोगों का कहना है कि जब सरकार छात्र छात्राओं को वापस बुला सकती है तो देश के गरीब, दिहाड़ी मजदूरों को क्यों नहीं। वही बिहार की नीतीश सरकार ने भी बीजेपी पर इस मामले में निशाना साधा था। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने योगी सरकार के कोटा बस भेजने के फैसले को लॉकडाउन का माखौल उड़ाना बताया । उन्होंने राजस्थान सरकार से बसों का परमिट वापस लेने तथा कोटा में ही विद्यार्थियों को सुविधा व सुरक्षा देने की मांग की। नीतीश कुमार कई बार यह कह चुके हैं कि इस तरह से सड़क मार्ग से लोगों के आने-जाने से लॉकडाउन के साथ खिलवाड़ होता है।