COVID 19 बिहार: 12 करोड़ की आबादी वाला राज्य और सिर्फ 4 जगहों पर जांच की सुविधा !
पूरी दुनिया को अपने चपटे में ले चुका कोरोना वायरस भारत में भी अपनी पैर पसार चुका है। जिसके बाद से पुरे देश में लॉक डाउन कर दिया गया है, ऐसे में जो प्रदेश में थे वो वही रुक गए लेकिन लॉक डाउन से पूर्व काफी लोग विदेश से लौटे जो बिहार के निवासी थे ऐसे ही एक शख्स सैफ अली थे मुंगेर जिला से थे जिनकी मृत्यु कोरोना वायरस से हो गई थी, अस्पताल के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सैफ को 20 मार्च को AIIMS पटना के आइसोलेशन वार्ड में रखा था। वही अंतिम संस्कार के बाद रिपोर्ट आया जिसमे मरीज में संक्रमण होने की पुष्टि हुई थी। कोरोना मरीज के संपर्क में बीते दिनों में 64 व्यक्ति आए थे जिनमें से 55 के सैंपल जांच के लिए आरएमआरआई भेजे गए थे, जिसमें से अब तक 11 कोरोना वायरस के पॉजिटिव पाए गए हैं।
मुंगेर, सिवान, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, मुज़फ्फपुर ऐसे कई जिले है जहां के लोग विदेश की मुलो में रहते है और कोरोना वायरस फैलने के बाद भारत लौटे और बिहार आए जिसके बाद से संक्रमित लोगो की संख्या सामने आने लगी।
मुंगेर के जिन 11 लोगो में वायरस के पुष्टि हुई है उनके संपर्क में कितने लोग आये ये पता करना काफी मुश्किल का काम किन्तु प्रशासन पूछताछ कर रही है, इन सबके बीच कठिन समस्या ये है कि ऐसे जगहों पर जांच की सुविधा उपलब्ध ही नहीं है जहां ये मरीज मिले। चुकी ये सारे गाँव वाले इलाके है लोगो के घर यहाँ पर बिलकुल आस पास में है इससे संक्रमण का खतरा और भी बढ़ा हुआ है।
बिहार में कुल अब तक 3329 लोगो की जांच की गई है। जांच में धीमी वजह का सबसे बड़ा कारण है जांच की सुविधा उपलब्ध न होना केवल 4 जगहों पर जांच की जा रही है जिनमें से 3 राजधानी पटना में है और एक जांच केंद्र दरभंगा में। जनसंख्या के मामले में बिहार देश का सबसे बड़ा तीसरा राज्य है ऐसे में कोरोना के कम सैंपल जांचना और धीमी जांच प्रकिया नितीश सरकार पर सीधे सवाल खड़े कर रही है।
आकंड़ों के अनुसार अभी भी क़रीब पांच हज़ार मरीज़ ऐसे हैं जिन्हें संदिग्ध के तौर पर निगरानी में तो रखा गया है लेकिन उनकी जांच नहीं हो हुई है बाहर से आए ऐसे साढ़े चार लाख से अधिक लोग हैं जिनकी जांच होनी बाक़ी है।
वही दूसरी ओर देखे तो बिहार में जागरूकता की भारी कमी है, लोगो द्वारा अलग-अलग नुस्खे अपनाये जा रहे है ऐसा ही एक मामला सामने आया छपरा से जहां लोग बेलन को चकले पर खड़ा कर के मिठाई चढ़ा रहे और लोगो में बाट रहे। कई जगहों पर लॉक डाउन का उलंघन किया जा रहा लोग शाम होते ही चौक चौराहे पर भीड़ लगा देते है, इन में अधिकांश बड़े बुजुर्ग और वहां के स्थानीय निवासी होते है जिनसे सख्ती से निपटना पुलिस के लिए भी मुश्किल साबित होता दिख रहा है।
अगर अस्पतालों की बात करे तो बिहार में चिकित्साः व्यवस्था में भारी कमी है, डाक्टरों में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ा हुआ है क्यूंकि प्रयाप्त से भी कम मात्रा में उपकरण मौजूद है। डॉक्टरों ने पीपीई किट, N-95 मास्क, ग्लव्स और दूसरे अन्य सुरक्षा उपकरणों के अभाव और उनकी मांग को लेकर विभाग और सरकार से कई बार शिकायतें भी की हैं।