राजेश से बनी सोनिया को अब मिली महिला की पहचान, 26 महीने से लड़ रही थी लड़ाई
रेलवे के रिकॉर्ड में एक नया इतिहास दर्ज होने वाला है। पहली बार लिंग परिवर्तन के आधार पर एक पुरुष का नाम महिला के रूप में जाना जाएगा। जी हां, पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल में लिंग परिवर्तन कराकर राजेश से बनी सोनिया पांडेय को 26 महीने की लड़ाई के बाद अब महिला की पहचान दे दी गई है। मेडिकल परीक्षण और रेलवे बोर्ड के निर्देश के बाद कागजों में सोनिया का नाम दर्ज कर लिया गया है। जल्द ही बदले हुए नाम से पत्र सोनिया को रिसीव कराया जाएगा।
राजेश उर्फ सोनिया पांडेय की कहानी बड़ी दिलचस्प है। पिता रेलकर्मी थे, उनकी मृत्यु के बाद 2013 में मृतक आश्रित कोटे पर राजेश की नौकरी लग गई। इज्जतनगर के मुख्य कारखाना प्रबंधक कार्यालय में कार्यरत तकनीकी ग्रेड-एक के पद पर तैनाती मिली। बकौल सोनिया, मुझसे बड़ी चार बहने हैं। मेरी मर्जी के खिलाफ 2012 में शादी हुई।
मेरे अंदर महिलाओं जैसे व्यवहार आने लगे। पहले तो बहुत परेशान हुई लेकिन निर्णय लिया कि लिंग परिवर्तन कराऊंगी। मैंने पत्नी को समझाया और हम मर्जी से अलग हो गए। इज्जतनगर उप कार्मिक अधिकारी आरके पांडेय ने कहा कि राजेश पांडेय का नाम अब सोनिया पांडेय किया जा रहा है। सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी है। जल्द ही सोनिया पांडेय के नाम से पत्र जारी कर सूचना दे दी जाएगी।
राजेश को बचपन से लड़कियों की तरह सजना सवंरना अच्छा लगता था।
राजेश को बचपन से लड़कियों की तरह सजना सवंरना अच्छा लगता था। –
10 दिसंबर 2017 में करवा ली सर्जरी
सोनिया के मुताबिक पत्नी से तलाक लेने के बाद दिल्ली में सेक्सोलॉजिस्ट से मिली तो उन्होंने सर्जरी करवाकर लिंग परिवर्तन की सलाह दी। पहले तो घरवाले तैयार नहीं थे। उन्हें बहुत समझाना पड़ा। फिर समाज का ताना अलग से। लेकिन मैं टूटी नहीं। मानसिक रूप से खुद को मजबूत किया। इसमें दोस्तों ने मदद की। 10 दिसंबर 2017 में सर्जरी करवाकर वापस बरेली आ गईं। फरवरी के पहले सप्ताह में रेलवे ने राजेश के पास और मेडिकल कार्ड पर लिंग महिला दर्ज कर दिया। इस सप्ताह कागजों में भी महिला दर्ज हो गया है।
मेडिकल बोर्ड से हुई राह आसान
सोनिया के मुताबिक मेडिकल बोर्ड की जांच से उनकी राह आसान हुई। पहले तो अधिकारियों ने मना कर दिया था। मेडिकल रिपोर्ट में पाया गया कि उनमें भौतिक रूप से जेंडर डिस्फोरिया (एक लिंग से दूसरे लिंग की चाह) है। ऐसा हार्मोन के बदलाव से होता है।
बैंक अकाउंट नहीं खुला
लिंग परिवर्तन के बाद सोनिया के सामने कई संकट खड़े हो गए। उनका बैंक अकाउंट, आधार कार्ड सबमें राजेश पांडेय नाम था। वे बताती हैं, मैं अपना पर्सनल बैंक अकाउंट खोलना चाहती थी। काफी कोशिश के बाद आधार कार्ड में नाम बदल गया है लेकिन मेरे एकाउंट वाले खाते में राजेश पांडेय वाला आधार लिंक है। बैंक में जब आवेदन किया तो कैंसल कर दिया गया। बताया गया कि एक ही फिंगर प्रिंट से दो नाम शो कर रहा है। इसी तरह नए सिम कार्ड का भी मामला फंस गया।
राजेश से बनी सोनिया पांडेय शादी करना चाहती हैं। उनकी मुश्किल यह है कि कोर्ट मैरिज के लिए उनके पास मुकम्मल कागजात नहीं है। सोनिया कहती हैं, शादी की योजना है लेकिन पहले रेलवे के कागजात में मेरा नाम सही होने का इंतजार था। अब वह दिन आ गया है। उप कार्मिक अधिकारी से मिली थी, उन्होंने बताया कि कागज में लिंग परिवर्तन का पत्र आ चुका है। जल्द उन्हें पत्र मुहैया कराया जाएगा।