किसने फैलाई सोनभद्र में 3 हजार टन सोना मिलने की अफवाह, जानिए सच
जबसे उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में 3 हजार टन सोना मिलने की खबर सामने आई है तभी से सोनभद्र चर्चा में बना हुआ है। खबरों में दावा का जा रहा था कि सोनभद्र में कई टन सोना निकला है। लोगों को उम्मीद जगी कि एक बार फिर अब तो भारत सोने की चिढ़िया कहलाएगा…यहां तक यूपी के डिप्टी सीएम ने तो इसे भगवान राम का आशीर्वाद बता दिया था…लेकिन आस तो तब टूट गई..जब जीएसआई यानि जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने इस खबर को खारिज कर दिया जीएसआई ने कहा कि सोनभद्र में तीन हजार टन सोना है ही नहीं, वहां केवल 160 किलो सोना मिलने की संभावना है…वो भी औसत दर्जे का। जीएसआई ने ये भी कहा कि उन्हें नहीं पता कि ये झूठ कहां से फैलाया गया है।
जीएसआई के खबर को खारिज करने के बाद हर कोई यही जानना चाहता है कि जब सोना था ही नहीं तो अफवाह किसने फैलाई…खबरो की माने तो ये सारा झूठ उत्तर प्रदेश के खनन विभाग और सोनभद्र के कलेक्टर के बीच पत्र-व्यवहार के लीक होने के बाद शुरू हुआ। उत्तर प्रदेश के भूतत्व एवं खनिक निदेशालय का एक लेटर मीडिया में मौजूद है, इसी लेटर में सोनभद्र के सोना पहाड़ी ब्लॉक में 2943.26 टन और हरदी ब्लॉक में 646.15 किलोग्राम सोना होने की संभावना जताई गई थी। लेटर में ही जीएसआई उत्तरी क्षेत्र लखनऊ की तरफ से खनिजों की नीलामी की रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई। साथ ही सोना निकालने के लिए सात सदस्यीय टीम के गठन की जानकारी भी दी गई…ये सब सिर्फ लेटर में ही थी…किसी ने कहा नहीं था… 31 जनवरी को ये लेटर लिखा गया था और 19 फरवरी को स्थानीय मीडिया के हाथो ये लेटर लग गया…बस फिर क्या था ये खबर आग की तरह फैल गई…कि सोनभद्र में सोना भरा पड़ा है…लेकिन अब जीएसआई ने इस खबर को पूरी तरह से खारिज कर दिया है कि सोनभद्र में 3 हजार टन सोना है….आपको बता दें कि अगर ये खबर सच होती तो भारतीय अर्थव्यवस्था में चार चांद लग जाते…
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा समय में भारत के पास करीब 626 टन सोने का भंडार है और अगर सोनभद्र जिले में फैलाए गए सोने के भंडार के झूठे आंकडे सही होते तो भारत सोने के रिजर्व को लेकर दुनिया के टॉप-3 देशों में शुमार हो जाता।