भक्तों के लिए मोदी सरकार ने भगवान को दिया आरक्षण ! भड़के ओवैसी !

वंदे भारत, तेजस के बाद मोदी सरकार ने शिव भक्तों को महाकाल एक्सप्रेस की सौगात दी। जिससे शिव भक्तों की खुशी का ठिकाना नहीं है। महाकाल एक्सप्रेस दो राज्यों के तीन ज्योतिर्लिंगों की यात्रा करेगी। जो कि इंदौर के पास ओंकारेश्वर, उज्जैन में महाकालेश्वर और वाराणसी में काशी विश्वनाथ को जोड़ेगी। ट्रेन के एसी-3 श्रेणी के सभी कोच में हर वक्त ऊं नम: शिवाय मंत्र बजता रहेगा। साथ ही भजन कीर्तन के लिए एक टोली भी रहेगी जो हर वक्त भगवान शिव के भजन गाएगी। इसके अलावा यात्रियों का स्वागत करने के लिए भगवा-पीले रंग के कपड़े पहले पुरुष ट्रेन होस्ट में मौजूद रहेंगे। सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी लगे हैं। निगरानी के लिए कोच अटेंडेंट की सीट के ऊपर एलसीडी डिस्प्ले लगा है। मतलब ये ट्रेन हर सुविधा से लैस है। लेकिन अगर आप इस महाकाल एक्सप्रेस में रिजर्वेशन कराएं तो ट्रेन के कोच नंबर बी 5 की 64 नंबर की सीट बुक मत कराना।

 

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जी हां बिल्कुल सही सुना आपने। महाकाल एक्सप्रेस के कोच बी-5 की 64 नंबर की सीट पर एक मंदिर बनाया गया है जो भगवन शिव के लिए बनाया गया है। इसीलिए ये आपके लिए नहीं बल्कि हमेशा के लिए भगवान को मिल चुकी है। क्योंकि मोदी सरकार ने इस सीट को भगवान शिव को आरक्षण में दे दिया है। जिस पर सिर्फ और सिर्फ भगवान शिव विराजेंगे।

मोदी सरकार ने वंदे भारत और तेजस के बाद तीसरी पहल तो की लेकिन इसमें भी अपनी छाप छोड़ना नहीं भूली। जिसपर अब राजनीति भी शुरु हो गई है। अब आप कहेंगे कि ट्रेन का राजनीति से क्या संबंध ? तो हम आपको बता दें कि संबंध हैं। वो ऐसे की ट्रेन की शुरुआत तो अच्छी पहल है लेकिन उसमें भगवान शिव के लिए एक सीट आरक्षित करना इस पहल पर सवाल खड़े कर रहा है। सबसे पहले सवाल तो एआईएमआईएम के अध्यक्ष असददुद्दीन ओवैसी ने ही खड़े किए। औवेसी को जैसे ही ये पता चला की ट्रेन में भगवान के लिए सीट आरक्षित है वैसे ही ओवैसी ने पीएमओ को ट्वीट कर संविधान में समानता की याद दिलाई।

 

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