साल 2021 के हरिद्वार महाकुंभ की भव्य तैयारियां शुरू, 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचेंगे
उत्तराखंड सरकार 2021 में दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक व आध्यात्मिक कुंभ मेले के आयोजन की तैयारियों में जुट गई है। हरिद्वार महाकुंभ को प्रयागराज कुंभ की तर्ज पर दिव्य और भव्य बनाने की कोशिश है। सरकार का अनुमान है कि महाकुंभ के आयोजन में देश और दुनिया से 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालु मेले में पवित्र गंगा स्नान के लिए पहुंचेंगे। सरकार की है परम इच्छा है कि इतनी बड़ी संख्या में पहुंचने वाले श्रद्धालु महाकुंभ से सुखद और अविस्मरणीय अनुभव लेकर लौटें। समय कम है और काम बहुत सारा है। इसलिए सत्ता की कमान संभालने के बाद से ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत महाकुंभ के आयोजन की तैयारियों में जुट गए थे।
पहले सरकार वर्ष 2022 में महाकुंभ मेले के आयोजन के हिसाब से तैयारी कर रही थी, लेकिन प्रयागराज में विद्युत परिषद ने तय किया की मेष राशि में सूर्य तथा कुंभ राशि में बृहस्पति का योग 2022 में नहीं बल्कि 2021 में बन रहा है। परिषद के निर्णय आधार पर हरिद्वार में 2021 में महाकुंभ होगा। सरकार ने 2021 के हिसाब से रोड मैप तैयार कर लिया है। लगभग 130 वर्ग किमी मेला क्षेत्र में सड़क पानी बिजली स्वास्थ्य कानून व्यवस्था शरीर की जरूरी सुविधाओं से संपन्न बनाया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने तय किया है कि महाकुंभ में होने वाले अधिकांश निर्माण कार्य स्थाई प्रकृति के होंगे। साथ ही निर्माण कार्यों की गुणवत्ता मानकों की कसौटी पर खरा रखने के लिए हर दिन मॉनिटरिंग और ऑडिट का पहली बार प्रावधान किया गया है।
कुंभ क्षेत्र में 2200 करोड़ के कार्य होने हैं, जिनमें एनएचएआई द्वारा आउटर रिंग रोड और हरिद्वार देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण की योजना भी प्रमुख रूप से शामिल है। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के स्तर पर महाकुंभ के कार्यों की प्रगति की समीक्षा हो रही है।
ग्रीन कुंभ, क्लीन कुंभ की थीम पर होगा जोर
राज्य सरकार ने एक महत्व कांशी प्रोजेक्ट के तहत कुंभ मेला क्षेत्र में बिजली की लाइन अंडरग्राउंड करने का काम प्रारंभ कर दिया है। इससे मेला क्षेत्र में तारों का जाल पूरी तरह गायब हो जाएगा। अंडर ग्राउंड लाइन से जहां विद्युत घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आएगी वहीं बिजली के खंभे हटने से यातायात के लिए भी सड़क खुल जाएगी। साथ ही शहर एक नए लुक में नजर आएगा। सरकार प्रोजेक्ट पर तेजी से काम कर रही है मौजूदा समय में आधा काम पूरा हो चुका है। अगले 6 महीने में मेला क्षेत्र की बिजली लाइन पूरी तरह अंडर ग्राउंड हो जाएगी। इतने बड़े पैमाने पर बिजली लाइन को अंडर ग्राउंड किए जाने का उत्तराखंड में यह पहला प्रयोग है। इसी के साथ हरिद्वार में गैस की सप्लाई भी पाइपलाइन के जरिए किए जाने का काम तेजी से चल रहा है। इससे घर-घर गैस आपूर्ति पाइप लाइन से होगी लोगों को ले जाने की मुसीबत से छुटकारा मिल जाएगा। साथ ही पाइप आधारित सप्लाई होने से मेले के दौरान स्थानीय लोगों को गैस आपूर्ति का संकट नहीं उठाना पड़ेगा।
आस्था के रंग में रंगी दीवारें भी देंगे कुंभ का संदेश इसी साल के प्रारंभ में प्रयागराज में हुए कुंभ की तर्ज पर मेला प्रशासन ने भी पूरे शहर को आध्यात्मिक महत्व वाली पेंटिंग से सजाने की तैयारी कर ली है। इसके तहत शहर की सड़कों की तरफ वाली दीवारों को कुंभ गंगा तथा अध्यात्म से जुड़े प्रेरक संदेश देती हुई पेंटिंग से सजाई जाएगी। इसके लिए कुंभ मेला अधिकारी दीपक द्वारा विशेष रूचि लेते हुए उन्हीं कलाकारों को हरिद्वार बुलाया गया है जिन्होंने प्रयागराज में दीवारों को सजाया था। अलग-अलग विश्वविद्यालयों तथा पेंटिंग से जुड़ी संस्थाओं के कलाकारों की एक पखवाड़े पहले हरिद्वार पहुंच चुके हैं। जिन्होंने मॉडल के तौर पर कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत के मायापुर स्थित आवास को आध्यात्मिक लुक वाले पेंटिंग से सजाया है।
कुंभ मेले में हरिद्वार को मिलेंगे 8 नए पुल
कुंभ मेले में धर्म नगरी हरिद्वार को 8 नए पुलों की सौगात मिलेगी। इनमें से एक पुल केबिल स्टेट पुल के बगल में एक बैरागी कैंप में, दो पुल रानीपुर झील के पास बनाए जाएंगे जबकि एक पुल धनोरी में बनाया जाना प्रस्तावित है। सभी पुलों के निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है पैसा भी आवंटित कर दिया गया है। इन पुलों के निर्माण के बाद तीर्थ यात्रियों को सहूलियत होगी। साथ ही प्रशासन की भी भीड़ प्रबंधन की चिंताएं कम होगी।
धरती के भीतर समा जाएगा शहर का सारा कूड़ा
कुंभ मेले की तैयारियों में जुटे मेला अधिष्ठान के अधिकारियों ने मिली के दौरान शहर को साफ सुथरा रखने के लिए एक अति महत्वपूर्ण योजना बनाई है। जिसके तहत 80 स्थानों पर जमीन के नीचे कूड़ा एकत्रीकरण स्थल बनाए जाएंगे। यह सभी स्थल अंडर ग्राउंड ट्रेचिंग पॉइंट के नाम से जाने जाएंगे और शहर भर का सारा कूड़ा इन भूमिगत कूड़ेदान में जमा कर दिया जाएगा। जिसे हर रोज गाड़ियां मंगा कर खाली किया जाएगा। शहर को साफ सुथरा रखने में यह योजना अति महत्वपूर्ण साबित होगी।
कुंभ की निगरानी में लगेंगे 1350 कैमरे, बनेगा हाईटेक कंट्रोल रूम
उत्तराखंड में होने वाले महाकुंभ की निगरानी 1350 कैमरों से होगी। जबकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैमरे के जरिए हर व्यक्ति पर नजर रखी जाएगी। कुंभ मेले के लिए हरिद्वार में इंसीडेंट कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया जाएगा। जबकि डाटा सेंटर सहस्त्रधारा रोड स्थित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में कंट्रोल रूम हरिद्वार में बनेगा। इसके अलावा हरिद्वार में ही पुलिस कंट्रोल रूम और प्लॉटिंग चौकिया भी बनेगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैमरे भी लगाए जाएंगे। जिसके जरिए कुंभ के दौरान लापता होने वालों को खोजा जा सकेगा। वहीं दूसरी और अपराधियों की धरपकड़ में भी यह काफी मददगार साबित होगा।
कुंभ के दौरान नहीं लगेगा जाम, बहादराबाद में होगी पार्किंग
महाकुंभ मेला 2021 के दौरान श्रद्धालुओं को ट्रैफिक जाम की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा पूर्णविराम इसके लिए मेला प्रबंधन व्यापक इंतजाम कर रहा है। इसी दिशा में काम करते हुए बहादराबाद स्थित सैन्य रक्षा भूमि को कुंभ मेला की पार्किंग बनाने के लिए चिन्हित किया गया है। साढ़े 11 हेक्टेयर इस भूमि पर लगभग 6000 वाहन आसानी से पास किए जा सकते हैं। योजना के अनुसार बहादराबाद में कुंभ मेला बजट से ही एचआरडीए द्वारा भूमि को समतल बना कर भूमि को पार्किंग स्थल बनाया जाना प्रस्तावित है। मेला प्रशासन के अनुसार कुंभ मेला को दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक माना जाता है। देश-विदेश से हरिद्वार पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों को यातायात में कोई परेशानी ना हो यहां पर पार्किंग का मानचित्र बनाया जा रहा है यहां से अन्य वाहनों द्वारा तीर्थ यात्रियों को हरिद्वार पहुंचाया जाएगा।