BJP मंत्री का विवादित बयान, कहा – “ठाकुरों से पंगा लेना ठीक नहीं”, रामजीलाल सुमन ने दिया यह जवाब

उत्तर प्रदेश में सपा सांसद रामजीलाल सुमन के काफिले पर हमला और भाजपा मंत्री के विवादित बयान ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। 27 अप्रैल को अलीगढ़ जिले में हुई इस घटना ने न केवल सपा और भाजपा के बीच टकराव को तेज किया, बल्कि राज्य सरकार की कानून-व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं।

भाजपा के मंत्री ठाकुर रघुराज सिंह के जातिवादी और विवादित बयानों ने इस घटना को और भी संवेदनशील बना दिया। इस बीच, रामजीलाल सुमन ने इन हमलों और बयानों का करारा जवाब देते हुए साफ किया कि वे किसी भी दबाव में नहीं आएंगे।

इस लेख में हम आपको इस पूरी घटना का विस्तृत विवरण और सरकार के दावों पर उठाए गए सवालों के बारे में बताएंगे।

क्या है पूरे घटनाक्रम की सच्चाई?

दरअसल, 27 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में सपा सांसद रामजीलाल सुमन के काफिले पर हमला हुआ। सांसद आगरा से बुलंदशहर जा रहे थे, जब खेरेश्वर चौराहे पर क्षत्रिय समाज के कुछ युवा सड़क पर उतर आए और सांसद के काफिले के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस पर सांसद के काफिले की गाड़ियां तेजी से भागने लगीं, जिसके कारण गाड़ियां आपस में टकरा गईं।

लेकिन इसके बाद भी हमलावरों का मन नहीं भरा और गभाना टोल प्लाजा के पास फिर से सांसद के काफिले पर हमला किया। गाड़ियों पर पत्थर और काली स्याही फेंकी गई, जिससे काफिला करीब 20 मिनट तक रुका रहा। इस घटनाक्रम के बाद प्रशासन ने सांसद को शहर में प्रवेश करने से मना कर दिया।

भाजपा मंत्री ठाकुर रघुराज सिंह के विवादित बयान

वहीं, इस हमले के बाद भाजपा सरकार के मंत्री ठाकुर रघुराज सिंह ने एक बेहद विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह हमला “स्वाभाविक” था और सांसद के काफिले पर हमला करने वाले युवाओं की सराहना की। उन्होंने कहा, “ये मुगलों की नाजायज औलाद हैं, जो वोट के लिए आक्रांताओं को अपना बाप मानते हैं।”

इतना ही नहीं, बल्कि रघुराज सिंह ने यह भी कहा कि “मैं रामजी लाल सुमन से पूछना चाहता हूं कि इनके कितने बाप-दादा ने स्वतंत्रता सेनानी हुए। कितने रणबांकुर हुए। इन्होंने देश के लिए कितनी लड़ाई लड़ी। ये केवल अपनी जीभ चला सकते हैं। आने वाले चुनाव में अखिलेश को दिखा देंगे कि जिस गांव में 10 ठाकुर हैं वो भी 100 वोट डलवाने की हैसियत रखते हैं। ठाकुरों से पंगा लेना ठीक नहीं है। हालात खराब होगी।

भाजपा मंत्री का यह बयान समाज में नफरत और असहमति को बढ़ावा देता है, और समाज की विभिन्न जातियों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करता है। रघुराज सिंह ने इस बयान के बाद खुद को आलोचनाओं के घेरे में पाया है, क्योंकि यह बयान न केवल राजनीतिक दृष्टि से गलत है, बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी असंवेदनशील है।

रामजीलाल सुमन का करारा जवाब

उधर, इस हमले के बाद, समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन ने भाजपा मंत्री के बयान पर करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा, “यह सोच गलत है कि हम पर हमला करके हमें डराया जा सकता है। इस तरह के हमलों से हमें कभी नहीं डराया जा सकता। जो लोग यह सोचते हैं कि हम झुक जाएंगे, वो गलतफहमी में हैं।”

सुमन ने आगे कहा, “मैं हमेशा कमजोर वर्ग, दलित और अकलियत के हक में आवाज उठाता रहूंगा, और जहां भी उनके साथ अत्याचार होगा, वहां मैं उनकी मदद करूंगा। यह हमला मेरी आवाज को दबाने के लिए नहीं किया गया, बल्कि यह हमारे अधिकारों की लड़ाई को कमजोर करने की एक कोशिश थी।”

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार का लचीलापन और पुलिस की निष्क्रियता प्रदेश में माहौल बिगाड़ने वाले तत्वों को बल दे रहे हैं। “हमारे खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं, लेकिन हम इनसे डरने वाले नहीं हैं,” सुमन ने कहा।

सामाजिक ताने-बाने को खतरा: नेताओं की बयानबाजी पर सवाल

रामजीलाल सुमन के काफिले पर हमला और भाजपा मंत्री के बयान ने एक बार फिर से उत्तर प्रदेश की राजनीति में जातिवाद और सांप्रदायिकता को तूल दिया है। भाजपा नेताओं के विवादित बयानों से यह साबित हो रहा है कि पार्टी में समाज की विविधता का सम्मान नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा, राज्य सरकार की निष्क्रियता भी सवालों के घेरे में है, क्योंकि हमलावरों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

 

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