पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के कब्जे में BSF जवान, पत्नी ने कहा – “मदद नहीं मिली, तो मैं दिल्ली..”

23 अप्रैल को पाकिस्तान द्वारा भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान पूर्णव कुमार साव को गिरफ्तार किए जाने के बाद से उनके परिवार और भारत सरकार में चिंता का माहौल है। यह घटना पाकिस्तान के रेंजर्स द्वारा जारी की गई दो तस्वीरों से सामने आई, जिनमें जवान की आंखों पर पट्टी बंधी और हाथ बंधे हुए थे।

पूर्णव कुमार साव का परिवार परेशान

पूर्णव कुमार साव पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के निवासी हैं। उनकी पत्नी रजनी और परिवार के अन्य सदस्य इस घटना को लेकर बहुत घबराए हुए हैं। रजनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैं हमेशा के लिए बैठकर इंतजार नहीं कर सकती। अगर मुझे मदद नहीं मिली, तो मैं दिल्ली जाउंगी और प्रधानमंत्री कार्यालय से जवाब मांगूंगी।”

कैसे हुई गिरफ्तारी?

प्राप्त जानकारी के अनुसार, पूर्णव कुमार साव 23 अप्रैल को बॉर्डर पर किसानों की सुरक्षा के लिए तैनात थे। वह गलती से अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार कर पाकिस्तान के क्षेत्र में चले गए, जहां पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें पकड़ लिया। उनकी रिहाई के लिए BSF ने तुरंत पाकिस्तान से संपर्क किया और तीन बार फ्लैग मीटिंग भी बुलाई, लेकिन पाकिस्तान ने कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया।

फोटो जारी होने के बाद की प्रतिक्रिया

पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा जारी की गई तस्वीरों में पूर्णव कुमार साव की आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी और हाथ पीछे बंधे थे। इन तस्वीरों के बाद उनके परिवार में चिंता और डर का माहौल बना हुआ है। उनके बड़े भाई श्याम सुंदर ने कहा, “हमने टीवी पर देखा कि पूर्णव पाकिस्तान के कब्जे में है। हम बहुत घबराए हुए हैं।”

परिवार की अपील

पूर्णव कुमार साव की पत्नी और परिवार सरकार से अपील कर रहे हैं कि उन्हें सुरक्षित वापस लाया जाए। रजनी ने कहा, “मैंने आखिरी बार उनसे रात 1 बजे बात की थी और फिर सुबह 6 बजे उन्हें पकड़ा गया। मैं सरकार से अपील करती हूं कि उन्हें सुरक्षित वापस लाया जाए।”

सरकार और BSF की ओर से की जा रही कोशिशें

BSF ने पाकिस्तान से पूर्णव की रिहाई के लिए लगातार प्रयास जारी रखे हैं। BSF के DG दलजीत चौधरी ने बताया कि होम सेक्रेटरी को रिहाई की प्रक्रिया के बारे में अपडेट दिया जा रहा है। सरकार ने इस मामले में कोई भी देरी को गंभीरता से लिया है और जरूरी कदम उठाने की योजना बनाई है।

क्या है जीरो लाइन?

जीरो लाइन वह अंतर्राष्ट्रीय सीमा होती है, जो दोनों देशों के बीच मध्य में स्थित होती है। इसे पार करना गंभीर मामला माना जाता है। BSF और पाकिस्तानी रेंजर्स दोनों को यह समझ होती है कि किस जगह पर कौन तैनात है। जीरो लाइन पार करने पर दोनों देशों के बीच फ्लैग मीटिंग बुलाई जाती है और उस जवान की रिहाई की प्रक्रिया शुरू की जाती है।

BSF जवान की रिहाई में आनाकानी

भारत-पाकिस्तान के बीच इस समय तनावपूर्ण माहौल है, खासकर पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद। पाकिस्तान ने भारतीय जवान को गिरफ्तार करने के बावजूद रिहाई में आनाकानी की है। BSF और भारत सरकार इस मामले में आगे कोई भी देरी नहीं चाहती और पूर्णव कुमार साव की जल्द रिहाई के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

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