दिनदहाड़े बसपा नेता की हत्या, गोली मारी.. चाकू से कई वार किए.., गुस्साई भीड़ ने पुलिस की 3 गाड़ियां तोड़ीं

फिरोजाबाद जिले के मोहम्मदाबाद में शुक्रवार सुबह उस वक्त सनसनी फैल गई, जब बसपा नेता और पूर्व जिला पंचायत सदस्य पप्पू कुशवाहा की चार बदमाशों ने दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी। घटना के बाद से इलाके में तनाव है और ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है।
चाकुओं से किया ताबड़तोड़ हमला, फिर गोली मारकर हत्या
पुलिस के अनुसार, पप्पू कुशवाहा (52) सुबह 9 बजे बाइक से कहीं जा रहे थे। घर से महज 200 मीटर की दूरी पर दो बाइक पर सवार चार बदमाशों ने उन्हें घेर लिया। बदमाशों ने पहले उन पर चाकुओं से ताबड़तोड़ हमला किया, फिर गोली मारकर हत्या कर दी। गोली उनके गले को पार करते हुए निकल गई, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
गोली की आवाज से जुटे ग्रामीण, पुलिस से भिड़ंत
गोली चलने की आवाज सुनकर बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। देखते ही देखते वहां करीब 200 से अधिक लोग इकट्ठा हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाने की कोशिश की तो ग्रामीणों ने विरोध किया। पुलिस और ग्रामीणों के बीच धक्का-मुक्की हुई, जिसमें ग्रामीणों ने पुलिस की तीन गाड़ियों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।
पहले भी चल रही थी चुनावी रंजिश
मृतक के बेटे प्रिंस ने बताया कि बसपा सरकार के दौरान 2011 में उनके पिता जिला पंचायत सदस्य चुने गए थे। तभी से कुछ लोगों के साथ चुनावी रंजिश चल रही थी। पप्पू कुशवाहा इस समय आगामी ग्राम प्रधान चुनाव की तैयारियों में लगे थे।
दो शादियां, दो मकान, हाल ही में पिता का निधन
पुलिस ने बताया कि पप्पू कुशवाहा ने दो शादियां की थीं और गांव में उनके दो मकान थे। पहली पत्नी पिंकी कुशवाहा के साथ वह पुराने मकान में रहते थे, जबकि दूसरी पत्नी गांव के बाहरी इलाके में रहती थीं। पप्पू के चार बच्चे हैं। हाल ही में 9 अप्रैल को उनके पिता सुनहरी लाल का निधन हुआ था और 21 अप्रैल को उनकी तेरहवीं थी, जिसमें कई नेता भी शामिल हुए थे।
SSP ने दिया जांच का भरोसा
घटना की जानकारी मिलते ही SSP सौरभ दीक्षित और SP सिटी रविशंकर प्रसाद मौके पर पहुंचे। SSP ने कहा कि आरोपियों की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं और जल्द ही गिरफ्तारी होगी। मामले की जांच एसपी सिटी को सौंपी गई है।
ग्रामीणों में भारी गुस्सा
दिनदहाड़े हुई इस हत्या ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। ग्रामीणों में भारी गुस्सा है और वे न्याय की मांग कर रहे हैं। पुलिस पर जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी का दबाव है। प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह लोगों के गुस्से को शांत करते हुए दोषियों को सजा दिलाए और क्षेत्र में कानून व्यवस्था बहाल करे।