Pahalgam Attack: CM सैनी पर फूटा बहन का गुस्सा, कहा – “अगर आर्मी होती, बच जाता भाई, डेढ़ घंटे तक.. “

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के अंतिम संस्कार के दौरान करनाल में भावनाओं का ज्वालामुखी फूट पड़ा। सबसे मार्मिक और तीखी प्रतिक्रिया उनकी बहन सृष्टि की थी, जिनका ग़ुस्सा हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के सामने खुलकर सामने आया। सृष्टि ने कहा, “अगर आर्मी होती, तो मेरा भाई बच जाता। डेढ़ घंटे तक कोई मदद के लिए नहीं आया। मुझे इंसाफ चाहिए, मुझे बदला चाहिए।”
CM सैनी के सामने बहन सृष्टि का ग़ुस्सा: “मैं न्याय चाहती हूं”
जब मुख्यमंत्री सैनी लेफ्टिनेंट के अंतिम दर्शन के लिए करनाल पहुंचे, तो सृष्टि ने उनकी बातों को सुनने से पहले ही अपना दर्द और आक्रोश सार्वजनिक रूप से व्यक्त कर दिया। उन्होंने कहा,
“आतंकी ने नाम पूछा और 3 बार गोली मारी। डेढ़ घंटे तक कोई नहीं आया। अगर वहां सेना होती तो विनय आज ज़िंदा होता।”
सृष्टि ने मुख्यमंत्री के हाथ पकड़कर कहा, “जिन्होंने मेरे भाई को मारा, मैं उन्हें मुर्दा देखना चाहती हूं। मुझे बदला चाहिए।”
इस मार्मिक क्षण में सीएम सैनी की आंखें भी भर आईं। उन्होंने भावुक स्वर में कहा, “जिसने मारा है, वो मरेगा।”
पत्नी हिमांशी की आंखों में आंसू, दिल में गर्व: “आई एम प्राउड ऑफ यू”
विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी, जो उनके साथ हनीमून पर थीं, ने भी दिल तोड़ देने वाला दृश्य देखा। दिल्ली एयरपोर्ट पर जब पार्थिव शरीर पहुंचा, तो हिमांशी उसे गले से लगाकर रो पड़ीं और कहा, “आई एम प्राउड ऑफ यू।”
वह बार-बार जय हिंद कहती रहीं और पति के लिए सैल्यूट करती रहीं।
‘नाम पूछकर मारी गोली’: पत्नी ने बताई घटना की भयावहता
हिमांशी ने बताया कि 22 अप्रैल को वे दोनों बैसरन घाटी में भेलपुरी खा रहे थे, तभी आतंकी आया और विनय से नाम पूछा। जैसे ही उसने कहा कि वह मुसलमान नहीं है, आतंकी ने सिर में गोली मार दी। उनकी शादी को सिर्फ 7 दिन हुए थे।
खट्टर भी पहुंचे करनाल, बोले- ‘खामियाज़ा भुगतेगा पाकिस्तान’
लेफ्टिनेंट की शहादत की खबर मिलते ही केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर नेपाल दौरा बीच में छोड़कर करनाल पहुंचे। शोक संतप्त परिवार से मिलने के दौरान खट्टर खुद भी रो पड़े। उन्होंने कहा, “जो भी हुआ है, वह निंदनीय है। अगर टूरिस्ट भी सुरक्षित नहीं हैं, तो यह बेहद चिंता का विषय है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि सरकार नीति के अनुसार शहीद का दर्जा देने पर निर्णय लेगी।
तीन साल पहले नौसेना में भर्ती हुए थे विनय, यूरोप जाना था लेकिन गए कश्मीर
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल करनाल के भुसली गांव के रहने वाले थे। तीन साल पहले उनका नेवी में चयन हुआ था। 16 अप्रैल को उन्होंने गुरुग्राम की हिमांशी से शादी की थी और हनीमून पर कश्मीर गए थे।
सबसे दुखद और हैरानी की बात ये है कि उनका यूरोप का प्लान वीज़ा न मिलने के कारण कैंसिल हुआ था, इसलिए वो पहलगाम गए, जहां उनकी जिंदगी खत्म हो गई।
बहन ने दी मुखाग्नि, लोगों ने लगाए ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे
विनय नरवाल का पार्थिव शरीर को करनाल लाकर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। बहन सृष्टि ने भाई को कंधा दिया और मुखाग्नि दी। श्मशान घाट तक रास्ते में लोगों ने फूल बरसाए और ‘विनय नरवाल अमर रहें’, ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगाए।
अब सवाल उठता है कि कब मिलेगा न्याय?
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की शहादत देश के लिए एक असहनीय क्षति है। उनकी बहन सृष्टि की चीखें, पत्नी हिमांशी की नम आंखें और पूरे देश का आक्रोश एक स्वर में यही कहता है—अब और नहीं। सरकार से उम्मीद की जा रही है कि आतंकियों को न केवल कड़ी सजा मिले, बल्कि ऐसी घटनाएं फिर दोहराई न जाएं।