Kashmir Attack: रॉबर्ट वाड्रा का बयान Viral.. कहा – “पहचान देखकर मारना, PM Modi को संदेश”

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। कांग्रेस सुप्रीमों राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा ने इस हमले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिंदुत्व आधारित राजनीति पर सवाल उठाए हैं। वाड्रा ने कहा कि यह हमला अल्पसंख्यकों की असुरक्षा की भावना का परिणाम है और आतंकियों ने इस हमले के जरिए पीएम मोदी को संदेश देने की कोशिश की है।
रॉबर्ट वाड्रा का बयान: ‘पहचान देखकर मारना, पीएम मोदी को संदेश’
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, “मैं बहुत दुखी महसूस कर रहा हूं और इस आतंकी हमले में मारे गए लोगों के लिए मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। हमारे देश में हम देखते हैं कि यह सरकार हिंदुत्व की बात करती है, और अल्पसंख्यक असहज और परेशान महसूस करते हैं। अगर आप इस आतंकी हमले का विश्लेषण करें तो समझ आएगा कि अगर वे (आतंकी) लोगों की पहचान देख रहे हैं, तो वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे देश में हिंदू और मुस्लिम के बीच एक विभाजन रेखा खिंच गई है।”
उन्होंने आगे कहा, “कुछ संगठनों को लगता है कि हिंदू सभी मुसलमानों के लिए समस्याएं खड़ी कर रहे हैं। पहचान देखकर मारना पीएम नरेंद्र मोदी को एक संदेश है। ऐसा इसलिए क्योंकि मुसलमान खुद को कमजोर महसूस कर रहे हैं। अल्पसंख्यक खुद को कमजोर महसूस कर रहा है। शीर्ष नेतृत्व से ऐसा संदेश आना चाहिए कि हम सभी देश में सुरक्षित महसूस करें और सेकुलरिज्म की भावना रहे। ऐसा हो जाए तो फिर हम इस तरह की घटनाएं नहीं देखेंगे।”
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
रॉबर्ट वाड्रा के बयान के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ यूजर्स ने उनके बयान को ‘राजनीतिकरण’ करार दिया, जबकि अन्य ने उनकी चिंताओं को जायज ठहराया। कई लोगों ने सवाल उठाया कि मीडिया वाड्रा की राय को क्यों महत्व देता है।
कर्ण सिंह की प्रतिक्रिया: ‘हमले की व्यापक जांच होनी चाहिए’
वहीं, जम्मू-कश्मीर के अंतिम महाराजा हरि सिंह के पुत्र और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने इस हमले को ‘अविश्वसनीय’ और ‘चिंताजनक’ बताया। उन्होंने कहा, “यह घटना तो यकीन से भी परे है। इस तरह पर्यटकों पर कभी भी कश्मीर में हमला नहीं हुआ। मुझे लगता है कि सीमा पार से यह अलग ही रणनीति बनाई गई है कि आम नागरिकों को टारगेट किया जाए। यह रातोंरात नहीं हुआ होगा। इसकी पहले से प्लानिंग हुई होगी और हमलावर पहले से घाटी में रहे होंगे। इसलिए यह बहुत ही चिंताजनक चीज है। कश्मीर के लोग तो टूरिज्म पर ही निर्भर रहते हैं। यह हमला बेहद बर्बर और दिल तोड़ने वाला है।”
उन्होंने सरकार से इस घटना की गंभीरता से जांच कराने की मांग की और कहा, “हमारे पास बहुत सी एजेंसियां हैं। हमें जांच करानी होगी कि आखिर क्या हो रहा है। यह बेहद गंभीर मामला है। इस घटना के राजनीतिक और सामाजिक तौर पर गंभीर परिणाम होंगे। भारत सरकार को तय करना होगा कि आखिर कौन से ऐक्शन लेने होंगे। ऐसे कई ऐक्शन हो सकते हैं, जिन्हें लिया जाए तो इस तरह की घटनाएं शायद दोहराई न जाएं।”
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
पहलगाम आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि राजनीतिक दलों के बीच भी तीखी बहस छेड़ दी है। रॉबर्ट वाड्रा और कर्ण सिंह जैसे नेताओं के बयान इस बात की ओर इशारा करते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में केवल सैन्य कार्रवाई ही नहीं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक समरसता भी आवश्यक है।