Pahalgam Attack: मस्जिदों से उठी अमन की आवाज़, नफरत के खिलाफ एकता की मिसाल!

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में शोक और आक्रोश की लहर है। इस हमले में 27 निर्दोष लोगों की जान चली गई। जहां एक ओर लोग आतंकियों की बर्बरता पर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मुस्लिम समाज के धार्मिक नेताओं और मस्जिदों से आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई जा रही है। कई मस्जिदों में इस हमले की खुलकर निंदा की गई है और अमन, शांति और भाईचारे का संदेश दिया गया है।
मस्जिदों से उठा अमन और शांति का पैगाम
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में कई मस्जिदों से इस हमले के खिलाफ आवाज़ उठाई गई। वक्ताओं ने कहा कि “हिंसा किसी भी धर्म का हिस्सा नहीं है” और ऐसे हमले मानवता को शर्मसार करते हैं। उन्होंने सभी धर्मों के लोगों से एकजुट रहने और आपसी भरोसे को बनाए रखने की अपील की।
ईदगाह लखनऊ में शोकसभा, आतंक के खिलाफ एकजुटता का संदेश
लखनऊ की ऐशबाग ईदगाह में मंगलवार के हमले को लेकर विशेष शोकसभा का आयोजन किया गया। इस दौरान ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा,
“कश्मीर की आवाम को पर्यटकों की सुरक्षा का भरोसा देना चाहिए और आतंकवाद के खिलाफ मिलकर खड़े होना चाहिए।”
उन्होंने सरकार से मांग की कि इस हमले के दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और घाटी में अमन बहाल किया जाए।
मौलाना ने किया बड़ा एलान: लखनऊ में कैंडल मार्च
मौलाना सैफ अब्बास ने हमले को अफसोसनाक करार देते हुए कहा कि
“कोई भी मजहब मासूमों का खून बहाने की इजाजत नहीं देता।”
उन्होंने बताया कि बुधवार शाम लखनऊ में मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए घंटा घर से रूमी गेट तक कैंडल मार्च निकाला जाएगा और लोगों से इसमें शामिल होने की अपील की।
गंगा-जमुनी तहजीब को बचाने का संकल्प
इस दुखद घटना के बाद मुस्लिम समुदाय ने एक बार फिर देश की गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल कायम करते हुए अमन और एकता का पैगाम दिया है। आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होने की इस अपील ने समाज को एक सकारात्मक दिशा देने का काम किया है।
आतंकवाद के खिलाफ हर मजहब एकजुट
इस हमले के बाद देशभर में एक बात स्पष्ट हो गई है—आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता और भारत की आत्मा को तोड़ने की हर कोशिश को समाज एकजुट होकर नाकाम करेगा।