Swati Malliwal ने तोड़ी चुप्पी: इस्तीफे पर दिया जवाब
Swati Malliwal को लेकर चर्चा तेज थी। उनकी पार्टी के प्रति कड़ी आलोचना और सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाने के बावजूद,
बीते कुछ महीनों से राजनीति और सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय Swati Malliwal को लेकर चर्चा तेज थी। उनकी पार्टी के प्रति कड़ी आलोचना और सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाने के बावजूद, उनके इस्तीफे को लेकर उठते सवाल सुर्खियों में थे। आलोचक यह जानने को उत्सुक थे कि जब वह पार्टी की नीतियों से असहमत हैं, तो वह पद क्यों नहीं छोड़ रही हैं।
इस्तीफे पर स्वाति मालीवाल का बड़ा बयान
आज Swati Malliwal ने इस विषय पर अपनी चुप्पी तोड़ी और साफ कर दिया कि उन्होंने इस्तीफा क्यों नहीं दिया। उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा से अपने पद का उपयोग जनता के हित में काम करने के लिए किया है। मेरी जिम्मेदारी है कि मैं उस मंच का उपयोग करूं, जहां से मैं बदलाव ला सकती हूं। इस्तीफा देकर भागना आसान है, लेकिन मैं लड़ाई जारी रखना चाहती हूं।”
आलोचना और आत्मविश्लेषण
Swati Malliwal ने स्वीकार किया कि वह पार्टी की नीतियों और कार्यशैली से असहमत रही हैं। उन्होंने कहा, “मैंने गलत को गलत कहा है, चाहे वह मेरी पार्टी हो या विपक्ष। लेकिन मेरी लड़ाई का मकसद समाज को बेहतर बनाना है, न कि व्यक्तिगत हित साधना।”
स्वाति मालीवाल का समाज सेवा पर जोर
स्वाति मालीवाल ने अपने बयान में जोर दिया कि वह राजनीति में बदलाव लाने और जनता की भलाई के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि इस्तीफा देना एक आसान रास्ता हो सकता है, लेकिन वह अपने कर्तव्य को निभाते हुए सही समय पर सही फैसला लेने में विश्वास रखती हैं।
आलोचकों को दिया करारा जवाब
स्वाति मालीवाल ने अपने आलोचकों को सीधे जवाब देते हुए कहा, “मेरे इस्तीफे की मांग करने वाले पहले यह समझें कि मैं किस मकसद से यहां हूं। मेरी लड़ाई व्यक्तिगत नहीं है। मैं उस पद का उपयोग उन लोगों की आवाज बनने के लिए कर रही हूं, जो खुद के लिए खड़े नहीं हो सकते।”
पार्टी और स्वाति मालीवाल के बीच बढ़ती खाई
Swati Malliwal के इस बयान के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि उनकी पार्टी से असहमति का स्तर गंभीर है। हालांकि, उनके बयान से यह भी साफ है कि वह अपनी जिम्मेदारियों को लेकर सजग हैं और इस्तीफा देने के बजाय सिस्टम के भीतर रहकर बदलाव की कोशिश कर रही हैं।
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Swati Malliwal का यह बयान उन सभी सवालों का जवाब है, जो उनके इस्तीफे को लेकर उठाए जा रहे थे। उन्होंने अपने कर्तव्य और सामाजिक सेवा को प्राथमिकता देते हुए यह साफ कर दिया है कि वह अपनी लड़ाई जारी रखेंगी। यह बयान उनकी दृढ़ता और समाज के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है। राजनीति में ऐसी पारदर्शिता और प्रतिबद्धता सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हो सकती है।