करे वो , भरे हम … चीन को सुनकर Trump ने छोड़ा WHO, दिखा दिया आईना
Trump ने एक बड़ा और विवादास्पद कदम उठाते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) से अमेरिका को हटाने का फैसला किया है।
डोनाल्ड Trump ने एक बड़ा और विवादास्पद कदम उठाते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) से अमेरिका को हटाने का फैसला किया है। यह निर्णय ट्रंप की चीन पर नाराजगी और डब्लूएचओ के प्रति उनके संदेह का परिणाम है। ट्रंप का दावा है कि डब्लूएचओ चीन के प्रभाव में काम कर रहा है और अमेरिका के हितों की अनदेखी कर रहा है।
चीन पर हमला
Trump ने अपने बयान में चीन पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि चीन की आबादी अमेरिका से कई गुना ज्यादा है, लेकिन इसके बावजूद चीन डब्लूएचओ को बहुत कम फंडिंग कर रहा है। ट्रंप ने इस असमानता को अनुचित बताते हुए कहा कि अमेरिका, जो सबसे ज्यादा फंडिंग करता है, को डब्लूएचओ में समान महत्व नहीं दिया जा रहा। उन्होंने चीन को डब्लूएचओ की ‘प्रभुत्ववादी नीति’ का लाभ उठाने का आरोप लगाया।
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अमेरिका और डब्लूएचओ के बीच संबंध
डब्लूएचओ को अमेरिका सबसे बड़ा आर्थिक योगदान देता आया है, जो वैश्विक स्वास्थ्य संकटों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन Trump का कहना है कि डब्लूएचओ चीन के पक्ष में झुका हुआ है और महामारी के दौरान संगठन ने चीन के हितों को प्राथमिकता दी। इस वजह से अमेरिका ने यह कठोर कदम उठाने का फैसला किया।
डब्लूएचओ से हटने के नतीजे
अमेरिका के इस कदम से डब्लूएचओ के लिए फंडिंग की कमी हो सकती है। यह निर्णय वैश्विक स्वास्थ्य तंत्र पर गहरा प्रभाव डाल सकता है, क्योंकि अमेरिका के योगदान से कई स्वास्थ्य परियोजनाएं संचालित होती हैं। दूसरी ओर, ट्रंप के इस फैसले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना भी हो रही है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से अमेरिका की वैश्विक छवि को नुकसान पहुंच सकता है।
चीन की प्रतिक्रिया
चीन ने Trump के आरोपों को खारिज किया है और डब्लूएचओ को अपनी फंडिंग के प्रति प्रतिबद्ध बताया है। चीन ने अमेरिका पर वैश्विक स्वास्थ्य संकट के दौरान ‘अवसरवादी राजनीति’ करने का आरोप लगाया। चीन का कहना है कि डब्लूएचओ पर हमला करना समस्या का समाधान नहीं है, बल्कि यह वैश्विक एकजुटता को कमजोर करेगा।
Trump का पक्ष
Trump का कहना है कि अमेरिका के करदाताओं का पैसा ऐसी संस्था पर खर्च नहीं होना चाहिए, जो निष्पक्षता से काम न करे। उनका मानना है कि डब्लूएचओ में सुधार की आवश्यकता है और चीन जैसे देशों को अपनी जिम्मेदारी उठानी चाहिए। ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका इस धन का उपयोग अन्य स्वास्थ्य संगठनों के माध्यम से करेगा।
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डब्लूएचओ से अमेरिका के हटने का फैसला वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली के लिए एक बड़ा झटका है। ट्रंप का चीन और डब्लूएचओ पर हमला यह दिखाता है कि वे अंतरराष्ट्रीय संगठनों में निष्पक्षता की मांग कर रहे हैं। हालांकि, इस कदम के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं, जो वैश्विक स्वास्थ्य सेवाओं और अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय साख को प्रभावित कर सकते है.