World – देश आज–कल अपने आपको ताकतवर दिखने के लिए किसका सहारा ले रहे हैं ? जानिए पूरी रिपोर्ट –
World News - भारत ने 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से अपने रक्षा खर्च को विभिन्न सरकारों के तहत बढ़ाया है। समय के साथ, देश की सुरक्षा ज़रूरतें और रक्षा खर्च भी बढ़े हैं।
World News – भारत ने 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से अपने रक्षा खर्च को विभिन्न सरकारों के तहत बढ़ाया है। समय के साथ, देश की सुरक्षा ज़रूरतें और रक्षा खर्च भी बढ़े हैं। यहां हम भारत के रक्षा बजट, मिसाइलों और हथियारों पर खर्च, और अलग-अलग प्रधानमंत्रियों के तहत होने वाली आर्थिक नीतियों का अवलोकन करेंगे।
1. स्वतंत्रता के बाद भारत का रक्षा बजट (1947-1970)
भारत के स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद, पहले कुछ दशकों में रक्षा बजट पर बहुत ध्यान नहीं दिया गया था, क्योंकि देश की प्राथमिकता औद्योगिकीकरण और अन्य विकासात्मक योजनाओं पर थी। 1950-60 के दशक में, भारत की सेनाओं के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण किया गया।
- 1950-1960: इस अवधि में भारत का रक्षा खर्च लगभग 2.2% GDP के आस-पास था।
- 1962 चीन युद्ध: 1962 में चीन के साथ युद्ध के बाद, भारत को अपनी सैन्य क्षमता को मजबूत करने की आवश्यकता महसूस हुई, और रक्षा बजट में वृद्धि की गई।
2. इंदिरा गांधी के शासन में (1966-1977 और 1980-1984)
इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद, रक्षा बजट पर ध्यान केंद्रित किया गया। 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान इंदिरा गांधी ने सैन्य खर्च को काफी बढ़ाया, जिससे भारत की सैन्य शक्ति मजबूत हुई।
- 1971 युद्ध (भारत-पाक): इस युद्ध के दौरान भारत ने अपने हथियारों, मिसाइलों और सैनिकों की संख्या में वृद्धि की। इसके साथ ही, भारत ने परमाणु हथियारों के विकास पर भी ध्यान दिया।
- रक्षा बजट: 1970s के अंत तक, भारत का रक्षा बजट GDP का लगभग 3% था।
3. राजीव गांधी और पीवी नरसिंह राव की सरकारें (1985-1990)
राजीव गांधी और पीवी नरसिंह राव के शासनकाल में, भारत ने रक्षा बजट में धीरे-धीरे वृद्धि की और नए हथियारों और मिसाइल प्रणालियों का आयात किया।
- राजीव गांधी (1985-1989): राजीव गांधी ने रक्षा आधुनिकीकरण की दिशा में कई कदम उठाए। उन्होंने कई नए हथियारों, मिसाइलों और फाइटर जेट्स का आयात किया।
- 1991: भारत ने पहली बार शांति मिशन में भाग लिया और विदेशी देशों से रक्षा उपकरणों का आयात शुरू किया।
4. अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के शासनकाल में (1998-2004)
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण किया, जो भारत की परमाणु शक्ति को प्रदर्शित करता है। इसके बाद, भारत का रक्षा खर्च और मिसाइल विकास कार्यक्रम तेजी से बढ़ा।
- पोखरण परमाणु परीक्षण (1998): भारत ने अपनी परमाणु क्षमता को बढ़ाने के लिए काफी निवेश किया।
- रक्षा बजट: इस समय तक, भारत का रक्षा बजट GDP का 2.5-3% था।
5. नरेन्द्र मोदी सरकार (2014 – वर्तमान)
नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से, भारत ने अपनी रक्षा क्षमता को और मजबूत किया है। सरकार ने आत्मनिर्भरता की दिशा में कई कदम उठाए हैं, जैसे कि “मेक इन इंडिया” अभियान के तहत हथियारों का स्वदेशी उत्पादन बढ़ाना।
- रक्षा बजट: 2023-24 में, भारत का रक्षा बजट ₹5.94 लाख करोड़ (लगभग 72.6 अरब डॉलर) था, जो पिछले साल के मुकाबले 13% अधिक था।
- मिसाइल और हथियारों में निवेश: भारत ने लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों, जैसे कि अग्नि और पृथ्वी, और ड्रोन तकनीक में भी भारी निवेश किया है।
6. आज के समय में सैन्य शक्ति और मिसाइलों में कौन सा देश है सबसे मजबूत?
आज के समय में, दुनिया में सबसे शक्तिशाली मिसाइलों और हथियारों के मामले में प्रमुख देश निम्नलिखित हैं:
1. संयुक्त राज्य अमेरिका (USA)
World News – अमेरिका का रक्षा बजट सबसे बड़ा है, जो सालाना $916 बिलियन से अधिक है। अमेरिका के पास अत्याधुनिक मिसाइल प्रणालियाँ, एंटी मिसाइल रक्षा प्रणाली और शक्तिशाली परमाणु हथियार हैं।
- जो ताकत बनाती है: उन्नत प्रौद्योगिकी, वैश्विक सैन्य उपस्थिति, और मजबूत परमाणु शक्ति।
2. चीन
चीन ने पिछले दो दशकों में अपने रक्षा बजट में तेजी से वृद्धि की है और अब वह दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा रक्षा खर्च करने वाला देश है। चीन की मिसाइल प्रणालियाँ और परमाणु हथियारों की क्षमता बहुत मजबूत है।
- जो ताकत बनाती है: लंबी दूरी की मिसाइलों और ड्रोन तकनीक में निवेश, आंतरराष्ट्रीय प्रभाव और बढ़ती सैन्य शक्ति।
3. रूस
रूस के पास अत्याधुनिक मिसाइल प्रणालियाँ हैं, जिनमें सामरिक और असामरिक दोनों प्रकार की मिसाइलें शामिल हैं। रूस ने अपनी सेना को पूरी तरह से आधुनिकीकरण किया है और मजबूत परमाणु शक्ति भी रखता है।
- जो ताकत बनाती है: शक्तिशाली परमाणु क्षमता और युद्धक तकनीक।
4. भारत
भारत ने अपनी मिसाइल प्रौद्योगिकी को लगातार मजबूत किया है और आज के समय में World के प्रमुख मिसाइल शक्तियों में शामिल है।
- जो ताकत बनाती है: अग्नि, पृथ्वी, ब्रह्मोस जैसी मिसाइल प्रणालियाँ, स्वदेशी रक्षा उत्पादन और क्षेत्रीय सुरक्षा में भूमिका।
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World News – आज के समय में, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, रूस और भारत मिसाइलों, हथियारों और रक्षा प्रणालियों के मामले में सबसे शक्तिशाली देशों में गिने जाते हैं। World ; इन देशों की ताकत उनके रक्षा बजट, तकनीकी विकास, और वैश्विक सैन्य उपस्थिति से जुड़ी हुई है। भारत ने अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ाने के लिए निरंतर निवेश किया है और आने वाले समय में इसे और भी मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है।