“Ladakh की बर्फीली हवा: हिमयुग की आहट या सर्दियों की सर्द दस्तक?”

Ladakh में सर्दी ने अपने चरम पर दस्तक दे दी है। तापमान इस हद तक गिर चुका है कि ड्रास, जिसे पहले से ही ‘भारत का सबसे ठंडा स्थान’ कहा जाता है,

Ladakh में सर्दी ने अपने चरम पर दस्तक दे दी है। तापमान इस हद तक गिर चुका है कि ड्रास, जिसे पहले से ही ‘भारत का सबसे ठंडा स्थान’ कहा जाता है, ने इस बार फिर से अपनी ख्याति को सही साबित किया। यहां तापमान -24.8°C तक पहुंच गया है। इसके अलावा कारगिल में -14.6°C और लेह में -13.3°C दर्ज किया गया। इतनी भीषण ठंड के चलते जनजीवन पर बुरा असर पड़ रहा है और लोग ठंड से बचने के लिए अपने घरों में कैद हो गए हैं।

ड्रास: ‘दूसरा सिबेरिया’

ड्रास, जिसे अक्सर ‘भारत का सिबेरिया’ भी कहा जाता है, Ladakh का एक महत्वपूर्ण इलाका है जो हर साल सर्दियों में हाड़ कंपा देने वाली ठंड का गवाह बनता है। इस बार तापमान -24.8°C तक गिर चुका है, जो पूरे देश में सबसे कम है।

  • यहां की सर्द हवाएं और बर्फबारी इसे जीने के लिए बेहद कठिन स्थान बना देती हैं।
  • स्थानीय लोग लकड़ी और कोयले से जलने वाले तंदूर के सहारे ठंड से बचने की कोशिश करते हैं।
  • पानी की आपूर्ति भी ठप हो जाती है क्योंकि जल स्रोत पूरी तरह जम जाते हैं।

कारगिल और लेह में भी बर्फीली स्थिति

ड्रास के अलावा, कारगिल और लेह में भी ठंड का कहर जारी है।

  • कारगिल में तापमान -14.6°C तक पहुंच गया है।
  • वहीं, लेह में यह -13.3°C दर्ज किया गया।
    इन दोनों स्थानों पर भीषण ठंड ने सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। लोग अपने जरूरी काम के लिए ही घर से बाहर निकल रहे हैं।

बर्फबारी ने बढ़ाई मुसीबत

Ladakh के इन इलाकों में भारी बर्फबारी हो रही है, जिसके कारण सड़कों पर आवाजाही में बाधा आ रही है।

  • कई सड़कें बर्फ से ढकी होने के कारण बंद हो गई हैं।
  • यहां तक कि कुछ हाईवे भी अस्थायी रूप से बंद कर दिए गए हैं ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना न हो।
  • स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और अनावश्यक यात्रा से बचने की हिदायत दी है।

बिजली और पानी की समस्या

भीषण ठंड के कारण बिजली और पानी की आपूर्ति में भी रुकावट आ रही है।

  • पाइपलाइनों में पानी जम जाने के कारण जल आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो चुकी है।
  • बिजली आपूर्ति भी बाधित हो रही है क्योंकि अत्यधिक ठंड के कारण विद्युत उपकरण सही ढंग से काम नहीं कर पा रहे हैं।
  • प्रशासन स्थिति को सुधारने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, लेकिन बर्फबारी और कड़ाके की ठंड के कारण मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।

स्थानीय लोगों का संघर्ष

Ladakh के लोग हर साल ऐसी कड़ाके की ठंड का सामना करते हैं। वे इसके लिए पहले से सर्दियों की तैयारियां कर लेते हैं।

  • खाद्यान्न और ईंधन का पर्याप्त भंडारण किया जाता है ताकि ठंड के दिनों में उन्हें बाहर न निकलना पड़े।
  • घरों को गर्म रखने के लिए तंदूर और हीटर का उपयोग किया जाता है।
  • ऊनी कपड़ों के साथ-साथ पारंपरिक पहनावे का सहारा लेकर लोग ठंड से बचते हैं।

पर्यटकों के लिए आकर्षण

भले ही यह मौसम स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती लेकर आता है, लेकिन पर्यटकों के लिए यह रोमांचकारी अनुभव होता है।

  • सर्दियों में लद्दाख का हिमाच्छादित सौंदर्य पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
  • कई पर्यटक इस दौरान बर्फबारी का लुत्फ उठाने के लिए यहां आते हैं।
  • हालांकि प्रशासन ने पर्यटकों से अपील की है कि वे मौसम को देखते हुए सतर्कता बरतें और सुरक्षित स्थानों पर ही ठहरें।

प्रशासन की तैयारी

Ladakh प्रशासन ने सर्दी से निपटने के लिए विशेष तैयारी की है।

  • राहत शिविर स्थापित किए गए हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में लोगों को सहायता मिल सके।
  • बर्फ हटाने वाली मशीनें तैनात की गई हैं ताकि मुख्य सड़कों को साफ रखा जा सके।
  • स्वास्थ्य सेवाओं को भी सुदृढ़ किया गया है ताकि ठंड से प्रभावित लोगों को समय पर इलाज मिल सके।

Ladakh

“Dhankar का दौरा: भविष्य के नौकरशाहों की नीति पर मंथन”

लद्दाख में कड़ाके की ठंड और भारी बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। प्रशासन जहां पूरी कोशिश कर रहा है कि स्थिति को सामान्य बनाया जा सके, वहीं स्थानीय लोग अपनी हिम्मत और धैर्य के बल पर इस भीषण ठंड का सामना कर रहे हैं।
इस बीच, पर्यटकों के लिए यह मौसम अद्वितीय अनुभव लेकर आता है, लेकिन उन्हें भी सतर्कता बरतने की जरूरत है। लद्दाख की यह हिमाच्छादित सुंदरता अपने भीतर एक रहस्यमयी आकर्षण समेटे हुए है, जो इसे और भी खास बनाती है।

Related Articles

Back to top button