राज्यों के विकास को गति: Central Government ने जारी किए ₹1,73,030 करोड़
Central सरकार द्वारा जनवरी 2025 में किया गया कर हस्तांतरण राज्यों के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में तेजी आएगी,
Central सरकार द्वारा राज्यों को कर हस्तांतरण (Tax Devolution) के रूप में धनराशि प्रदान की जाती है, ताकि राज्यों को अपनी विकास योजनाओं, पूंजीगत व्यय और कल्याणकारी कार्यक्रमों के लिए वित्तीय सहायता मिल सके। इस प्रक्रिया से राज्यों को वित्तीय स्वायत्तता प्राप्त होती है और वे अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार योजनाओं पर कार्य कर सकते हैं।
दिसंबर 2024 की तुलना में दोगुने से अधिक धनराशि जारी
जनवरी 2025 में Central सरकार ने ₹1,73,030 करोड़ की धनराशि राज्यों को कर हस्तांतरण के रूप में जारी की है, जो दिसंबर 2024 में हस्तांतरित ₹89,086 करोड़ की तुलना में दोगुने से भी अधिक है। यह बढ़ा हुआ हस्तांतरण राज्यों को अपनी विकास परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने और सामाजिक कल्याण से जुड़ी योजनाओं के लिए अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराने में सहायक होगा।
उच्चतर हस्तांतरण क्यों?
इस बार कर हस्तांतरण की राशि में वृद्धि के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं:
- राज्यों की विकास गति को बढ़ावा – उच्चतर धनराशि हस्तांतरित करने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य अपनी अधूरी परियोजनाओं को तेजी से पूरा कर सकें।
- पूंजीगत व्यय में तेजी – राज्यों का पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) बढ़ाने के लिए यह हस्तांतरण बेहद आवश्यक है, क्योंकि इससे अवसंरचना परियोजनाओं, सड़क निर्माण, स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा क्षेत्र में सुधार हो सकेगा।
- कल्याणकारी योजनाओं के लिए वित्त पोषण – राज्यों की कल्याणकारी योजनाओं, जैसे कि गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य सेवाएं और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है।
Central govt ; राज्यों की भूमिका
राज्यों की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने और देश के समग्र विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। राज्यों को प्रदान की गई धनराशि के सही उपयोग से ही बुनियादी ढांचे का विकास, रोजगार सृजन और सामाजिक कल्याण सुनिश्चित हो सकता है। इस बढ़े हुए कर हस्तांतरण से राज्य सरकारें अपने बजट घाटे को कम कर सकेंगी और नई परियोजनाओं को प्रारंभ करने में सक्षम होंगी।
कर हस्तांतरण की प्रक्रिया
Central सरकार राज्यों को कर हस्तांतरण वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर करती है। वित्त आयोग राज्यों की जनसंख्या, भूगोल, विकास स्तर और अन्य आर्थिक मानकों के आधार पर कर हस्तांतरण की हिस्सेदारी तय करता है। इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होता है कि सभी राज्यों को उनकी आवश्यकता के अनुसार धनराशि मिले और वे समान रूप से विकास कर सकें।
Central लाभ और संभावित प्रभाव
- अवसंरचना में सुधार – उच्चतर धनराशि से सड़क, बिजली, जल आपूर्ति जैसी बुनियादी सेवाओं का तेजी से विकास होगा।
- राज्यों की वित्तीय स्थिति में सुधार – अतिरिक्त हस्तांतरण से राज्यों का राजकोषीय घाटा कम होगा और वे अधिक वित्तीय योजनाएं बना सकेंगे।
- संतुलित विकास – यह हस्तांतरण देश के सभी हिस्सों में संतुलित विकास सुनिश्चित करने में सहायक होगा।
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Central सरकार द्वारा जनवरी 2025 में किया गया कर हस्तांतरण राज्यों के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में तेजी आएगी, बल्कि सामाजिक कल्याण से जुड़ी योजनाओं को भी बल मिलेगा। यह कदम राज्यों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और देश के समग्र विकास को गति देने में सहायक साबित होगा।