Trump ने Biden के फैसले के बाद फांसी की सजा लागू करने का किया वादा
Trump ने बाइडन के इस फैसले की तीव्र आलोचना की। ट्रंप ने कहा कि बाइडन का यह निर्णय न केवल अपराधियों को बचाने का एक प्रयास था, बल्कि यह उन परिवारों के साथ अन्याय था जिनके प्रियजन इन अपराधियों द्वारा मारे गए थे।
अमेरिका के राष्ट्रपति-निर्वाचित डोनाल्ड Trump ने 24 दिसंबर 2024 को एक बयान में यह वादा किया कि वह “जोरदार तरीके से” फांसी की सजा को लागू करेंगे, जब राष्ट्रपति जो बाइडन ने अधिकांश संघीय मौत की सजा पाए हुए कैदियों की सजा को कम कर दिया। बाइडन के इस फैसले को ट्रंप ने आलोचना करते हुए कहा कि यह निर्णय न केवल senseless (बेतुका) था, बल्कि यह अपराधियों के शिकारों के परिवारों के लिए एक अपमान था। ट्रंप का यह बयान बाइडन के उस फैसले के बाद आया, जिसमें 40 में से 37 कैदियों की मौत की सजा को जीवनभर की जेल में बदल दिया गया था।
बाइडन का सजा में बदलाव और उसका कारण
जो बाइडन ने 23 दिसंबर 2024 को एक ऐतिहासिक कदम उठाया था, जिसमें उन्होंने 40 मौत की सजा पाने वालों में से 37 की सजा को उम्रभर की जेल में बदल दिया। बाइडन ने यह फैसला संघीय मौत की सजा पर लगे प्रतिबंध के तहत किया, जो आतंकवाद और नफरत-प्रेरित सामूहिक हत्या के मामलों को छोड़कर लागू था। उनका कहना था कि यह कदम न्यायपूर्ण और मानवीय था, और यह देश में मौत की सजा के विवादास्पद मुद्दे को हल करने की दिशा में था।
बाइडन ने यह भी कहा कि सजा में यह बदलाव “उन परिवारों की यादों का सम्मान” करने के लिए किया गया, जो न्याय की लंबी प्रक्रिया में थक गए थे। उन्होंने यह भी जोर दिया कि इस कदम से अपराधियों को सुधारने का अवसर मिलेगा, बजाय इसके कि उन्हें मौत की सजा दी जाए।
Trump की आलोचना और प्रतिक्रिया
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड Trump ने बाइडन के इस फैसले की तीव्र आलोचना की। ट्रंप ने कहा कि बाइडन का यह निर्णय न केवल अपराधियों को बचाने का एक प्रयास था, बल्कि यह उन परिवारों के साथ अन्याय था जिनके प्रियजन इन अपराधियों द्वारा मारे गए थे। ट्रंप ने जोर देकर कहा कि यह “बेहद निरर्थक” था और उन लोगों के लिए अपमानजनक था जिनका जीवन इन अपराधियों ने छीन लिया।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर वह राष्ट्रपति बनते हैं तो वह इस फैसले को पलटने की पूरी कोशिश करेंगे और मौत की सजा को लागू करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। ट्रंप ने कहा कि उनकी सरकार “खुद को कमजोर नहीं होने देगी” और वह पूरी ताकत के साथ अपराधियों को कड़ी सजा दिलवाने के लिए काम करेंगे।
IND vs AUS मेलबर्न टेस्ट: अश्विन के संन्यास के बाद भारत एमसीजी में स्पिन टेस्ट के लिए तैयार
यह विवाद अमेरिकी न्याय व्यवस्था और समाज में मौत की सजा पर चल रही बहस को और तेज करता है। बाइडन और ट्रंप के दृष्टिकोणों में काफी अंतर है, और यह संकेत देता है कि आगामी राष्ट्रपति चुनावों में मौत की सजा और न्याय व्यवस्था एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनेगा। जहां बाइडन ने सजा को कम करने का कदम उठाया, वहीं ट्रंप ने सजा को लागू करने का वादा किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका में इस मुद्दे पर विचार-विमर्श और विवाद जारी रहेगा।