Chandigarh नगर निगम की बैठक में कांग्रेस और बीजेपी पार्षदों के बीच जमकर विवाद, डॉ. भीमराव अंबेडकर पर हुआ गर्मा-गर्मी
Chandigarh नगर निगम की सामान्य बैठक में आज कांग्रेस और बीजेपी के पार्षदों के बीच तीखी बहस और झड़प हो गई। यह विवाद खासतौर पर डॉ. भीमराव अंबेडकर के विषय पर उभरा, जब बीजेपी के नामित पार्षद अनिल मसीह ने कांग्रेस को निशाना बनाते हुए राहुल गांधी के जमानत पर होने का हवाला दिया।
Chandigarh नगर निगम की सामान्य बैठक में आज कांग्रेस और बीजेपी के पार्षदों के बीच तीखी बहस और झड़प हो गई। यह विवाद खासतौर पर डॉ. भीमराव अंबेडकर के विषय पर उभरा, जब बीजेपी के नामित पार्षद अनिल मसीह ने कांग्रेस को निशाना बनाते हुए राहुल गांधी के जमानत पर होने का हवाला दिया। वहीं, इस विवाद में आम आदमी पार्टी के पार्षद भी शामिल हो गए, जिससे स्थिति और भी उग्र हो गई। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित कर उनके इस्तीफे की मांग की, जबकि बीजेपी ने कांग्रेस पर डॉ. अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया।
बीजेपी पार्षद का आरोप
नामित पार्षद अनिल मसीह ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि राहुल गांधी जमानत पर बाहर हैं और उनका नाम नेशनल हेराल्ड मामले में शामिल है। मसीह ने यह टिप्पणी करते हुए कांग्रेस के नेताओं को निशाने पर लिया और उनकी नीतियों को आलोचना का विषय बनाया। मसीह का यह बयान जैसे ही कांग्रेस के पार्षदों के सामने आया, एक नई बहस शुरू हो गई, जिसमें कई मुद्दों पर तीखी बहस हुई। बीजेपी के इस आरोप का कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया और इसे पूरी तरह से राजनीतिक लाभ के लिए एक हमला बताया।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया, जिसमें उनकी पद से इस्तीफे की मांग की गई। इन दोनों दलों का कहना था कि अमित शाह का कार्यकाल आम नागरिकों के लिए असंवेदनशील और नकारात्मक था, और ऐसे में उन्हें सार्वजनिक जीवन से अलविदा ले लेना चाहिए। इस प्रस्ताव के साथ ही दोनों दलों ने शाह के खिलाफ राजनीतिक माहौल में अधिक सवाल उठाए और उनके खिलाफ सार्वजनिक विरोध जारी रखने की धमकी दी।
बीजेपी का पलटवार
Chandigarh नगर निगम वहीं, बीजेपी ने कांग्रेस पर एक और गंभीर आरोप लगाया। बीजेपी के पार्षदों का कहना था कि कांग्रेस ने हमेशा डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है, विशेषकर नेहरू के समय में। बीजेपी का आरोप था कि कांग्रेस ने अंबेडकर के योगदान को नजरअंदाज किया और उन्हें सही सम्मान नहीं दिया। बीजेपी ने इस बयान को लेकर कांग्रेस की आलोचना की और इसे उनके इतिहास के साथ न्याय न करने के रूप में देखा। बीजेपी ने कहा कि अंबेडकर का योगदान भारतीय समाज के लिए अपरिहार्य है, और कांग्रेस को उनकी भूमिका को सही रूप से पहचानना चाहिए।
Akhilesh Yadav – “Democracy में मतदाता के अधिकार की हत्या, भाजपा सरकार की..”
Chandigarh नगर निगम की बैठक में हुए इस विवाद ने राजनीति के उग्र रूप को एक बार फिर से उजागर किया है। डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान पर हो रही बहस और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ उठाए गए सवाल इस बात का संकेत हैं कि भारतीय राजनीति में सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों के लिए तीव्र संघर्ष जारी रहेगा। इस प्रकार के विवादों का असर केवल स्थानीय राजनीति पर नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी पड़ सकता है। राजनीति में अजनबी घटनाओं और मुद्दों के प्रति प्रतिक्रियाएं कहीं न कहीं लोकतंत्र की विविधता को दर्शाती हैं।