Israeli Defence Minister : हनीयेह की हत्या की जिम्मेदारी पहली बार स्वीकार की, यमेन में हूथी नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई की धमकी
Israeli Defence Minister , इस्राइल काट्ज ने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि इजरायल ने पिछले गर्मी में हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हनीयेह की हत्या की थी। हनीयेह की जुलाई में ईरान में एक विस्फोट में मौत हो गई थी, और इजरायल पर इस विस्फोट के पीछे होने का आरोप पहले से ही था।
Israeli Defence Minister , इस्राइल काट्ज ने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि इजरायल ने पिछले गर्मी में हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हनीयेह की हत्या की थी। हनीयेह की जुलाई में ईरान में एक विस्फोट में मौत हो गई थी, और इजरायल पर इस विस्फोट के पीछे होने का आरोप पहले से ही था। इस बयान में, काट्ज ने यह भी कहा कि इजरायल भविष्य में यमेन में हूथी विद्रोही नेताओं के खिलाफ भी ऐसी ही कार्रवाई कर सकता है, जिससे क्षेत्रीय राजनीति में तनाव और बढ़ सकता है।
हनीयेह की हत्या और इजरायल का बयान
इस्माइल हनीयेह, जो कि हमास के राजनीतिक प्रमुख थे, जुलाई 2024 में ईरान में एक संदिग्ध विस्फोट में मारे गए थे। पहले से ही यह माना जा रहा था कि इजरायल इस हमले के पीछे हो सकता है, लेकिन इजरायली अधिकारियों ने कभी भी इसका खुलासा नहीं किया था। अब, इजरायली रक्षा मंत्री ने इस हमले की जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए कहा कि हनीयेह की हत्या इजरायल की सुरक्षा के हित में थी। उनका कहना था कि हमास के नेताओं का खात्मा इजरायल की सुरक्षा नीति का एक हिस्सा था और इसके द्वारा इजरायल को आतंकवादियों के खिलाफ एक बड़ा झटका देने की कोशिश की गई थी।
हूथी विद्रोही नेताओं के खिलाफ इजरायल की धमकी
काट्ज ने कहा कि हनीयेह की हत्या से यह संदेश गया है कि इजरायल किसी भी स्थान पर आतंकवादी संगठनों और उनके नेताओं को निशाना बनाने से नहीं हिचकेगा। उन्होंने विशेष रूप से यमेन के हूथी विद्रोहियों का उल्लेख करते हुए कहा कि अगर इन समूहों ने इजरायल के खिलाफ कोई भी आक्रामक कदम उठाया, तो इजरायल उनकी लीडरशिप के खिलाफ भी ऐसी ही कार्रवाई करेगा। यह बयान क्षेत्रीय सुरक्षा पर नई बहस को जन्म दे सकता है, क्योंकि हूथी विद्रोही ईरान के समर्थक हैं और क्षेत्र में इजरायल के विरोधी माने जाते हैं।
इजरायल की सुरक्षा रणनीति
इजरायल की सुरक्षा नीति लंबे समय से इसके दुश्मनों के खिलाफ सक्रिय रही है, और यह देश आतंकवादी संगठनों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए जाना जाता है। हालांकि, कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा इजरायल के इस प्रकार के हमलों की आलोचना भी की जाती रही है। ऐसे हमले अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत सैन्य कार्रवाई के रूप में देखे जाते हैं और इसके परिणामस्वरूप कई बार जटिल कूटनीतिक समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
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इजरायली रक्षा मंत्री का बयान इस बात का संकेत है कि इजरायल अपने सुरक्षा हितों को लेकर पूरी तरह से सख्त है और किसी भी आतंकवादी संगठन को देश की सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई करेगा। इस बयान ने न केवल इजरायल और हमास के बीच तनाव को बढ़ाया है, बल्कि क्षेत्रीय राजनीति में भी नई जटिलताएं पैदा की हैं, खासकर यमेन के हूथी विद्रोहियों के संदर्भ में।