Lebanon में बमबारी से तबाह चर्च के मलबे में खड़ा छोटा क्रिसमस ट्री

Lebanon के दक्षिणी इलाके में स्थित सेंट जॉर्ज मेलकाइट कैथोलिक चर्च का एक दृश्य, जो अक्टूबर में इजरायली हवाई हमले में पूरी तरह से तबाह हो गया था, अब क्रिसमस के अवसर पर एक छोटे क्रिसमस ट्री से सजा हुआ है।

Lebanon के दक्षिणी इलाके में स्थित सेंट जॉर्ज मेलकाइट कैथोलिक चर्च का एक दृश्य, जो अक्टूबर में इजरायली हवाई हमले में पूरी तरह से तबाह हो गया था, अब क्रिसमस के अवसर पर एक छोटे क्रिसमस ट्री से सजा हुआ है। यह ट्री, जो मलबे के बीच खड़ा है, समुदाय की हिम्मत और उम्मीद का प्रतीक बनकर उभरा है। एक समय में यह चर्च स्थानीय लोगों के लिए एक जीवंत सामुदायिक केंद्र हुआ करता था, लेकिन अब इसके अवशेष ही बाकी हैं। यह दृश्य उस दर्द और संघर्ष की याद दिलाता है, जो लेबनान के लोग पिछले कई वर्षों से सह रहे हैं।

सेंट जॉर्ज चर्च का इतिहास और तबाही

सेंट जॉर्ज मेलकाइट कैथोलिक चर्च का निर्माण 18वीं शताब्दी में हुआ था और यह क्षेत्र के कई वर्षों से धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र था। चर्च की दीवारों में एक लंबी विरासत छिपी हुई थी, और यह समुदाय के लिए एक मजबूत आधार था। लेकिन अक्टूबर में हुए इजरायली हवाई हमले ने चर्च को नष्ट कर दिया, जिससे इसके संरचनात्मक ढांचे और ऐतिहासिक धरोहर को भारी नुकसान हुआ। इस हमले के बाद, चर्च अब मलबे में तब्दील हो गया, और इसके आसपास की जमीन पर संघर्ष की छापें साफ देखी जा सकती हैं।

गियॉर्ज एलीया का प्रयास

इन कठिन परिस्थितियों के बावजूद, गियॉर्ज एलीया, जो 40 साल के एक नगरपालिका कर्मचारी और चर्च के नियमित दर्शक हैं, ने यह सुनिश्चित किया कि क्रिसमस के दौरान इस चर्च के मलबे में कुछ नॉर्मलसी लौटे। उन्होंने क्रिसमस के मौके पर एक छोटा सा क्रिसमस ट्री लगाने का फैसला किया। यह कदम न केवल समुदाय को उत्साहित करने के लिए था, बल्कि यह शांति, आशा और एकजुटता का प्रतीक भी था। एलीया का कहना है, “इस चर्च का मलबा देख कर दिल दुखता है, लेकिन इस छोटे से क्रिसमस ट्री से हम यह संदेश देना चाहते हैं कि हम हार नहीं मानेंगे।”

क्रिसमस की भावना और आशा

क्रिसमस का त्योहार दुनिया भर में खुशियों और प्यार का प्रतीक माना जाता है, और गियॉर्ज एलीया का यह कदम उस भावना को पुनः जीवित करने का प्रयास था, जो इस क्षेत्र के लोग वर्षों से महसूस कर रहे हैं। यह ट्री समुदाय के लिए न केवल एक धार्मिक प्रतीक है, बल्कि यह संघर्ष और विनाश के बीच उम्मीद की एक किरण भी है। जब लेबनान के लोग संघर्षों और हवाई हमलों से उबरने की कोशिश कर रहे हैं, तो यह क्रिसमस ट्री उनके लिए एक संदेश भेजता है कि जीवन में हर मुश्किल के बाद नई शुरुआत की उम्मीद होनी चाहिए।

सीजफायर के बाद की स्थिति

इजरायल और Lebanon के हिज़बुल्ला मिलिटेंट्स के बीच कमजोर सीजफायर के बाद, क्षेत्र में तनाव कुछ कम हुआ है, लेकिन इसके बावजूद शांति की स्थिति अभी भी अस्थिर है। ऐसे में गियॉर्ज एलीया और उनके जैसे अन्य लोग यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके समुदाय को संकट और संघर्ष के बावजूद आशा और सहनशीलता की भावना बनी रहे। इस छोटे से क्रिसमस ट्री ने यही संदेश दिया है कि जो चीज़ें सबसे कठिन परिस्थितियों में भी जीवित रहती हैं, वह होती हैं हमारी उम्मीद और मानवता।

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Lebanon में सेंट जॉर्ज चर्च के मलबे में खड़ा छोटा क्रिसमस ट्री केवल एक सजावट नहीं है, बल्कि यह संघर्ष के बीच आशा और एकजुटता का प्रतीक बन गया है। गियॉर्ज एलीया द्वारा यह कदम यह दर्शाता है कि भले ही हमारे चारों ओर हर कुछ नष्ट हो जाए, लेकिन हमारी मानवता और विश्वास हमेशा जीवित रह सकते हैं। यह क्रिसमस का पर्व शांति और एकता की याद दिलाता है, और लोगों को यह एहसास कराता है कि जीवन में हमेशा एक नई शुरुआत संभव होती है।

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