Gurdaspur में ग्रेनेड हमले के आरोपी तीन खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स सदस्य मारे गए
Gurdaspur में हुए ग्रेनेड हमले के संदिग्ध तीन आतंकवादियों को उत्तर प्रदेश और पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम ने पिलिभीत में एक मुठभेड़ में मार गिराया।
Gurdaspur में हुए ग्रेनेड हमले के संदिग्ध तीन आतंकवादियों को उत्तर प्रदेश और पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम ने पिलिभीत में एक मुठभेड़ में मार गिराया। यह मुठभेड़ सोमवार, 23 दिसंबर 2024 को हुई। पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने इसे पाकिस्तान-समर्थित खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) मॉड्यूल के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सफलता के रूप में बताया है।
Gurdaspur ग्रेनेड हमले का विवरण
यह हमला 21 दिसंबर 2024 को Gurdaspur जिले में हुआ था, जब आतंकवादियों ने एक पुलिस चौकी के पास ग्रेनेड फेंका था, जिससे इलाके में दहशत फैल गई थी। इस हमले के बाद पंजाब और उत्तर प्रदेश पुलिस ने आतंकवादियों की तलाश शुरू कर दी थी, जो पाकिस्तान से जुड़े खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स से जुड़े बताए जा रहे थे। पुलिस को यह जानकारी मिली थी कि हमले में शामिल आरोपी पंजाब के गुरदासपुर जिले से हैं, और वे पिलिभीत जिले में छिपे हुए हो सकते हैं।
पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
सूचना मिलने के बाद, पंजाब पुलिस की खुफिया टीम और उत्तर प्रदेश पुलिस ने मिलकर पिलिभीत के एक दूरदराज के इलाके में तलाशी अभियान चलाया। पुलिस ने आतंकवादियों की गिरफ्तारी के लिए घेराबंदी की थी, लेकिन जब आतंकवादियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू की, तो दोनों तरफ से मुठभेड़ शुरू हो गई। मुठभेड़ में तीनों आतंकवादी मारे गए। पुलिस ने उनकी पहचान गुरविंदर सिंह (25), वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि (23), और जसप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह (18) के रूप में की है, जो सभी पंजाब के गुरदासपुर जिले के निवासी थे।
पंजाब पुलिस का बयान
पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने इस मुठभेड़ को एक बड़ी सफलता बताया और कहा कि यह पाकिस्तान द्वारा समर्थित खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के खिलाफ एक सख्त कार्रवाई का हिस्सा है। यादव ने यह भी बताया कि आतंकवादियों के पास से हथियार और आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है, जो इस बात का संकेत है कि वे बड़े आतंकवादी हमलों की योजना बना रहे थे।
आतंकवादियों की पहचान और उनकी गतिविधियां
मारे गए आतंकवादी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के सक्रिय सदस्य थे और इनका पाकिस्तान से सीधा संपर्क था। पंजाब पुलिस के मुताबिक, इन आतंकवादियों ने पाकिस्तान में स्थित अपने आकाओं से निर्देश प्राप्त किए थे और उन्होंने कई आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने की योजना बनाई थी। पुलिस के अनुसार, इन आतंकवादियों का मुख्य उद्देश्य पंजाब में शांति भंग करना और वहां आतंकवाद को पुनः बढ़ावा देना था।
मुखबिरों का अहम योगदान
पुलिस की सफलता में मुखबिरों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। उनके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर पुलिस ने इन आतंकवादियों का पता लगाया और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास को सफल बनाया।
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इस मुठभेड़ को एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है, जो आतंकवाद के खिलाफ जारी संघर्ष में एक महत्वपूर्ण कदम है। पंजाब और उत्तर प्रदेश पुलिस के संयुक्त प्रयासों ने आतंकवादियों की साजिश को नाकाम कर दिया है, जिससे राज्य में शांति और सुरक्षा बनाए रखने में मदद मिलेगी।