IndiGo ने DGCA के रात की उड़ानें घटाने के प्रस्ताव का विरोध किया

IndiGo एयरलाइंस ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा पायलटों के लिए रात की उड़ानों को घटाने के प्रस्ताव का विरोध किया है।

IndiGo एयरलाइंस ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा पायलटों के लिए रात की उड़ानों को घटाने के प्रस्ताव का विरोध किया है। एयरलाइन का कहना है कि यह प्रस्ताव इसके संचालन पर गंभीर असर डाल सकता है, खासकर तब जब एयरलाइनों की अंतरराष्ट्रीय विस्तार रणनीतियां और बढ़ते हुए रात की उड़ानों के कारण पायलटों में थकावट बढ़ी हुई है।

DGCA का प्रस्ताव: DGCA ने पायलटों के लिए रात की उड़ानों की परिभाषा में बदलाव का प्रस्ताव दिया था, जिसमें रात की उड़ानें केवल आधी रात से सुबह 5 बजे तक नहीं, बल्कि सुबह 6 बजे तक मानी जाएं। इसका उद्देश्य पायलटों के थकावट से जुड़े मामलों को कम करना था। भारतीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय का मानना है कि रात की उड़ानों में बढ़ती थकावट पायलटों की सुरक्षा पर असर डाल सकती है।

इंडिगो का विरोध: IndiGo ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है और इसका कहना है कि इस बदलाव का एयरलाइन के संचालन पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। एयरलाइन के ऑपरेशंस प्रमुख इसिद्रो पोरेकुरास ने DGCA को लिखे एक पत्र में कहा कि यह कदम उनके अंतरराष्ट्रीय और घरेलू संचालन को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि एयरलाइन के पास एक ठोस योजना है, जो पायलटों के कार्य घंटे को सुरक्षित रखने के लिए तैयार की गई है।

अंतरराष्ट्रीय विस्तार और बढ़ती थकावट: IndiGo का तर्क है कि उनके अंतरराष्ट्रीय विस्तार की रणनीति और अधिक रात की उड़ानों की आवश्यकता को देखते हुए इस तरह के प्रतिबंधों से एयरलाइन की संचालन क्षमता प्रभावित हो सकती है। जब एयरलाइन अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ान भर रही होती है, तो रात के समय के दौरान विमान संचालन की आवश्यकता होती है, और यह प्रतिबंध उनके विस्तार में रुकावट डाल सकता है। इसके अलावा, इंडिगो का कहना है कि पायलटों की थकावट एक बड़ा मुद्दा बन चुकी है, लेकिन इसे इस तरह से नियंत्रित किया जाना चाहिए कि एयरलाइन के संचालन में कोई व्यवधान न आए।

पायलटों की सुरक्षा और थकावट: थकावट से संबंधित चिंताएं बढ़ी हैं, और इसे लेकर कई एयरलाइनों ने पायलटों के कार्य घंटे पर ध्यान दिया है। हालांकि, इंडिगो का मानना है कि DGCA का प्रस्ताव सुरक्षा के बजाए संचालन पर ज्यादा असर डाल सकता है। एयरलाइन ने यह भी उल्लेख किया है कि उनकी नीति पहले से ही पायलटों की थकावट को नियंत्रित करने के लिए बनाई गई है, और यह इस प्रस्ताव को लागू करने के बजाय अधिक प्रभावी उपाय हो सकता है।

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IndiGo ने DGCA के प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा है कि यह एयरलाइन के संचालन और विकास पर प्रतिकूल असर डाल सकता है। हालांकि, यह मामला पायलटों की सुरक्षा और थकावट से जुड़ा है, और इसके समाधान के लिए एयरलाइन और नियामक दोनों को तालमेल बनाए रखना जरूरी होगा।

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