Sewer और सेप्टिक टैंक की सफाई: सरकार का दावा, जाति आधारित नहीं, व्यवसाय आधारित कार्य
Sewer और सेप्टिक टैंक सफाई को एक व्यवसाय आधारित गतिविधि के रूप में प्रस्तुत किया है, न कि जाति आधारित कार्य। 17 दिसंबर 2024 को केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्रालय ने संसद में बताया
केंद्र सरकार ने लोकसभा में Sewer और सेप्टिक टैंक सफाई को एक व्यवसाय आधारित गतिविधि के रूप में प्रस्तुत किया है, न कि जाति आधारित कार्य। 17 दिसंबर 2024 को केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्रालय ने संसद में बताया कि यह कार्य जाति से नहीं, बल्कि पेशे से जुड़ा हुआ है। यह जानकारी ‘NAMASTE’ कार्यक्रम के तहत किए गए सीवरेज और सेप्टिक टैंक सफाई कार्यकर्ताओं (SSWs) के पहले सर्वेक्षण से प्राप्त हुई है।
सरकार का सर्वेक्षण और आंकड़े
इस सर्वेक्षण में देश भर के शहरों और कस्बों में Sewer और सेप्टिक टैंक सफाई करने वाले श्रमिकों की स्थिति का विश्लेषण किया गया था। यह सर्वेक्षण ‘NAMASTE’ कार्यक्रम का हिस्सा था, जिसे सरकार ने सफाई कर्मचारियों के कल्याण के लिए लागू किया है। सर्वेक्षण के आंकड़े, जिन्हें सितंबर 2024 में ‘द हिंदू’ ने पहली बार रिपोर्ट किया, बताते हैं कि लगभग 92% श्रमिक Scheduled Castes (SCs), Scheduled Tribes (STs) और Other Backward Classes (OBCs) से आते हैं, जबकि लगभग 8% श्रमिक जनरल कैटेगरी से हैं।
पारंपरिक दृष्टिकोण और सरकार का तर्क
पारंपरिक रूप से, इस श्रेणी के कार्यों को जाति आधारित माना जाता रहा है, विशेष रूप से भारत में सफाई और Sewer काम करने वाले कई श्रमिकों को सामाजिक रूप से निचली जातियों से जोड़ा जाता है। लेकिन सरकार का कहना है कि इस नए सर्वेक्षण के आधार पर यह स्पष्ट हो गया है कि यह कार्य एक व्यवसाय आधारित गतिविधि है, जो मुख्य रूप से उन व्यक्तियों द्वारा किया जाता है जो इसे अपने जीवनयापन के लिए चुनते हैं, न कि यह एक जाति आधारित अनिवार्यता हो।
NAMASTE कार्यक्रम और उसके उद्देश्यों
NAMASTE कार्यक्रम (National Action for Mechanized Sanitation Ecosystem) का उद्देश्य Sewer और सेप्टिक टैंक सफाई कार्य में लगे श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार करना है। यह कार्यक्रम स्वच्छता मिशन के तहत केंद्र सरकार द्वारा चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य इन श्रमिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देना है। कार्यक्रम के अंतर्गत, इन कार्यों को यांत्रिक रूप से करने के लिए संसाधन और उपकरण प्रदान किए जा रहे हैं, ताकि श्रमिकों को शारीरिक जोखिम से बचाया जा सके और उन्हें बेहतर कार्य परिस्थितियाँ मिल सकें।
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भविष्य की दिशा
केंद्र सरकार का यह बयान उस पुराने दृष्टिकोण को चुनौती देता है जो इस कार्य को जाति से जोड़ता है। अब सरकार की कोशिश है कि इस पेशे को एक पेशेवर दृष्टिकोण से देखा जाए, जहां कार्यकुशलता और तकनीकी उन्नति पर ध्यान केंद्रित हो। सर्वेक्षण के आंकड़े यह भी बताते हैं कि एक बड़ी संख्या में SC, ST और OBC वर्ग के लोग इस कार्य में लगे हुए हैं, इसलिए इन समुदायों के कल्याण के लिए उचित उपायों की आवश्यकता है।
इसके अतिरिक्त, NAMASTE कार्यक्रम और अन्य सरकारी योजनाओं के जरिए, सरकार इस पेशे को अधिक सम्मानजनक और सुरक्षित बनाने का प्रयास कर रही है, ताकि भविष्य में इस क्षेत्र के श्रमिकों को बेहतर रोजगार और अवसर मिल सकें।