Big Tech की Trump से नजदीकी बढ़ाने की उम्मीदें

Trump से रिश्ते सुधारने के लिए एक लंबी प्रक्रिया शुरू की थी। इस प्रक्रिया में मुलाकातें, डिनर, कॉल्स, वित्तीय प्रतिबद्धताएं और सोशल मीडिया

2016 में, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के बाद से, Big Tech कंपनियों के प्रमुखों ने डोनाल्ड Trump से रिश्ते सुधारने के लिए एक लंबी प्रक्रिया शुरू की थी। इस प्रक्रिया में मुलाकातें, डिनर, कॉल्स, वित्तीय प्रतिबद्धताएं और सोशल मीडिया के माध्यम से ओटरेचर शामिल थे। इन प्रमुख कंपनियों में Apple के टिम कुक, OpenAI के सैम अल्टमैन, Meta के मार्क जुकरबर्ग, SoftBank के मासायोशी सोन और Amazon के जेफ बेजोस शामिल थे। इन नेताओं का उद्देश्य Trump के साथ अच्छे रिश्ते बनाने का था, जिससे भविष्य में उनके कारोबार पर सकारात्मक असर पड़ सके।

व्यवसाय के लिए स्थिरता और लाभ

बड़ी टेक कंपनियाँ, जिनमें सैकड़ों अरबों डॉलर का कारोबार है, राजनीतिक स्थिरता की चाहत रखती हैं। Trump के साथ अच्छे रिश्ते बनाने से उन्हें अमेरिकी सरकार से किसी भी प्रकार की नकारात्मक नीतियों या निर्णयों से बचने का अवसर मिल सकता था। अमेरिकी सरकार के फैसले तकनीकी कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं, जैसे डेटा सुरक्षा, प्राइवेसी नियम, और प्रतिस्पर्धा कानून। ट्रंप के साथ मजबूत संबंधों के कारण ये कंपनियाँ अपने ऑपरेशन में कम जोखिम महसूस कर सकती हैं और सरकार से अधिक सहयोग प्राप्त कर सकती हैं।

नौकरियों और निवेश को बढ़ावा

Trump के शासन में, व्यापार जगत को यह उम्मीद थी कि उनका प्रशासन कारोबारी हितों का समर्थन करेगा। विशेष रूप से, बड़े टेक कंपनियाँ अमेरिकी अर्थव्यवस्था में निवेश और रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित कर रही थीं। ट्रंप के आर्थिक दृष्टिकोण को देखते हुए, इन कंपनियों ने अमेरिका में बड़े निवेश और नए रोजगार अवसरों का वादा किया। उदाहरण के लिए, ट्रंप से मुलाकात करने के दौरान Apple के टिम कुक ने अपने उत्पादन को अमेरिका में बढ़ाने की योजना का उल्लेख किया, जबकि अन्य कंपनियों ने इसी तरह के वादे किए।

नए नियमों से लाभ की उम्मीद

Trump के प्रशासन से टेक कंपनियाँ कुछ नियमों में लचीलापन और रियायत की उम्मीद कर रही थीं। उदाहरण के लिए, इन कंपनियों को डेटा सुरक्षा, प्रतिस्पर्धा कानूनों और टैक्स नीति में कुछ ढील मिलने की संभावना थी। ट्रंप का प्रशासन परंपरागत रूप से व्यवसाय के लिए अनुकूल था, और बड़ी टेक कंपनियाँ इसे एक अवसर के रूप में देख रही थीं।

सोशल मीडिया और सार्वजनिक छवि को आकार देना

बड़ी टेक कंपनियों के प्रमुख, जैसे कि Mark Zuckerberg और Tim Cook, ने Trump से व्यक्तिगत संबंध स्थापित करने का भी प्रयास किया। इस रणनीति से उनका उद्देश्य था कि वे सार्वजनिक रूप से अपने ब्रांड की छवि को बनाए रखें और अपने कर्मचारियों और उपभोक्ताओं के बीच विश्वास का माहौल बना सकें। ट्रंप के साथ रिश्ते बनाने से न केवल ये कंपनियाँ राजनीतिक क्षेत्रों में अपनी स्थिति मजबूत कर सकती थीं, बल्कि वे यह भी सुनिश्चित कर सकती थीं कि उनका काम काजी माहौल सकारात्मक रहे।

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अंततः, Trump के साथ नजदीकी बढ़ाने का उद्देश्य व्यापारिक लाभ, सरकारी नीतियों पर प्रभाव और सार्वजनिक छवि को सुधारने का था। बड़ी टेक कंपनियाँ समझ रही थीं कि राष्ट्रपति चुनावों के परिणाम के आधार पर उन्हें अमेरिकी सरकार से अधिक सहयोग मिल सकता है, जिससे उनका कारोबार और विकास प्रभावित हो सकता है।

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