Priyanka Gandhi का पहला भाषण: ” केंद्रीय मंत्रालयों पर प्रियंका ने किया तीखा हमला”

Priyanka गांधी वाड्रा ने अपने पहले संसद भाषण में केंद्र सरकार की विभिन्न मंत्रालयों की कार्यप्रणाली पर कड़ी आलोचना की।

Priyanka गांधी वाड्रा ने अपने पहले संसद भाषण में केंद्र सरकार की विभिन्न मंत्रालयों की कार्यप्रणाली पर कड़ी आलोचना की। प्रियंका ने कहा कि सरकार की नीतियों और योजनाओं में न केवल असंवेदनशीलता दिखाई दे रही है, बल्कि यह भी स्पष्ट है कि कई मंत्रालयों ने अपनी जिम्मेदारियां ठीक से निभाई नहीं हैं।

Priyanka गांधी का आरोप

Priyanka गांधी ने विशेष रूप से यह कहा कि सभी मंत्रालयों में गंभीर समस्याएं हैं और इन समस्याओं को सुलझाने के लिए सरकार के पास कोई ठोस योजना नहीं है। उन्होंने कहा,

“केंद्र सरकार के सारे मंत्रालय केवल कागजी योजना तक सीमित हो गए हैं। कोई भी मंत्रालय अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा रहा है, और यह देश के लिए खतरनाक है।”

Priyanka ने आगे यह भी कहा कि सरकार के पास न तो किसानों के लिए कोई ठोस नीति है, न महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कोई निर्णायक कदम उठाए जा रहे हैं, और न ही युवाओं के लिए रोजगार की कोई स्पष्ट योजना है।

किसानों के मामले में लापरवाही

Priyanka गांधी ने किसानों के मुद्दे पर सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा,

“कृषि मंत्रालय ने किसानों की समस्याओं को कभी गंभीरता से नहीं लिया। किसान अपने हक के लिए सड़कों पर हैं, लेकिन सरकार उनकी ओर से आंखें मूंदे बैठी है।”
प्रियंका ने यह आरोप भी लगाया कि सरकार ने किसान बिलों के मुद्दे पर सिर्फ राजनीति की, और कृषि के विकास के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए।

महिलाओं और बच्चों के लिए मंत्रालय की असफलताएं

प्रियंका गांधी ने महिलाओं और बच्चों के अधिकारों के संरक्षण के लिए बने मंत्रालयों की आलोचना की। उन्होंने कहा,

“महिला सुरक्षा के नाम पर सिर्फ घोषणा की जाती है, लेकिन न तो महिला मंत्रालय ने कोई ठोस कदम उठाया है और न ही बच्चों के लिए कुछ किया गया है।”
प्रियंका ने महिला सुरक्षा को लेकर सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि सरकार का महिला के प्रति दृष्टिकोण नकारात्मक और भेदभावपूर्ण है।

युवाओं के लिए रोजगार के मुद्दे पर हमला

Priyanka ने युवाओं के रोजगार मुद्दे पर भी कड़ी टिप्पणी की। उन्होंने कहा,

“युवाओं के लिए रोजगार मंत्रालय ने कुछ भी ठोस नहीं किया है। लाखों लोग बेरोजगार हैं, और मंत्रालय सिर्फ आंकड़े प्रस्तुत कर रहा है।”
प्रियंका गांधी ने सरकार को यह याद दिलाया कि अगर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर नहीं पैदा किए गए, तो देश का भविष्य अंधकारमय हो सकता है।

Priyanka Gandhi : “देश का किसान भगवान जैसा है, वह रो रहे हैं, एक आदमी को बचाने के लिए भारत की जनता को नकारा जा रहा है!”

Priyanka गांधी ने अपने पहले भाषण में केंद्र सरकार और उसके मंत्रालयों की कार्यप्रणाली की कठोर आलोचना की। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि केंद्र सरकार के मंत्रालय अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाने में नाकाम रहे हैं, और इसके परिणामस्वरूप आम जनता, किसान, महिलाएं और युवा वर्ग प्रभावित हो रहे हैं। प्रियंका का यह भाषण न केवल सत्ता पक्ष के खिलाफ एक तीखा हमला था, बल्कि यह देश की मौजूदा राजनीति और प्रशासन पर गहरे सवाल भी उठाता है।

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