Akhilesh yadav ने ‘न्यूज नशा’ कार्यक्रम में दिया बड़ा बयान, कहा- “नशा खबर का होता है”
Akhilesh यादव ने एक अहम बयान दिया। इस कार्यक्रम का आयोजन मीडिया से जुड़ी जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया था
30 नवंबर 2024 को लखनऊ में आयोजित न्यूज नशा कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के प्रमुख Akhilesh यादव ने एक अहम बयान दिया। इस कार्यक्रम का आयोजन मीडिया से जुड़ी जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया था, जिसमें अखिलेश यादव ने ‘न्यूज नशा’ शब्द का मतलब और इसके प्रभाव को समझाया। उन्होंने कहा कि ‘न्यूज नशा’ का नशा शराब या अन्य नशीले पदार्थों जैसा नहीं होता, बल्कि यह खबरों का नशा हो सकता है, जो लोगों के मानसिक और सामाजिक दृष्टिकोण को प्रभावित करता है।
‘न्यूज नशा’ का मतलब
Akhilesh यादव ने इस मौके पर कहा, “न्यूज नशा का मतलब सिर्फ खबरों का एक ऐसा असर है, जो लोगों की आदतों और सोच को बदल देता है। यह नशा ऐसा होता है जिसे हम देख रहे हैं, पढ़ रहे हैं और जो हमारे दिमाग पर गहरी छाप छोड़ता है।” उन्होंने इसे एक मानसिक स्थिति के रूप में परिभाषित किया, जहां खबरों का असर किसी नशे की तरह हो जाता है। यह नशा न केवल समाज में घटनाओं को लेकर लोगों की सोच को प्रभावित करता है, बल्कि यह समाज में नए विचार और भावनाओं को भी जन्म देता है।
‘न्यूज नशा’ की भूमिका और प्रभाव
Akhilesh यादव ने बताया कि कैसे खबरें समाज को प्रभावित करती हैं और लोग बिना किसी बारीकी के उनके प्रभाव में आ जाते हैं। उन्होंने कहा, “यह नशा गलत खबरों से भी हो सकता है, क्योंकि गलत जानकारी से समाज में भ्रम और नफरत फैलती है। मीडिया का यह दायित्व है कि वह सही और संतुलित खबरें प्रदान करे।”
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कई बार खबरों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाता है, जो समाज में नकारात्मक विचार और संवेदनशीलता को जन्म देता है। अखिलेश ने मीडिया से अपील की कि वह अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए समाज में सकारात्मक माहौल बनाने के लिए काम करे।
‘न्यूज नशा’ और मीडिया की जिम्मेदारी
इस अवसर पर Akhilesh यादव ने मीडिया की भूमिका को भी समझाया। उन्होंने कहा कि मीडिया समाज का आईना होता है और इसे सही दिशा में काम करना चाहिए। अखिलेश ने यह भी कहा कि ‘न्यूज नशा’ लोगों को जागरूक करने के बजाय उन्हें भ्रमित और नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है, यदि खबरों को बिना सटीकता के प्रसारित किया जाता है।
उन्होंने कहा, “आजकल खबरों का असर बहुत तेज़ी से फैलता है और इसका असर समाज की सोच पर होता है। इसलिए यह जरूरी है कि मीडिया खबरों की सत्यता को जानकर ही उसे प्रसारित करे।”
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Akhilesh यादव का यह बयान ‘न्यूज नशा’ के महत्व को उजागर करता है, जिसमें वह खबरों की जिम्मेदारियों और उनके असर को स्पष्ट करते हैं। यह कार्यक्रम इस दिशा में एक कदम था ताकि लोग यह समझ सकें कि खबरों का नशा मानसिक रूप से उन्हें किस प्रकार प्रभावित कर सकता है। इस विषय पर और गहरी समझ और जागरूकता के लिए इस प्रकार के आयोजन भविष्य में और अधिक प्रभावी साबित हो सकते हैं।