South Korea – राष्ट्रपति यूं ने मार्शल लॉ डिक्री का बचाव किया, विद्रोह के आरोप खारिज

South Korea के राष्ट्रपति यून सुक योल ने गुरुवार (12 दिसंबर, 2024) को अपनी मार्शल लॉ डिक्री का बचाव करते हुए इसे शासन का एक आवश्यक कदम बताया।

South Korea के राष्ट्रपति यून सुक योल ने गुरुवार (12 दिसंबर, 2024) को अपनी मार्शल लॉ डिक्री का बचाव करते हुए इसे शासन का एक आवश्यक कदम बताया। उन्होंने विपक्ष के नेतृत्व में अपने खिलाफ लाए गए विद्रोह के आरोपों और महाभियोग प्रयासों को खारिज कर दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि यह कदम कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया था और इसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं हुई।

विपक्ष की महाभियोग की तैयारी

South Korea राष्ट्रपति के इस बयान के कुछ घंटे बाद, मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने एक नया महाभियोग प्रस्ताव तैयार करने की घोषणा की। विपक्ष इस प्रस्ताव को इस शनिवार (14 दिसंबर, 2024) को संसद में वोट के लिए पेश करेगा। यह कदम राष्ट्रपति द्वारा पिछले सप्ताह उठाए गए मार्शल लॉ डिक्री के खिलाफ बढ़ते असंतोष का प्रतीक है।

South Korea राष्ट्रपति का टेलीविजन संबोधन

अपने टेलीविजन संबोधन में,South Korea राष्ट्रपति यून ने जोर देकर कहा कि उनका निर्णय देश के लिए आवश्यक था और इसे संविधान के तहत लागू किया गया। उन्होंने विपक्ष पर राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित होकर उनके खिलाफ विद्रोह के आरोप लगाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “मैंने जो किया, वह शासन और नागरिकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक था। इसे विद्रोह करार देना पूरी तरह से निराधार है।”

विपक्ष का आरोप

डेमोक्रेटिक पार्टी का आरोप है कि मार्शल लॉ डिक्री का उपयोग राष्ट्रपति ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने के लिए किया। विपक्ष ने इसे राष्ट्रपति की सरकार के तानाशाही मंसूबों का संकेत बताया और कहा कि यह दक्षिण कोरिया के लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा है।

महाभियोग की प्रक्रिया

डेमोक्रेटिक पार्टी ने कहा कि वे शनिवार को महाभियोग प्रस्ताव संसद में लाएंगे। यदि यह प्रस्ताव पास होता है, तो राष्ट्रपति यून को अपने पद से अस्थायी रूप से हटना पड़ सकता है और उनके खिलाफ जांच शुरू की जाएगी। हालाँकि, सत्तारूढ़ पार्टी ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि यह विपक्ष द्वारा शक्ति के अनुचित उपयोग का उदाहरण है।

सरकार का रुख

सरकार के प्रवक्ता ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह देश में स्थिरता बनाए रखने की एक राजनीतिक आवश्यकता थी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति यून को बदनाम करने और अस्थिरता फैलाने के लिए विपक्ष इस तरह के कदम उठा रहा है।

राजनीतिक संकट का प्रभाव

South Korea वर्तमान में राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है। राष्ट्रपति यून और विपक्ष के बीच यह टकराव देश के लोकतांत्रिक संस्थानों और आर्थिक माहौल पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।

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आगे की स्थिति

शनिवार को होने वाले महाभियोग प्रस्ताव पर वोटिंग से यह स्पष्ट होगा कि South Korea राष्ट्रपति यून के खिलाफ विपक्ष की रणनीति सफल होती है या नहीं। आने वाले दिन देश की राजनीति के लिए अहम साबित हो सकते हैं।

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