Opposition ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस किया दायर
Opposition का अविश्वास प्रस्ताव एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मुद्दा बन चुका है। यह सदन की कार्यवाही की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल उठाता है।
Opposition दलों ने 10 दिसंबर 2024 को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए एक नोटिस दायर किया। उनका आरोप है कि उपराष्ट्रपति ने सदन की कार्यवाही को पक्षपाती तरीके से चलाया है। यह कदम तब उठाया गया है जब संसद में विपक्षी दलों के बीच असंतोष और असहमति बढ़ती जा रही है।
अविश्वास प्रस्ताव का कारण
Opposition दलों का आरोप है कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही के दौरान केवल सरकार के पक्ष को ही बढ़ावा दिया है और विपक्ष को उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया है। विपक्ष का कहना है कि सदन में उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों और सवालों को नजरअंदाज किया गया, जबकि सरकार के पक्ष के प्रस्तावों को बिना किसी बाधा के मंजूरी मिलती रही। यह आरोप है कि उपराष्ट्रपति की अध्यक्षता में सदन की कार्यवाही निष्पक्ष और लोकतांत्रिक तरीके से नहीं चल रही है।
Opposition दलों का आरोप
Opposition दलों ने यह भी कहा कि उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कई मौकों पर उनके सांसदों को बोलने का पूरा अवसर नहीं दिया और कई बार विपक्षी सदस्यों को उनका मत रखने से रोका। विपक्ष का कहना है कि यह सदन के सम्मान और लोकतंत्र के मूल्यों के खिलाफ है। उनके मुताबिक, उपराष्ट्रपति को निष्पक्ष रहकर सदन की कार्यवाही चलानी चाहिए, लेकिन उन्होंने इसके उलट काम किया है। इस कारण विपक्षी दलों ने इस कदम को उठाने का निर्णय लिया है।
संसद में बढ़ते विवाद
संसद में यह विवाद तब और गहरा गया जब विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को सार्वजनिक रूप से उठाया। विपक्षी नेताओं का कहना है कि सदन की कार्यवाही में ऐसी असहमति और विवाद नहीं होने चाहिए, क्योंकि इससे न केवल लोकतंत्र की गरिमा को ठेस पहुंचती है, बल्कि आम जनता का विश्वास भी कम होता है।
इसके अलावा, विपक्षी नेताओं ने यह भी कहा कि इस प्रकार के आरोप और अविश्वास प्रस्ताव, एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा हैं और इस तरह के कदम उठाए जाने से ही लोकतंत्र में पारदर्शिता बनी रहती है। उनका कहना है कि उपराष्ट्रपति का काम सभी दलों के विचारों को समान रूप से सुनना और पक्षपाती नहीं होना चाहिए।
संभावित असर
Opposition द्वारा दायर किया गया यह नोटिस संसद में एक बड़ा मुद्दा बन गया है। यदि अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो यह एक ऐतिहासिक घटनाक्रम होगा, क्योंकि पहले कभी भी उपराष्ट्रपति के खिलाफ इस तरह का प्रस्ताव नहीं लाया गया है। इस घटनाक्रम से सरकार और विपक्ष के बीच राजनीति और भी तीव्र हो सकती है।
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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ Opposition का अविश्वास प्रस्ताव एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मुद्दा बन चुका है। यह सदन की कार्यवाही की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल उठाता है। आगामी दिनों में इस मामले में और भी घटनाक्रम सामने आ सकते हैं, जो भारतीय राजनीति में एक नए मोड़ को दर्शा सकते हैं।