AAP ने 16 विधायक बदले, 13 नेताओं को दिया टिकट – केजरीवाल की चुनावी रणनीति
AAP) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव करते हुए 16 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया है
आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव करते हुए 16 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया है और अब तक 13 ‘टर्नकोट’ नेताओं को पार्टी में शामिल कर चुनावी मैदान में उतारा है। यह कदम दिल्ली की राजनीति में नए समीकरणों को जन्म दे सकता है और अरविंद केजरीवाल की चुनावी रणनीति को लेकर सवाल खड़े कर रहा है।
16 मौजूदा विधायकों को नजरअंदाज करना
AAP ने दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी के तहत 16 मौजूदा विधायकों को टिकट देने से इनकार कर दिया है। इस निर्णय के पीछे पार्टी का उद्देश्य न केवल नए चेहरों को मौका देना बल्कि पार्टी की छवि को ताजगी और नवीनता से भरना भी है। हालांकि, इस फैसले से पार्टी में असंतोष भी बढ़ सकता है क्योंकि इन विधायकों ने पिछले चुनावों में पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की थी और अब उन्हें बाहर करना एक विवादास्पद कदम हो सकता है।
13 ‘टर्नकोट’ नेताओं को पार्टी में शामिल करना
दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP ने अब तक 13 नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल किया है, जो पहले अन्य दलों में थे। ये नेता मुख्य रूप से भाजपा और कांग्रेस से आए हैं, जो अब AAP के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरेंगे। इन नेताओं को ‘टर्नकोट’ कहा जा रहा है, क्योंकि उन्होंने अपनी पार्टी बदलने के बाद AAP के साथ आकर केजरीवाल के नेतृत्व को समर्थन दिया है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या AAP अपनी सत्ता को बढ़ाने के लिए इन नेताओं का इस्तेमाल कर रही है?
केजरीवाल की चुनावी रणनीति
अरविंद केजरीवाल की यह रणनीति विपक्षी दलों से नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करके अपने चुनावी कद को और बढ़ाने की है। AAP के लिए यह कदम राजनीतिक फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इन नेताओं के पास पहले से ही चुनावी नेटवर्क और समर्थक होते हैं। हालांकि, यह भी देखा जाएगा कि AAP में नए नेताओं को कितनी सफलता मिलती है और पार्टी की छवि पर इसका क्या असर पड़ता है।
पार्टी में असंतोष और विवाद
AAP के भीतर टिकट न मिलने वाले विधायकों और नेताओं के बीच असंतोष बढ़ सकता है। पार्टी के अंदरूनी विवाद और असंतोष के बावजूद, केजरीवाल के नेतृत्व में पार्टी अपनी चुनावी रणनीति को लेकर बेहद सतर्क और सजग नजर आ रही है। टिकट वितरण और नेताओं की चयन नीति पर पार्टी को अपने आधार पर भी निर्णय लेना होगा, ताकि चुनावी प्रदर्शन प्रभावित न हो।
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AAP ने जो कदम उठाए हैं, वे दिल्ली विधानसभा चुनाव की राजनीति को एक नए मोड़ पर ला सकते हैं। 16 मौजूदा विधायकों का बाहर होना और 13 ‘टर्नकोट’ नेताओं का पार्टी में आना अरविंद केजरीवाल की चुनावी रणनीति का हिस्सा है, जो आगामी चुनावों में अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। अब यह देखना होगा कि इस रणनीति का कितना फायदा पार्टी को मिलता है और क्या यह पार्टी के भीतर के असंतोष को बढ़ाए बिना दिल्ली में अपना प्रभुत्व बना पाती है।