Bharat में निवेश करना लाभदायक: पीएम मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ पहल की राष्ट्रपति पुतिन ने की तारीफ
Bharat को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। राष्ट्रपति पुतिन की सराहना से यह साबित होता है
Bharat प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई ‘मेक इन इंडिया’ पहल को न केवल Bharat में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी सराहना मिल रही है। हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस पहल की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने इसे भारत की आत्मनिर्भरता और वैश्विक व्यापार के लिए एक मजबूत कदम बताया।
पुतिन की सराहना: भारत के बढ़ते आर्थिक प्रभाव का संकेत
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल ने विदेशी निवेशकों के लिए नए अवसर खोले हैं। उन्होंने Bharat की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और स्थिर राजनीतिक माहौल को निवेश के लिए अनुकूल बताया। पुतिन के अनुसार, यह पहल भारत और रूस के बीच व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने में सहायक है।
‘मेक इन इंडिया’ का उद्देश्य
- ‘मेक इन इंडिया’ पहल की शुरुआत सितंबर 2014 में की गई थी।
- इसका उद्देश्य भारत को विनिर्माण हब बनाना और विदेशी निवेश को आकर्षित करना है।
- इस पहल के तहत 25 क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है, जिनमें ऑटोमोबाइल, रक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, और फार्मास्युटिकल शामिल हैं।
रूस-Bharat व्यापार संबंध
- रूस Bharat का एक पुराना और विश्वसनीय व्यापारिक साझेदार है।
- दोनों देशों ने ऊर्जा, रक्षा, और तकनीकी क्षेत्र में बड़े समझौते किए हैं।
- ‘मेक इन इंडिया’ पहल ने रूस को भारत में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया है, खासकर रक्षा और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में।
विदेशी निवेशकों के लिए भारत क्यों है आकर्षक?
- स्थिरता और विकास दर
- भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।
- राजनीतिक स्थिरता और व्यापारिक सुधारों ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है।
- विशाल बाजार
- भारत का बड़ा उपभोक्ता बाजार निवेशकों के लिए एक बड़ा आकर्षण है।
- यहां की युवा आबादी और बढ़ती मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करती है।
- सरल व्यापार नीति
- ‘मेक इन इंडिया’ के तहत लाइसेंसिंग प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।
- GST जैसे सुधारों ने व्यापार को आसान और पारदर्शी बनाया है।
भारत के लिए यह सराहना क्यों महत्वपूर्ण?
- राष्ट्रपति पुतिन जैसे वैश्विक नेता की सराहना से ‘मेक इन इंडिया’ पहल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है।
- यह पहल भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करती है और विदेशी निवेश को बढ़ावा देती है।
चुनौतियां और आगे की राह
- हालांकि ‘मेक इन इंडिया’ ने कई क्षेत्रों में सफलता पाई है, लेकिन इसमें कुछ चुनौतियां भी हैं।
- बुनियादी ढांचे में सुधार और कुशल कार्यबल का निर्माण आवश्यक है।
- सरकार को नए क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए और अधिक नीतिगत सुधार लाने होंगे।
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‘मेक इन इंडिया’ पहल Bharat को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। राष्ट्रपति पुतिन की सराहना से यह साबित होता है कि यह पहल न केवल भारत के लिए बल्कि वैश्विक निवेशकों के लिए भी लाभदायक है। यह भारत के आर्थिक और व्यापारिक भविष्य को उज्जवल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।